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प्रतियोगिता से बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित होती है - प्रमिला - Kosi Times
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  • प्रतियोगिता से बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित होती है – प्रमिला

    मधेपुरा/ जिला मुख्यालय के सदर प्रखंड अंतर्गत तुलसीवाड़ी पंचायत के नवसृजन प्राथमिक विद्यालय राजपुर में सामाजिक सांस्कृतिक एवं साहित्यिक गतिविधियों में सक्रिय संस्था सृजन दर्पण के संस्थापक बालकृष्ण प्रसाद यादव की 63 वीं जयंती समारोह पर शुक्रवार को छात्र-छात्राओं के बीच खेल-कूद और वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 50


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    मधेपुरा/ जिला मुख्यालय के सदर प्रखंड अंतर्गत तुलसीवाड़ी पंचायत के नवसृजन प्राथमिक विद्यालय राजपुर में सामाजिक सांस्कृतिक एवं साहित्यिक गतिविधियों में सक्रिय संस्था सृजन दर्पण के संस्थापक बालकृष्ण प्रसाद यादव की 63 वीं जयंती समारोह पर शुक्रवार को छात्र-छात्राओं के बीच खेल-कूद और वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई।

    प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 50 प्रतिभागियों को आयोजन समिति के अध्यक्ष और समाजिक कार्यकर्ता प्रमिला देवी ने पुरस्कृत करते हुए कहा कि प्रतियोगिता से बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित होती है ।उन्होंने यह भी कहा कि खेल-कूद से बच्चों में शारीरिक व मानसिक विकास होता है। बच्चों को स्वस्थ रहने के लिए खेल-कूद बहुत ही जरूरी है। किताबी ज्ञान के साथ-साथ बच्चों को संस्कार युक्त शिक्षा भी मिलनी चाहिए।

    संस्था सचिव रंगकर्मी विकास कुमार ने बताया कि बालकृष्ण बाबू की कृतियां अमर है। उनके द्वारा स्थापित सामाजिक सांस्कृतिक और साहित्यिक संस्था बेहतर समाज के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रही है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमा रही है। उन्हें विश्वास है कि यह परंपरा आगे और समृद्धि होगी।

    प्रतियोगिता के कार्यक्रम संयोजक इंजिनियर विक्रम कुमार ने बताया निःशुल्क पाठशाला अभियान शुरू करने का उद्देश्य यही था कि शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को संस्कारित करना है। पढ़ाई के अलावा आम जीवन के लिए जरूरी बातों को समाहित किया जाना है। बाहरी वातावरण का असर बच्चों पर अधिक पड़ता है। हमारे बच्चे गौरवमय अतीत के बारे में जानकारी नहीं रखते हैं। ऐसी समस्याओं को दूर करने के लिए ही निःशुल्क पाठशाला की शुरुआत की गई है। पहले बच्चों को परिवार से स्कूल से और आसपास के वातावरण से संस्कार मिला करतीं थीं। जिसका आजकल समाज में अभाव हो गया है।

    कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विद्यालय के प्रभारी प्रधान शिक्षिका नीलम कुमारी ने कही कि शिक्षाविद् बालकृष्ण प्रसाद यादव का व्यवहार और व्यक्तित्व विराट था। समाज में शिक्षा के जनजागृति हेतु दिन-रात मेहनत करते थे। वरीय शिक्षिका रिचा रमण ने कही कि एक कुशल शिक्षक अपने विधार्थियों के जीवन को शिक्षा द्वारा श्रेष्ठ व महान बनाकर दुनिया में जीवन जीने की कला सिखाते है। सर्वश्रेष्ठ शिक्षक के रूप में बालकृष्ण यादव ने कोशी प्रमंडल में अपनी अलग पहचान बनाई।

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