नौशाद आलम/ चौसा, मधेपुरा/ चौसा प्रखंड क्षेत्र स्थित पैना के मौला बक्स स्टेडियम में पीर मौलाबक्श के उर्स के मौके पर एक दिवसीय जलसा का आयोजन किया गया।जलसे की सदारत(अध्यक्षता पीर ए तरीकत सज्जादानशी बिहपुर अली कोनन खान फरीदी ने की, जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस जलसे में अच्छे कर्मों और भाईचारे पर विशेष जोर दिया गया।
जलसे को संबोधित करते हुए मौलाना संजर कलकत्ती ने पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के फरमान का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एक सच्चा मुसलमान न तो झूठ बोल सकता है और न ही किसी को धोखा दे सकता है। उन्होंने जोर दिया कि यदि कोई व्यक्ति स्वयं को मुसलमान मानता है, तो उसे झूठ और धोखे से बचना होगा, तभी वह सच्चा मुसलमान बन सकता है।वहीं, संजर कलकत्ती ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए पड़ोसी के अधिकारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पड़ोसियों का हम पर बहुत बड़ा हक है। यदि गांव में कोई अमीर व्यक्ति है और उसके पड़ोस में कोई गरीब रहता है, तो अमीर व्यक्ति की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने गरीब पड़ोसी का ख्याल रखे, चाहे वह किसी भी जाति या धर्म का हो। संजर कलकत्ती ने आगे कहा कि केवल नाम रखने से कोई मुसलमान नहीं होता, बल्कि अच्छे कर्मों से ही कोई सच्चा मुसलमान बन सकता है। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि आज हमारे बुरे कर्मों के कारण ही इस्लाम धर्म बदनाम हो रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस्लाम धर्म हमेशा सच्चाई, शांति, सद्भाव और भाईचारे का संदेश देता है, और झूठ, धोखे तथा नफरत जैसी बुराइयों से सख्ती से बचने का निर्देश देता है।
कार्यक्रम के दौरान ज़मजम वैसाली ने अपनी शायरी से लोगों का मन मोह लिया। ज़मजम वैसाली ने अपनी शायरी में ‘दिल की मुराद पाकर मोहताज कह रहे हैं दुखियों के हैं सहारे मौला पाक हमारे’ जैसी पंक्तियों से श्रोताओं को भावुक कर दिया।इस जलसे में भागलपुर, खगड़िया और रुपौली,चंदा,पैना के मौलाना और हाफिज भी शामिल हुए। एक दिवसीय जलसे को सफल बनाने में सरपंच प्रतिनिधि कुर्बान, मोहम्मद फुरकान आलम,अब्दुल रहमान,कादिर, नाजिर,गुलफराज आलम सहित लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।मंच का संचालन नकीब मौलाना बदरुज्जमा सिद्दीकी ने की














