मधेपुरा/ भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के छात्रों को अब बेहतर सुविधा मिलने लगी है. छात्रों को अब प्रमाणपत्र के लिए न कोई चक्कर लगाना है और न ही किसी बाबू के पास पैरवी करने की आवश्यकता है.हाल के दिनों में छात्रों के लिए मंडल विश्विद्यालय प्रशासन द्वारा किये गये बेहतरी सम्बन्धी जानकारी आज कुलपति प्रो. बी. एस. झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया.
कुलपति प्रो. बी. एस. झा ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र हितों का विशेष ख्याल रख रही है। उन्होंने 25 जनवरी, 2024 को कार्यभार संभालते हुए सबसे पहले यहां के कमियों के बारी बारी से जाना और उसे दूर करने का हरसंभव प्रयास किया। जब उन्होंने कार्यभार ग्रहण किया था, तो यहां सभी सेशन डेढ़ साल लेट चल रहा था। लेकिन इसमें सुधार हो रहा है। मार्च 2026 तक सारी सेशन नियमित हो जाएंगे।
उन्होंने बताया कि स्टूडेंट्स की सुविधा के लिए विश्वविद्यालय मेन गेट पर 24 जुलाई को स्कैनर लगा दिया गया है। अब स्टूडेंट्स सीधे स्कैनर के माध्यम से पेमेंट करते हैं।विश्वविद्यालय में चार-चार स्कैनर लगाया गया है।अब उन्हें बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ती है। ऑनलाइन पेमेंट सुविधा शुरू होने से स्टूडेंट्स एवं विश्वविद्यालय को लाभ हो रहा है। मेन गेट काउंटर एवं विश्वविद्यालय के अन्य ऑफिस में स्टूडेंट्स की अब भीड़ नहीं दिखती है। स्टूडेंट्स की सुविधा के लिए परीक्षा विभाग में सभी काउंटर को शुरू किया गया है।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के कार्य संस्कृति में अब सुधार हुआ है। स्टूडेंट्स को केवल पढ़ना है, कहीं बेवजह दौड़ना नहीं है। माइग्रेसन आदि का ऑनलाइन फॉर्म वेबसाइट से डाऊनलोड होने से स्टूडेंट्स का शोषण होना बंद हुआ है।
कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन अब स्टूडेंट्स को मूल प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू किया है। स्टूडेंट्स अब कहीं से भी अपने डोकोमेंट्स लगा कर ऑनलाइन करेंगे तो विश्वविद्यालय उसके एड्रेस/पता पर पोस्ट ऑफिस के माध्यम से स्पीड पोस्ट डाक से मूल प्रमाण पत्र को घर तक भेजने की शुरुआत की गई है। अब एक दिन में मूल प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है। कुलपति, कुलसचिव के बाहर रहने पर भी मूल प्रमाण बन रहे हैं।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन अब अपना कम्प्यूटर सेल भी स्थापित कर रहा है। बहुत कार्यों को अब कम्प्यूटर सेल से ही किया जाएगा। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. अशोक कुमार ठाकुर, राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधांशु शेखर भी उपस्थित थे।













