• Others
  • जनसत्ता के पत्रकार और कवि संजय स्वतंत्र को विष्णु प्रभाकर विशेष राष्ट्रीय सम्मान मिलेगा

    हेमलता म्हस्के,नई दिल्ली/राष्ट्रीय हिंदी दैनिक जनसत्ता के वरिष्ठ पत्रकार कवि और लेखक संजय स्वतंत्र को पत्रकारिता और रचनात्मक लेखन के लिए विष्णु प्रभाकर विशेष राष्ट्रीय सम्मान देने का निर्णय किया गया है उनको यह सम्मान 17 जून को नई दिल्ली स्थित सन्निधि सभागार में गांधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा और विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान द्वारा संचालित सन्निधि


    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement

    हेमलता म्हस्के,नई दिल्ली/राष्ट्रीय हिंदी दैनिक जनसत्ता के वरिष्ठ पत्रकार कवि और लेखक संजय स्वतंत्र को पत्रकारिता और रचनात्मक लेखन के लिए विष्णु प्रभाकर विशेष राष्ट्रीय सम्मान देने का निर्णय किया गया है उनको यह सम्मान 17 जून को नई दिल्ली स्थित सन्निधि सभागार में गांधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा और विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान द्वारा संचालित सन्निधि संगोष्ठी की ओर से दिया जाएगा।
    यह जानकारी देते हुए विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान के मंत्री अतुल प्रभाकर ने बताया कि संजय स्वतंत्र का चयन पत्रकारिता और रचनात्मक लेखन के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए किया गया है। उन्होंने बताया कि विष्णु प्रभाकर की याद में हर साल अलग-अलग क्षेत्रों में योगदान के लिए पांच हस्तियों को विष्णु प्रभाकर राष्ट्रीय सम्मान दिया जाता है लेकिन इस बार पांच हस्तियों के अलावा संजय स्वतंत्र को विशेष राष्ट्रीय सम्मान के लिए सम्मानित किया जाएगा।
    संजय स्वतंत्र तीन दशकों से पत्रकारिता और रचनात्मक लेखन के क्षेत्र में सक्रिय हैं। बिहार के बाढ़ जिले में जन्मे और दिल्ली में पले-बढ़े संजय स्वतंत्र ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से पढ़ाई की है। स्नातकोत्तर की शिक्षा पूरी करने के बाद एमफिल छोड़ कर वे इंडियन एक्सप्रेस समूह में शामिल हुए। इस समूह के प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक जनसत्ता में नौकरी शुरू की।और इसके संस्करण प्रभारी बने।
    खबरों से सरोकार रखने वाले संजय अपने लेखन में सामाजिक संवेदना को बचाने और स्त्री चेतना को स्वर देने के लिए जाने जाते हैं। उनकी चर्चित द लास्ट कोच शृंखला जिंदगी काकैनवास है। इसके माध्यम से वे न केवल आम आदमी की जिंदगी को टटोलते हैं बल्कि मानवीय संबंधों में आ रहे बदलावों को अपनी कहानियों में बखूबी प्रस्तुत करते हैं। उनकी यह कहानी शृंखला जनसत्ता आनलाइन से लेकर सोशल मीडिया पर चाव से पढ़ा जाता है। ये कविताएं भी लिखते हैं और जब लिखते हैं तो दिल से लिखते हैं। इनकी रचनाएं देश के सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय समाचारपत्रों और पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। इनकी द लास्ट कोच शृंखला पर आधारित चार पुस्तकें और दो काव्य संग्रह आने वाले समय आप पढ़ेंगे।

    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement

    Your Insights Matter - Let's Discuss This Together