उदाकिशुनगंज(मधेपुरा)। करीब एक माह से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रही आशा और आशा फैसिलिटेटर रोज एक तरीके से आंदोलन कर सरकार पर दबाव बना रही हैं। गुरुवार को उन्होंने मेंहदी की रस्मदायगी कर पीएचसी परिसर में प्रदर्शन किया। सभी आशा ने नारेबाजी भी की।
संघ की अध्यक्ष राधा देवी ने कहा कि आशा पिछले 17 सालों से काम कर रही हैं। उन लोगों के काम से मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी आई आई है। स्वास्थ्य सुविधा और व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है। बावजूद प्रशासन और सरकार उनलोगों की उपेक्षा करती रही है। उन लोगों ने कोविड के दौरान एक भी दिन अवकाश लिए बिना जान हथेली पर रख कर लगातार काम किया।
ये हैं आशा की मुख्य मांगें :आशा की मुख्य मांगों में आशा और फैसिलिटेटर को सरकारी कर्मचारी घोषित करने, आशा को प्रोत्साहन राशि के अलावा मासिक वेतन पन्द्रह हजार रुपया प्रति माह देने, आशा को प्रसव कक्ष के पास रात में रुकने के लिए एक कमरा देने, आशा और फैसिलिटेटर को पेंशन देने, पोषाक की राशि बढ़ाने, सात जनवरी 2019 के समझौते के अनुरूप मुकदमों की वापसी सहित अन्य मांगों को शीघ्र लागू करने, सभी आशा व फैसिलिटेटर के जीवन बीमा की राशि का भुगतान करने, फैसिलिटेटर के लिये 20 दिन के बदले 30 दिन का काम देने, बकाया राशि का भुगतान करने, जन्म प्रमाण पत्र समय पर देने की व्यवस्था करने आदि।
मौके पर पिंकी कुमारी, राधा देवी, बीवी रोशन, फुलमनी देवी, रीमा खातून, रानी कुमारी, अरुणा देवी, प्रियंका देवी, ममता देवी, सुनीता कुमारी, कल्पना देवी, संगीता कुमारी, लीला देवी,रहीमा, राधा देवी,फुलमनी लता कुमारी, ब्यूटी भारती, अरुणा, रहीमा, सुनीता, पिंकी, गायत्री, सरिता आदि मौजूद थीं।