भर्राही थाना का घूसखोरी कांड: दारोगा सस्पेंड, अब थानाध्यक्ष पर जनता का फूटा गुस्सा, बर्खास्तगी की उठी मांग
प्रशांत कुमार/मधेपुरा/ कोसी टाइम्स पर खबर प्रकाशित होने के बाद भर्राही थाना में घूसखोरी को लेकर पहला बड़ा एक्शन लिया गया है। थाना के दारोगा चंद्रशेखर पटेल को सस्पेंड कर दिया गया है और महीनों से न्याय की आस में भटक रहे पीड़ित नवीन कुमार की प्राथमिकी भी आखिरकार दर्ज कर ली गई है। लेकिन अब मामला सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं रह गया है।
थानाध्यक्ष अमित कुमार पर उठे सवाल – जनता अब सीधे भर्राही थानाध्यक्ष अमित कुमार को घेरे में ले रही है। लोगों का साफ कहना है कि जब महीनों तक घूस न देने की वजह से एक पीड़ित की एफआईआर दर्ज नहीं हो रही थी, तो थानाध्यक्ष क्या कर रहे थे? क्या वे सब कुछ जानते हुए भी आंख मूंदे बैठे थे?
स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है। एक नागरिक ने कहा—“थाने में न्याय बिक रहा था और थानाध्यक्ष चुप थे। ऐसे अफसरों को पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है।”
राजनीतिक दलों ने भी उठाई आवाज – इस पूरे मामले में अब सियासत भी गर्माने लगी है। राजद के युवा नेता सोनू यादव ने कहा,
“भर्राही थानाध्यक्ष पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। वो जनता का कभी हित नहीं कर सकते।”

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वहीं राजद महिला प्रदेश उपाध्यक्ष विनीता भारती ने तीखा हमला बोलते हुए कहा,
“डबल इंजन की सरकार में कुछ भी संभव है। अगर जल्द इसे बर्खास्त नहीं किया गया, तो हम सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।”
क्या सिर्फ एक दारोगा की निलंबन काफी है?
इस घटना ने एक बार फिर पुलिस तंत्र की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या केवल एक दारोगा को सस्पेंड कर देने से सिस्टम की सड़ांध साफ हो जाएगी? क्या थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी यही है कि पहले घुस दो तब प्राथमिकी दर्ज होगा ?
लोगों ने सोशल मीडिया ऐसे भ्रष्ट थानाध्यक्ष को तुरंत बर्खास्त करने का मांग किया है।
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