सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर भड़के अनुपम खेर,कहा-‘जज साहब कुछ सम्मानजनक करिए, अगर नूपुर शर्मा को कुछ हो गया तो ?’
मुंबई प्रतिनिधि/ पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के बाद भाजपा से निलंबित हो चुकीं पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्य कांत ने टिप्पणी की है। जिसको लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। नुपुर शर्मा के केस की शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, इस दौरान जस्टिस सूर्य कांत ने नूपुर शर्मा को फटकारते हुए कहा कि नूपुर ने टीवी पर धर्म विशेष के खिलाफ उकसाने वाले बयान दिए हैं, जिसकी वजह से देश में माहौल खराब हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने यह भी कहा कि उदयपुर की घटना के लिए भी नूपुर शर्मा जिम्मेदार है। देश भर में कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के गलत बताया है। वहीं अभिनेता अनुपम खेर और निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने भी सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी की आलोचना की है।
अभिनेता अनुपम खेर ने 01 जुलाई को ट्वीट करते हुए लिखा, ”जज साहब अपने सम्मान के लिए कुछ सम्मानजनक करिए।” अनुपम खेर का ये ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस ट्वीट पर 71.1 हजार लाइक्स हैं। वहीं 13 हजार से अधिक रिट्वीट हैं।
वहीं कश्मीर फाइल्स के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने भी इस मामले पर ट्वीट किया। विवेक अग्निहोत्री ने लिखा, ”आज न्यायपालिका ने हमारा जीवन जीने का अधिकार ही छीन लिया है। अगर (नूपुर शर्मा) को कुछ हो जाता है तो किसकी जुबान जिम्मेदार होगी।” विवेक अग्निहोत्री के इस ट्वीट पर कई लोग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पैगंबर मुहम्मद पर अपनी टिप्पणियों से तनाव को भड़काने के लिए दोषी ठहराया और कहा कि उन्होंने और उनकी जुबान ने देश में आग लगा दी है। असामान्य रूप से कड़ी टिप्पणियों में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। न्यायाधीश ने कहा, “जिस तरह से नूपुर शर्मा पूरे देश में भावनाओं को भड़काया है, देश में जो हो रहा है उसके लिए यह महिला अकेले जिम्मेदार है।”
अदालत ने नूपुर शर्मा की याचिका को खारिज करते हुए कहा, ”वास्तव में ये कुछ और नहीं बल्कि जुबान फिसलने का नतीजा है। उसने (नूपुर शर्मा) टीवी पर सभी प्रकार के गैर-जिम्मेदाराना बयान दिए हैं और पूरे देश को आग लगा दी है। फिर भी, वह 10 साल की वकील होने का दावा करती हैं…उन्हें फौरन अपनी टिप्पणियों के लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए थी।” बता दें कि कोर्ट में नूपुर शर्मा ने देश के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे उनके केस को दिल्ली में ट्रांसफर करने की मांग की थी। इस याटिका को कोर्ट ने खारिज कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने कहा, “जब आप दूसरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करते हैं, तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाता है, लेकिन जब यह आपके खिलाफ केस दर्ज होता है, तो किसी ने आपको छूने की या गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं की।” सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नूपुर की टिप्पणियों ने उनके “अड़ियल और अभिमानी चरित्र” को दिखाया है।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने कहा, “क्या होगा अगर वह (नूपुर शर्मा) एक पार्टी की प्रवक्ता हैं? वह सोचती हैं कि उनके पास सत्ता का बैकअप है और वह देश के कानून का सम्मान किए बिना कोई भी बयान दे सकती हैं?”
न्यायाधीशों ने कहा, “ये टिप्पणियां बहुत परेशान करने वाली हैं, जिसमें से अहंकार की बू आती हैं। इस तरह की टिप्पणी करने का उनका क्या काम था? इन टिप्पणियों से देश में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई हैं … ये लोग धार्मिक नहीं हैं। वे दूसरों के धर्म लिए सम्मान नहीं रखते हैं। ये टिप्पणियां सस्ते प्रचार या राजनीतिक एजेंडे या कुछ अन्य नापाक गतिविधियों के लिए की गई थीं।”