मधेपुरा प्रतिनिधि
हिंदू धर्म में विजयादशमी का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। एक ओर अच्छाई पर बुराई की जीत का प्रतीक और असत्य पर सत्य की विजय पताका समान दशहरा का पूरे देश में धूम है। तो वहीं दूसरी ओर देश चर्चित अंतर्राष्ट्रीय लीफ आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने अपनी अपनी नुकीले चाकू के धार से रावण को वध कर दिया।
गुरुवार को बिहार में इंटरनेशनल लीफ आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने अपनी 5 घंटे के कठिन मेहनत के बाद दुनिया के सबसे छोटी 3 सेंटीमीटर वाले पीपल के हरा पत्ता पर भगवान राम राम द्वारा वध होते दशमुखी रावण की अद्भुत तस्वीर बनाई और लिखा हैं- “हैप्पी दशहरा” इतना नहीं मधुरेंद्र कुमार ने अपनी अपनी अनूठे कलाकृति के जरिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर भी बधाई देते लिखा- “राष्ट्र सेवा के 100 वर्ष” मधुरेंद्र के इस कलाकृति को लोगों ने सोशल मीडिया अकाउंट पर खूब साझा कर रहे हैं। जिससे यह तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी वायरल हो रहीं है।
राष्ट्र सेवा शताब्दी की दी शुभकामना

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लीफ आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने मीडिया को बताया कि पौराणिक कथाओं के अनुसार श्रीराम ने लंकापति रावण का वध किया था जिस खुशी में हर साल दशहरा मनाया जाने लगा। दशहरा से पहले रामलीला नाटक भी होते हैं। आज आखिरी दिन पर दशहरा मनाया जाता है और मैदान में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं। वहीं आज दशहरा के इस खास पर्व के अंतिम दिन राष्ट्र सेवा के शताब्दी वर्ष की पर सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं भी दी।
बेचेंगे स्वदेशी, खरीदेंगे स्वदेशी का दिया संदेश
बता दे कि लीफ आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने बीते दिनों दशहरा के आरंभ होते साथ शेर की सवारी करते मां दुर्गा भवानी की मनमोहक तस्वीर उकेर “बेचेंगे स्वदेशी, खरीदेंगे स्वदेशी” लिखकर जीएसटी उत्सव मनाने का संदेश भी दिया था।
लन्दन बुक में दर्ज है मधुरेंद्र का नाम
गौरततब हो कि लीफ आर्टिस्ट मधुरेन्द्र ने ने बचपन से ही पत्तों की आकृतियाँ बनाना शुरू किया था और आगे चलकर पांच हजार से ज्यादा संख्या में लीफ आर्ट तैयार कर लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कर ली । उनके शिल्पों में अक्सर राष्ट्रीय नेता, देवी-देवता और सामाजिक संदेश जैसे कि प्राकृतिक आपदा, पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण, मतदाता जागरूकता, नशा मुक्ति, सरकार के जनकल्याणकारी योजना तथा देश दुनियां में घटित सभी ज्वलंत मुद्दों पर भी आए दिन अपनी बेमिसाल और सूक्ष्म कलाकृतियों के माध्यम से समाज को सकारात्मक संदेश देते रहते हैं।
मौके पर हजारों प्रबुद्ध लोगों ने भी मधुरेंद्र की कलाकृति का सराहना की।