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बच्चे बुलाने गई आगनवाड़ी कर्मी को पिकअप ने रौंदा, मौत

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अफजल राज/ पुरैनी, मधेपुरा/पुरैनी प्रखंड अंतर्गत औराय पंचायत के आगनवाड़ी केंद्र संख्या 29 के सहायिका वीना देवी प्रतिदिन की तरह आंगनबाड़ी में पढ़ रहे बच्चों को बुलाने गई थी। तभी बेकाबू पिकअप ने रौंद दिया। हादसे में उसकी मौत हो गई।

वहीं पिकअप की चपेट में एक अन्य महिला आ गई । हादसे के बाद पिकअप चालक फरार हो गया।

मृतक औराय पंचायत के वार्ड संख्या 10 निवासी जयप्रकाश मंडल के पत्नी वीना देवी (55) के रुप में हुए। मौत की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया।घटना सुबह करीब 08 बजे की बताई जाती है।

परिजनों ने बताया कि वीना देवी (55) प्रतिदिन की तरह आंगनबाड़ी में पढ़ रहे बच्चों को बुलाने जा रही थी। जैसे ही विमल भगत के दरवाजे पर बच्चों को बुलाने पहुंची तभी अचानक आम से लदे बेकाबू पिकअप ने वीना देवी को कुचल दिया। हादसे में उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। जबकि गांव के ही संजय भगत की पत्नी संगीता देवी के हाथ मैं चोट आ गई। जिसमे वे गंभीर रूप से जख्मी हो गए।

स्थानीय लोगों ने दोनों को समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरैनी लाया। जहां डॉ विनय कृष्ण प्रसाद ने वीणा देवी (55)को मृत घोषित कर दिया। वहीं घायल संगीता देवि का प्राथमिक उपचार चल रहा है।वहीं वीना देवी की मौत के बाद आंगनबाड़ी सहायिका संघ में शोक की लहर है। 

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घटना की सुचना पाते ही पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि कपिलदेव सिंग निषाद, समिति प्रतिनिधि जुबेर आलम, राजनंदन सम्राट सहित आसपास के कई जनप्रतिनिधि सहित भारी संख्यां में ग्रामीण पहुंचे।मृतिका अपने पीछे पति जयप्रकाश मंडल, सहित तीन पुत्री व दो पुत्र को छोड़ गये।

 

चालक फरार, पिकअप जब्त

घटना के बाद मौके पर पहुंचे पुरैनी थानाध्यक्ष मुकेश कुमार सिंह, एसआई गंगा सागर चौधरी, कमांडो रोहित कुमार, जितेंद्र कुमार, जितेंद्र सिंह ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल मधेपुरा भेज दिया और वाहन को जब्त कर लिया। वहीं, चालक फरार हो गया। जब्त वाहन का चालक सुरेश पासवान के पुत्र धर्मेंद्र पासवान (25) बताया जाता है।

 

पुत्र का रोना सुन लोगों का दिल भरा

जैसे ही मृतक वीना का पोस्टमार्टम के बाद शव गांव में पहुंचा। मातम का माहौल छा गया और परिजनों में चीख-पुकार मच गई। मां के शव से लिपट पुत्र पुत्री की हृदयविदारक विलाप से सबकी आंखें नम हो गईं।

 

स्थानीय लोगों का कहना है कि वीना देवी लंबे समय से आंगनवाड़ी सहायिका पद पर कार्यरत थी। जिसमें प्रत्येक दिन गांव के बच्चे को घर घर जाकर बुलाया करती थी। जिससे अपना और परिवार का भरण पोषण करती थीं।

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