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मरदुद नरसिंहानंद जैसे असामाजिक तत्वों पर एनएसए और यूएपीए लगाकर हो कार्रवाई

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मधेपुरा/ नरसिंहानंद का बयान धार्मिक नफरत को बढ़ावा देने और सांप्रदायिक तनाव भड़काने का नापाक प्रयास है। हज़रत मुहम्मद पूरी दुनिया के लिए एक मशाल और आदर्श हैं, उनका सभी धर्मों में सम्मान किया जाता है, वह सभी के लिए रहमत बनकर आए थे। लेकिन मरदूद नरसिंहानंद जैसे कुछ लोग पैगम्बर की शान में गुस्ताखी करने से बाज नहीं आ रहे हैं  जो किसी भी कीमत पर असहनीय है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ऐसे तत्वों के खिलाफ तुरंत सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।

ये बातें कोसी प्रमंडल के प्रसिद्ध धार्मिक विद्वान कारी रुस्तम ने जिले के सिंहेश्वर प्रखंड के झटकिया स्थित मदरसा जामिया फैज जहरा में आयोजित तहफ्फुज नमुस रिसालत के नाम से आयोजित एक दिवसीय परामर्श इजलास की अध्यक्षता करते हुए कही ।

कारी रुस्तम ने नबी की शान में नरसिंहानंद द्वारा दिए गए अपमानजनक बयान पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए इस निंदनीय कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा की और कहा कि नबी की शान में गुस्ताखी किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यह कृत्य न केवल मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है, बल्कि देश की शांति-व्यवस्था और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए भी खतरा है। इसलिए मरदुद नरसिंहानंद जैसे असामाजिक तत्वों पर एनएसए और यूएपीए कानून के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए और स्पीडी ट्रायल कराकर उसे सख्त सजा दिलवाना चाहिए।

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साथ ही इजलास में सभी लोगों विशेषकर मुसलमानों से अपील की गई कि नरसिंहानंद जैसे असामाजिक तत्व हमारे पैगंबर के सम्मान में गलत बयानबाजी करके मुसलमानों की भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए मुसलमान ऐसे हालात में सब्र का परिचय देते हुए इस मामले को कानूनी और संवैधानिक तरीकों से निपटाया जाना चाहिए।

पत्रकारों से बात करते हुए कारी रुस्तम ने कहा कि हमारा देश शांति का गढ़ रहा है, लेकिन दुख की बात यह है कि इतने शांतिपूर्ण देश में भी कुछ हिंसक तत्व हैं जो समय-समय पर मुसलमानों पर हमला करते हैं और उनकी हत्या करते हैं, कारी रुस्तम ने कहा कि ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ आज इस इजलास का आयोजन किया गया है  इस इजलास के माध्यम से हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि ऐसे लोगों को एन एस ए और यूएपीए एक्ट के तहत गिरफ्तार किया जाए, अगर समय रहते सरकार ऐसे असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार नहीं करती है तो ऐसे असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ेगा और देश की शांति व्यवस्था खतरे में पड़ जायेगी. उन्होंने कहा कि इस संबंध में आज यह इजलास आयोजित की गई है और 19 अक्टूबर को जिले में मौन विरोध जुलूस भी निकाला जाएगा जिसके माध्यम से हम अपनी आवाज देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे.

इजलास में सम्मानित विद्वान, मस्जिदों के इमाम, तबलिगी जमात के जिम्मेदारान,  ब्लॉक और जिला स्तर के जनप्रतिनिधिगण सहित जिले के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आए मुसलमानों ने भाग लिया।

इस इजलास में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस मामले में जिला पदाधिकारी मधेपुरा के माध्यम से   राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, बिहार के राज्यपाल, बिहार के मुख्यमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और बिहार विधान सभा को एक ज्ञापन सौंपा जाए, इसलिए इस संबंध में एक समिति का गठन किया गया, जिसके संयोजक कारी मोहम्मद रुस्तम अली रहमानी हैं, संयुक्त संयोजक मौलाना शब्बीर अहमद रहमानी, मौलाना मुर्तजा नदवी और संरक्षक के रूप में परवेज मुखिया, प्रमुख इश्तियाक आलम का चयन किया गया जबकि समिति के सदस्य के रूप में अबुजर खान, शाहनवाज आलम उर्फ सदाकत हुसैन, मौलाना मुहम्मद सुफयान कासमी आदि के नाम चयन किया गया ।

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