मधेपुरा/— बिहार के लिए यह क्षण गर्व और उत्साह से भरा है। मधेपुरा के विवेक इंटरनेशनल स्पोर्ट्स अकादमी से जुड़े दो उभरते सितारे—सुभाष कुमार और नरेश कुमार—ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर Hand-to-Hand Fighting Sport में भारत का प्रतिनिधित्व किया और थाईलैंड के पटाया शहर में 14–15 नवंबर को आयोजित Hand-to-Hand Open Asian Games में शानदार प्रदर्शन कर देश का परचम ऊंचा कर दिया।
राष्ट्रीय स्तर से अंतरराष्ट्रीय मंच तक का प्रेरक सफर
भोपाल में हाल ही में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में बिहार के 22 खिलाड़ियों ने भाग लिया, जिनमें से 17 खिलाड़ियों ने पदक जीतकर बिहार के खेल इतिहास में नया स्वर्णिम अध्याय लिखा। इन्हीं प्रतिभाओं में से उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सुभाष और नरेश का चयन अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए हुआ—जो स्वयं में बड़ी उपलब्धि है।
थाईलैंड में बिहार की दमदार उपस्थिति
नरेश कुमार – स्वर्ण पदक
आयु वर्ग 10–11 वर्ष, भार वर्ग –50 किग्रा
थाईलैंड, उज्बेकिस्तान और रूस के दिग्गज खिलाड़ियों को मात देते हुए नरेश ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया। यह जीत बिहार की मिट्टी में छिपी प्रतिभा का प्रमाण है।
सुभाष कुमार – रजत पदक
आयु वर्ग 14–15 वर्ष, भार वर्ग –50 किग्रा
सुभाष ने अपने कौशल, अनुशासन और दमदार प्रदर्शन के दम पर रजत पदक जीतकर बिहार को अंतरराष्ट्रीय मंच पर नई पहचान दिलाई।
इन दोनों खिलाड़ियों ने यह साबित कर दिया कि अवसर और मार्गदर्शन मिले तो बिहार का युवा किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी छाप छोड़ सकता है।
संघ का मार्गदर्शन: सफलता की असली आधारशिला
बिहार हैंड-टू-हैंड फाइटिंग स्पोर्ट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी श्री अमन झा ने कहा—
“तीन वर्ष पहले शुरू हुई यह यात्रा आज फल देने लगी है। बिहार में प्रतिभा की कोई कमी नहीं, आवश्यकता सिर्फ सही दिशा और मंच की है।”
हैंड-टू-हैंड स्पोर्ट्स मधेपुरा के अध्यक्ष राहुल यादव ने बताया—
“ये बच्चे गरीब मजदूर परिवारों से आते हैं। आर्थिक चुनौतियाँ बहुत थीं, परंतु बच्चों का जज़्बा हर बाधा पर भारी पड़ा। आज उनकी सफलता पूरे बिहार के लिए प्रेरणा है।”
इसके अलावा—
- राहुल कुमार यादव, अध्यक्ष (Hand-to-Hand Sports)
- तूरबसु, चेयरमैन
- श्री विवेक कुमार यादव, जिला सचिव (मधेपुरा)
इन सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों ने विदेश में मौजूद रहते हुए भी संदेश भेजकर खिलाड़ियों को शुभकामनाएँ दीं तथा उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
विजयी वापसी पर हुआ भव्य स्वागत
लगभग आठ दिन बाद जब दोनों खिलाड़ी मधेपुरा लौटे, तो उनका स्वागत किसी हीरो की तरह किया गया। मालाओं, लड्डुओं, मिठाइयों और ढोल-नगाड़ों के बीच दोनों युवा चैंपियनों का स्वागत हुआ। पूरा शहर उत्सव की तरह झूम उठा, और लोगों ने उनकी ऐतिहासिक उपलब्धि पर गर्व जताया।

अतिथियों ने किया सम्मानित
स्वागत समारोह में कई सम्मानित अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें कुमारी विनीता भारती, गुलशन कुमार, आनंद आशीष, निशांत, निखिल, पुरुषोत्तम, विभाष, स्वाति, अमनदीप, दीपक सहित कई गणमान्य लोग शामिल थे। सभी ने खिलाड़ियों को माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर सम्मानित किया तथा आने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए शुभकामनाएँ दीं।
बिहार के लिए गौरव का क्षण
सुभाष और नरेश की यह उपलब्धि न सिर्फ मधेपुरा, बल्कि पूरे बिहार और भारत के लिए गर्व का विषय है। ये युवा खिलाड़ी उन हजारों ग्रामीण बच्चों के लिए प्रेरणा हैं, जो कम संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं। इन दोनों लालों ने साबित कर दिया कि अगर इरादा मजबूत हो, तो बिहार की मिट्टी से भी एशियन चैंपियन पैदा होते हैं।















