मधेपुरा/ बिहार स्टेट इलेक्ट्रिक सप्लाई वर्कर्स यूनियन के बैनर तले राज्यव्यापी आह्वान पर मंगलवार को विद्युत कर्मियों द्वारा विद्युत कार्यालय में प्रदर्शन किया गया तथा जमकर नारेबाजी की गई. प्रदर्शन का नेतृत्व अंचलीय मंत्री सहरसा बीरेंद्र नारायण सिंह एवं केंद्रीय मंत्री पटना वकील यादव के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया.
मौके पर उपस्थित विद्युत कर्मियों को संबोधित करते हुये अंचलीय मंत्री सहरसा बीरेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि बीते कई वर्षों से केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों की मजदूर विरोधी, जनविरोधी नितियों से आम आवाम समेत संपूर्ण मजदूर वर्ग त्रस्त है, महंगाई पराकाष्ठा की ओर अग्रसर है. सार्वजनिक संस्थाओं को निजी मालिकों को सुपूर्द करने की प्रथा मजबूत होती जा रही है. कार्यरत कामगारों को प्रवत्त सुविधाओं में कई कटौतियां जारी है. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक संस्थाओं के निजीकरण प्रथा को बंद किया जाये. विद्युत विधेयक 2022 को वापस लिया जाये. आउट सोर्सिंग पर बहाल कर्मी तथा मानव बल, डाटा ऑपरेटर एवं कार्यपालक सहायक को रिक्त पदों के विरूद्ध नियमितिकरण किया जाये तथा उचित न्युनतम मजदूरी एवं सेवा अभिलेख की गारंटी की जाय.
केंद्रीय मंत्री पटना वकील यादव ने कहा कि बिहार बिहार राज्य के अंदर विद्युत कंपनी के अंदर ऑउटसोर्सिंग पर बहाल मानव बल, विद्युत कर्मी, कार्यपालक सहायक एवं डाटा ऑपरेटर को वरीयता एवं कार्य अनुभव के आधार पर प्रकाशित रिक्तियों के विरूद्ध कंपनी हित में समायोजन के बाद वाह्य न्यूक्ति व्यवस्था अपनाई जाये. बिहार स्टेट पावर हॉलडिंग कंपनी में वर्षों से एक ही स्थान पर कार्यरत कार्मिकों की गलत मानसिकता एवं पूर्वाग्रह से ग्रसित कार्य शैली के कारण अवनत 29 लिपिकीय संवर्ग के कामकारों का निवेशक मंडल के निर्णय के आलोक में पुनः लिपिकिय संवर्ग में समायोजन में विलंब की समाप्ति हो.
प्रमंडलीय मंत्री मधेपुरा मो जमील ने कहा कि सभी रिक्त पदों पर नियुक्ति किया जाये. विद्युत उद्योग के निजिकरण की मानसिकता से लगाये जा रहे प्रीपेड मीटर को बंद किया जाये. उत्तर प्रदेश विद्युत निगम के सभी वर्खास्त कार्मियों को काम पर वापस लिया जाये. पूर्व की तरह पुराना पेशन व्यवस्था बहाल किया जाय. मौके पर सदस्य सूर्यनारायण राय, मो हलीम, देवेंद्र कुमार, समर कुमार, विजेंद्र यादव, दिलीप कुमार, अनिल कुमार समेत अन्य विद्युत कर्मी उपस्थित थे.