मधेपुरा/मटेश्वर धाम,सिमरी बख्तियारपुर में कला संस्कृति एवं युवा विभाग,बिहार सरकार प्रायोजित और जिला प्रशासन सहरसा द्वारा आयोजित राजकीय मटेश्वर महोत्सव में देश के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकारों द्वारा लोक कला की मार्फत भारतीय लोक संस्कृति की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी गई.
महोत्सव का उद्घाटन मधेपुरा सांसद दिनेश चन्द्र यादव, विधानपार्षद अजय कुमार सिंह, पूर्व विधायक अरूण यादव आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.मौके पर सांसद ने कहा महाकवि विद्यापति का व्यक्तित्व विराट है। संस्कृत, अवहट्ट और हिंदी के अधिकारी विद्वान थे। उन्होंने उत्तर भारतीय लोक एवं शिष्ट संस्कृति को गहराई से प्रभावित किया।’उगना रे मोर कतेगले’ विद्यापति के जीवन का ऐसा दृष्टांत है जो आमजन की संवेदना को झकझोर देता है। रंगकर्मियों ने इसका बहुत मार्मिक मंचन किया।

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महोत्सव में सामाजिक,सांस्कृतिक एवं साहित्यिक क्षेत्र में काम करने वाली संस्था सृजन दर्पण के युवा रंगकर्मी और निर्देशक विकास कुमार द्वारा निर्देशित विद्यापति की रचना उगना रे मोर कते गेला ‘नृत्य- नाटिका’ की संदेशप्रद प्रस्तुति दी। इसमें उन्होंने भारतीय लोक मानस में आदि काल से जमे विश्वास को मूर्त रूप अपने बेहतरीन अभिनय से दिया.नृत्य-
नाटिका के माध्यम से रंगकर्मीयो ने यह संदेश दिया कि सच्चे हृदय की पुकार पर भगवान भी हाजिर हो जाते हैं, विद्यापति की करता पुकार पर जब आदि देव शंकर मंच पर अवतरित हुए तब दर्शक वर्ग कलाकारों के अभिनय देख कर भाव विभोर हो गए.
विद्यापति की जीवंत भूमिका में रंगकर्मी विकास कुमार एवं भगवान शंकर का सुमन कुमार ने किरदार निभाया. रंगकर्मियों की दिलकश प्रस्तुति को मौजूद दर्शकों ने खूब सराहा.मंचन को सफल बनाने में समाजसेवी संतोष कुमार,संस्था सदस्य राणा यादव आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद थे।
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