पटना ब्यूरो

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मधेपुरा के आलमनगर एवं किशनगंज में नाबालिग लड़की के साथ चॉकलेट का लालच देकर दुष्कर्म करने की घटना सामने आई है जो काफी निंदनीय है।
उक्त बातें साहित्यकार सह नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव संजय कुमार सुमन ने कही।उन्होंने कहा कि नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म की घटना करना एक जघन्य अपराध है। इस तरह की घटनायें समाज के लिये बड़ा कलंक है।नारी को दुर्गा, लक्ष्मी, पार्वती आदि शक्ति के रूप में पूजा जाता है। उसी समाज में एक अबोध बालिका के साथ पुरुष घिनौने अपराध करता चला आ रहा है। हमें अपने सामाजिक ढांचे को बदलना होगा। पुरुष को नारी का सम्मान करना सिखाना होगा। पुरुष को अपनी मानसिकता बदलनी होगी।उन्होंने कहा कि युगों से साल दर साल पूरे देश में रावण का पुतला जलाकर दशहरे का त्योहार मनाया जाता है। अगर रावण सालों पहले मारा गया था तो फिर वो आज भी हमारे बीच जीवित कैसे है? अगर रावण का नाश हो गया था तो वो कौन है जो आए दिन हमारी अबोध बच्चियों को अपना शिकार बनाता है? वो कौन है, जो हमारी बेटियों को दहेज के लिए मार देता है? वो कौन है।उन्होंने कहा कि भारत जो कभी विश्व गुरु रहा है, जहां नारी पूजन होता रहा और आज भी हो रहा है, वहां दुष्कर्म कलंक की बात है।हमारी बेटियां सुरक्षा व सम्मान की हकदार हैं। बलात्कार की घटनाएं सभ्य समाज के लिए कलंक हैं। ऐसे जघन्य कृत्य की जितनी निंदा की जाए कम है।
साहित्यकार श्रीसुमन ने कहा कि इस तरह की कई घटनाएं लगातार सामने आ रही है।पिछले मई माह में दानापुर थाना क्षेत्र के दियारा से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई,जहां नशे में धुत एक युवक ने 3 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया।पिछले पांच साल के आँकड़े बताते हैं कि 18 साल से ज़्यादा उम्र की महिलाओं के साथ बलात्कार के मामलों की तुलना में नाबालिग़ों के साथ बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ती दिखी हैं।”बच्चों की सोशल मीडिया तक पहुंच और जिस तरह से वे दोस्त बनाते हैं उससे जुड़े कई तरह के मुद्दे हैं।तथ्य यह है कि हमारे बच्चे बहुत सारी संदिग्ध सामग्री और रिश्तों के संपर्क में आते हैं जो ऑनलाइन शुरू होते हैं और अपमानजनक स्थितियों में बदल जाते हैं।”उनका ये भी मानना है कि इस तरह के मामलों के बढ़ने के पीछे बच्चों की पॉर्नोग्राफी तक आसान पहुंच भी एक कारण हैं।
उन्होंने कहा कि आज छोटे छोटे बच्चों के पास एंड्रॉयड मोबाइल है।पोर्न देखना आज के समय में इतना खतरनाक हो गया है कि उसका एडिक्शन नहीं रोका जा सकता।बच्चों को अगर किसी चीज के लिए रोका जाए तो बच्चे अब अपने पैरेंट्स और टीचर को ही धमकाते हैं।उन्होंने सभी अभिभावकों से अनुरोध करते हुए कहा कि बच्चों पर उसकी हरकतों पर निगरानी रखें।उन्हें समय-समय पर अपने गाइड करना और मॉनिटरिंग करने की आवश्यकता है।
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