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जातीय जनगणना कराने के फैसले का एनडीए नेताओं ने किया स्वागत

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मधेपुरा/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 30 अप्रैल को देश में जातीय जनगणना कराने के फैसले का एनडीए नेताओं ने स्वागत किया। शुक्रवार को अतिथिशाला में बिहार प्रदेश जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता मनीष कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यह ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने दलित, शोषित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों के हित में यह कदम उठाया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जदयू जिला अध्यक्ष और पूर्व मंत्री डॉ. रमेश ऋषिदेव, भाजपा जिला अध्यक्ष दीपक कुमार यादव, लोजपा रामविलास के अध्यक्ष दिनेश पासवान, हम पार्टी के जिला अध्यक्ष चंदन ऋषि देव, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के जिला अध्यक्ष रवि शंकर और पिंटू मेहता, जदयू के मुख्य प्रवक्ता डॉ. राजीव जोशी और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के चंदन बागची मौजूद थे।

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नेताओं ने बताया कि देश में पिछली जातीय जनगणना 1931 में ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी। 1994 में जब नीतीश कुमार सांसद थे, तब उन्होंने लोकसभा में जातीय जनगणना की मांग की थी। लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे लागू नहीं किया। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना कराकर डबल इंजन सरकार में देशभर में इसके लिए माहौल बनाया। नेताओं ने कहा कि इस जनगणना से दलित, शोषित और पिछड़े वर्गों को लाभ मिलेगा। उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सस्ती लोकप्रियता के लिए अब आवाज उठा रहे हैं। जबकि यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद लिया है। यह निर्णय देश के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जदयू अनुसूचित जाति जिलाध्यक्ष महेंद्र ऋषिदेव, व्यवसायिक प्रकोष्ठ अध्यक्ष अशोक चौधरी, शिक्षा प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष मनोज भटनागर, छात्र अध्यक्ष अभिमन्यु पटेल, निखिल कुमार, राजा पाराशर और भाजपा के विनोद सरदार भी शामिल थे।

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