मो ० मुजाहिद आलम/कुमारखंड, मधेपुरा/ कुमारखंड प्रखंड परिसर में वर्षों पहले बने शौचालय व स्नानघर बंद पड़ा है। शौचालय की हालत काफी दयनीय स्थिति में पहुंच गई है। वर्ष 2008 में जिला परिषद के द्वारा 12वीं वित्त मद योजना अंतर्गत बने इस शौचालय व स्नानघर को करीब 5 लाख रुपए प्राक्कलित राशि से बनवाया गया था। लेकिन कुछ वर्षों के बाद ही सही ढंग से रखरखाव और देखरेख नहीं होने के कारण यह शौचालय और स्नानघर धीरे-धीरे जर्जर हालत में पहुंच गया।
गुरुवार को कुछ लोगों की शिकायत पर जब दिन के करीब एक बजे कोसी टाइम्स संवाददाता द्वारा प्रखंड कार्यालय पहुंचकर शौचालय और स्नानघर का जायजा लिया गया तो देखा गया वर्तमान हालात इतना दयनीय हो गया है कि उसके आसपास खड़ा रहना भी असहज महसूस होता है। गंदगी का अंबार लगा हुआ है और पूरी तरह से यह जर्जर हो चुका है।

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जिले का सबसे बड़ा प्रखंड और 21 पंचायत होने के बावजूद भी सार्वजनिक शौचालय होने के बावजूद भी बंद पड़ा है। हर दिन आने जाने वाले सैकड़ो लोगों के समक्ष शौचालय जाने की समस्या जस की तस बनी हुई है। आरटीपीएस कार्यालय या अन्य निजी कार्य के लिए आने वाले महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है शौच और मूत्र करने के लिए पर्दे की सहारा लेना पड़ता है। प्रखंड प्रशासन आम लोगों की समस्या से बेखबर है।
इस संबंध में बीडीओ प्रियदर्शी राजेश पायरट ने बताया कि इस संबंध में प्रखंड प्रमुख से योजना लेकर इसके जीर्णोद्धार के लिए आग्रह किया गया है। जल्द ही इस दिशा में समुचित कार्रवाई की जाएगी।