“शिव के नाम पर सियासत: पंडित प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया महादेव का अवतार, सोशल मीडिया पर उबाल”
सिंहेश्वर, मधेपुरा/ बिहार के मधेपुरा जिला अंतर्गत सिंहेश्वर में चल रही कथा के दौरान मशहूर कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने ऐसा बयान दे दिया, जिससे धार्मिक और राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। कथा मंच से मिश्रा ने देश के गृह मंत्री अमित शाह को भगवान शिव का रूप बताया — और यहीं से विवाद की चिंगारी भड़क उठी।
पंडित मिश्रा ने कहा, “अमित शाह भगवान शिव के रूप हैं। वो चुप रहते हैं, सुनते हैं और फिर तांडव करते हैं।” मिश्रा के इस बयान के बाद जहां कथा स्थल पर तालियों की गूंज सुनाई दी, वहीं सोशल मीडिया पर इस तुलना को लेकर गुस्सा फूट पड़ा है।
लोगों ने सवाल उठाया है कि “एक जीवित राजनीतिक नेता की तुलना महादेव से कैसे की जा सकती है?” कई यूजर्स ने इसे “शिव का अपमान” बताया है और कहा कि “ये कथा नहीं, भाजपा का प्रचार है जो धर्म की आड़ में किया जा रहा है।”

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बयान का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है और कई धार्मिक संगठनों तथा आम लोगों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। कुछ ने कहा कि “धर्म की पवित्रता को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए।”
अब बड़ा सवाल ये है कि क्या धार्मिक मंचों का इस्तेमाल राजनीतिक चेहरों को ‘दैवीय’ बनाने के लिए हो रहा है? और अगर ऐसा है, तो क्या यह हमारी आस्था के साथ छल नहीं?
पंडित मिश्रा का यह बयान न सिर्फ चर्चा में है, बल्कि आस्था और राजनीति के खतरनाक मिलन पर भी सवाल खड़ा कर रहा है।