सुपौल। कोशी नव निर्माण मंच के बैनर तले बाढ़ और कटाव पीड़ितों ने कलेक्ट्रेट के सामने धरना दिया। धरना में शामिल बाढ़-कटाव पीड़ितों ने सरकारी जमीन में बसाने की आवाज बुलंद की। पीड़ितों ने बाढ़ व कटाव की पीड़ा जताते हुए सरकारी उपेक्षा का आरोप लगाया। धरना के बाद डीएम के कार्यालय में उपस्थित नहीं रहने की स्थिति में मजिस्ट्रेट के रूप में सदर सीओ को 17 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया। कार्यक्रम में आजाद, चन्द्र मोहन यादव, मो.सदरुल, बिरेन्द्र यादव, रामकुमार देवी, दशरथ यादव, अखिलेश, मो अब्बास, राजेन्द्र यादव, मुखिया एकता यादव, पारो देवी, सुशील यादव, कामेश्वर कर्ण, संतोष मुखिया, संजय, गौकरण सुतिहार, सीता देवी, इशरत परवीन, भागवत पंडित, दीप नारायण, प्रमोद राम आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। धरना के विषय पर अजय कुमार यायावर ने विचार रखा। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष इंद्र नारायण सिंह, संचालन संस्थापक महेन्द्र यादव और धन्यवाद ज्ञापन श्रवण ने किया।

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बाढ़-कटाव पीड़ितों की प्रमुख मांगें : बाढ़-कटाव पीड़ितों की मुख्य मांगों में एसओपी व तय मानदर के मुताबिक साहाय्य राशि की सूची में राशन कार्ड की अनिवार्यता खत्म करने, गृह क्षति देने, मुंगरार व डुमरिया में कटाव रोकने के लिए तत्काल पहल करने, बसंतपुर अंचल के तटबन्ध के बीच के बाढ़ प्रभावित गांवों को बाढ़ प्रभावित घोषित करने, सरकारी प्रवधानों के तहत कपड़ा, बर्तन की क्षति के 1800 रुपये व 2000 रुपये का लाभ सभी को देने, सर्वे कर सभी को नए सिरे से पुनर्वासित कराने, नावों व राहत कैंपों की सूची सार्वजनिक करने, तटबंध के भीतर खराब सोलर प्लांट की मरम्मत कराते हुए कटाव पीड़ितों को सोलर देने, कोशी पीड़ित प्राधिकार को पुनः सक्रिय करने, 4 हेक्टेयर तक के माफ लगान की वसूली पर रोक लगाने, शिक्षा- स्वास्थ्य की समस्या का समाधान करने आदि शामिल थे।
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