चौसा, मधेपुरा/चौसा प्रखंड के रामनगर केलाबड़ी में दो दिवसीय संतमत सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें महर्षि मेँहीँ निर्द्वन्द अखाड़ा सेवाधाम कहलगाँव से पधारे आचार्य महामण्डलेश्वर परम पूज्य स्वामी श्री रामानंद शास्त्री जी महाराज के द्वारा प्रवचन कार्यक्रम किया गया। जिसमें दर्जनों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
श्री शास्त्री जी ने सत्संग की महिमा बताते हुए कहा कि संतो ने जो ज्ञान दिया है उसका छोर पकड़ लिया है तो वह कभी न कभी खत्म होगा। योग के आरम्भ का नाश नहीं होता। इसलिए सभी दिन सत्संग कीजिए, कभी नहीं भूलिये।जिस भेद से ईश्वर की प्राप्ति होती है। ईश्वर दर्शन होता है, उसमें दिन रात लगे रहो। घमंड नहीं करो, सहज से रहो, स्वल्प भोगी बनो,कम सोना, तौल कर बोलना, सभी कामों में उनको तौल रहता है। सत्संग की महिमा की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज सत्संग को अपना श्वांस कहते थे। बड़े भाग्य से मनुष्य का शरीर मिलता है और मनुष्य के शरीर में पूर्व जन्म के पुण्य के अनुसार ही सत्संग की प्राप्ति होती है। सत्संग के माध्यम से हम मोक्ष को पाने का रास्ता पाते हैं। सत्संग से इहलोक और परलोक दोनों को संवारा जा सकता है। इसके लिए हम लोगों को दुआ दें। इसके लिए पंच पापों से अपने जीवन को बचाना होगा। सत्संग, ध्यान और गुरु के प्रति समर्पण करना होगा।
संतमत-सत्संग में दूर दराज से श्रद्धालु पहुंचे थे। जिन्होंने अध्यात्म की गंगा में डुबकी लगाई। कार्यक्रम में नीलम भारती ने आध्यात्मिक भजनों को प्रस्तुत कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
मौके पर सेवानिवृत्त शिक्षक अजय कुमार सिंह, डॉ शिव कुमार मंडल,नीरज कुमार मंडल,विकास राज,अमरेश कुमार, अजय कुमार सिंह, क्रांति देवी, पुष्पा देवी, अभिजीत आनंद, नवनीत आनंद, सुप्रिया भारती,आरुषि,गौरी शंकर भगत, मंजू देवी, बनारसी मंडल, छोटेलाल मंडल, अनूप लाल मंडल, सुबोध मंडल, उमेश मंडल, रूपेश कुमार,धीरज कुमार,शौर्य पटेल, समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।