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  • नए संसद भवन का विरोध करना राष्ट्र व संस्कृति विरोधी:-विष्णुकान्त झा

    पटना ब्यूरो/ विष्णुकान्त झा की अध्यक्षता मे जीविका संगठन द्वारा गठित प्रमुख राष्ट्रीय अध्ययन समिति,भारत की आभासी आपात बैठक आयोजित की गई। जिसमे 11सदस्यीय समिति के अधिकारी एवं सदस्यो ने भाग लिया। बैठक को संबोधित करते हुए जीविका संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह राष्ट्रीय अध्ययन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णुकान्त झा ने कहा कि आज


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    पटना ब्यूरो/ विष्णुकान्त झा की अध्यक्षता मे जीविका संगठन द्वारा गठित प्रमुख राष्ट्रीय अध्ययन समिति,भारत की आभासी आपात बैठक आयोजित की गई। जिसमे 11सदस्यीय समिति के अधिकारी एवं सदस्यो ने भाग लिया।
    बैठक को संबोधित करते हुए जीविका संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह राष्ट्रीय अध्ययन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णुकान्त झा ने कहा कि आज नया संसद भवन का उद्घाटन हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया गया।कांग्रेस सहित 16-17 विपक्षी दल ने उद्घाटन का बहिष्कार किया। जीविका-परिवार की ओर से मै इस कृत का घोर निन्दा करता हूँ।भारत की जनता का ये लोग अपमान कर रहे हैं।मै पूछना चाहता हूँ कि क्या उद्घाटन के बाद इस संसद भवन मे कांग्रेस सहित विपक्षी दल के सासंद जाकर नही बैठेंगे?यदि उनलोगो की यही मनसा है तो मै भारत की आम जनता ,जागरूक वोटर से जीविका एवं आभास संगठन की ओर से अपील करता हूँ कि आप उन राष्ट्र विरोधी ,संस्कृति विरोधी,भारतीय मान-सम्मान विरोधी को आने वाले 2024 के चुनाव मे वोट न दे। उन्होंने कहा कि भारत का संविधाननुसार हर दस वर्षो मे भारत की जनगणना के पश्चात 10 लाख के आबादी को ध्यान मे रखते हुए सीट बढ़नी चाहिए थी।वर्ष 1947 मे देश की जनसंख्या लगभग 38करोड थी और वही आज हमलोग चीन को पछाड़कर लगभग 140 करोड हो गए है।वर्ष 1947 से 1973 तक कांग्रेस ने पाप की गठरी तथा भारत की संपत्ति लुटने का काम किया।जिसका परिणाम हमारे ऊपर आपातकाल शासन थोप दिया गया था। प्रधानमंत्री आज उनलोगो का फोड़ा को मवाद बाहर निकाल रहे है। वर्ष 1973मे लोकसभा का सीट 525 से बढ़ाकर 545 किया गया था।किन्तु कांग्रेस की सरकार ने वोट बैंक की राजनीति एवं मुस्लिम तुष्टीकरण के चलते हर दस वर्षो मे लोक सभा एवं राज्य सभा की सीट बढ़ाने की बजाय हमेशा टालता रहा।भारतीय संविधान की आत्मा “हम भारत के लोग” के साथ खिलवाड किया है। वर्ष 2013 तक कांग्रेस अर्थात यूपीए की सरकार भ्रष्टाचार मे पैर से लेकर माथा तक डीबी हुई थी।भारत की सभी जांच एजेन्सी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी काम कर रही थी।यह जांच 15लाख करोड लगभग रूपये की योजना को खाने का मामला था। पूरे देश को मालूम है।तभी भारत के तात्कालिक सरकार की विशेष गुप्तचर ने रिपोर्ट दी उसमे कहा कि यदि 2023मे सीट बढाई जायेगी तो भारतीय जनता पार्टी 150वर्षो तक शासन करेगा।तात्कालिक प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह ने सोनिया गांधी के कहने पर स्थायी-समिति ,भारत सरकार मे इस बात का निर्णय लिए गए कि वर्ष 2026 तक लोक सभा एवं राज्य सभा के सीट को यथावत रखा जाए एवं वर्ष 2026 के यदि हमारी सरकार आयेगी तो विचर किया जाएगा कि बढ़ाया जाए की नही!उस समय श्रीमती सोनिया गांधी सुप्रीम पीएम थी।उन्होंने कहा कि आज इस ऐतिहासिक उद्घाटन समारोह को पूरा भारत उत्सव के रूप मे मना रहा है।हमलोग भी इस उमंग-तरंग का हिस्सेदार होने वाले है।नरेंद्र मोदी जी को संसद निर्माण के लिए नंदन है अभिनंदन है और स्वागत भी है।वर्ष 2014 मे हमलोग ने जीविका संगठन चौथा राष्ट्रीय अधिवेशन मे स्वयंसेवी क्षेत्र हेतु 15%,न्यायिक क्षेत्र हेतु15% तथा स्वास्थ क्षेत्र हेतु05%विधान परिषद एवं राज्य सभा मे प्रतिनिधित्व के लिए आरक्षण की मांग की है। मुझे लगता भारत की जनता ध्यान भटकाने एवं सफल लोकतंत्र न चले इसका षड्यंत्र कर रहे है।हमे आशा ही नही पूर्ण विश्वास है कि हमारे प्रधानमंत्री लोकतंत्र को अधिक मजबूत बनाने के लिए हमारी मांगो को मानेंगे। जिसमे सामाजिक कार्यकर्ता ,न्यायिक क्षेत्र मे कार्य कर रहे अधिवक्ता एवं ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र मे कार्यरत चिकित्सक का प्रतिनिधित्व विधान परिषद एवं राज्य सभा मे होगा।

    राष्ट्रीय अध्ययन समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कृष्णकांत कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय संस्कृति का प्रतिक सत्ता के अधिष्ठान के मानबिन्दु भारतीय द्वारा हिन्दू-सनातनीयो का शासन का प्रतिक नंदी स्थापित संगोल का खोज करके संसद अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित करने का जो अद्भुत और अविस्मरणीय ऐतिहासिक कार्य भारत सहित विश्व के लोकप्रिय हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व मे हो रहा है।सर्वप्रथम जीविका परिवार की ओर से असंख्य शब्दो से उन्हे साधुवाद।उन्होंने कहा कि भारत मे खासकर दिल्ली मे हमारे राष्ट्रीय जितने भी पहचान एवं प्रतिक थे वे हमारी गुलामी का पहचान है जैसे लालकिले,जमा मस्जिद,पुरानी संसद भवन,वायसराय भवन या राष्ट्रपति भवन है। हमारी मजबुरी थी कि सत्ता के हस्तांतरण के तुरंत बाद इन ऐतिहासिक गुलामी के प्रतिक को उपयोग एवं उपभोग करना हमारी लाचारी थी।अब तक सत्ता मे जो भी दल काबिज थे उन्होंने अपने द्वारा निर्मित सत्ता के अधिष्ठान के मानबिन्दु को जो भविष्य के सदियो तक हमारे प्रतिक बने रहे ऐसा न सोचा था और उनकी सोच मे थी। वर्तमान सरकार के प्रमुख होने के नाते इस मिट्टी को मात्र भूमि के नाते नही वरण मातृभूमि के नाते ही हमेशा देखते है।वह इसके आन-बान शान के लिए समग्र और सर्वांगीण चिन्तन तथा विकास की धारा बहाने के लिए हर क्षण तत्पर रहते है।जिसका प्रतिक आज का हमारा नया संसद भवन सेन्ट्रल विस्टा है।कल तक जो विपक्षी दल सेन्ट्रल विस्टा के निर्माण को लेकर प्रधानमंत्री का आलोचना कर रहे थे,गालिया दे रहे थे।आज उद्घाटन उनके हाथो हो रहा पच नही रहा है।और इसका श्रेय उन्हे देना नही चाहते। विपक्षी दल गुलामी मानसिकता से बाहर नही पा रहे है ये काग्रेस की राजनीतिक गुलामी के प्रतिक है जिसमे नेहरू परिवार के आलावा कोई दूसरा कैसे सत्ता का शिर्ष तक पहुंच सकता है या शुभ कार्य का श्रेय ले सकता है।इसका उदाहरण है कि देश के90% संस्थानो पर नेहरू खानदानो का नामाकरण दिखता है।उस समय भारत के प्रथम राष्ट्रपति हमारे बिहार राजेन्द्र बाबु के साथ ये नेहरू-गांधी परिवार कैसे अपमानजनक कार्य काया?वे सर्वविदित हैऔर उसका बानगी पटना के सदाकत आश्रम स्थित राजेन्द्र प्रसाद का स्मारक है।आज सत्ता के लोलुपता के प्रतिक बिहारियो का अपमान के ब्राण्ड एम्बेसेडर पलटुराम नीतिश कुमार डगरा का बैंगन की भाती कभी उधव के मातो श्री तो कभी केजरीवाल के शीशमहल मे कटोरा लेकर घुम रहे है।उन्हे केजरीवाल द्वारा कोरोना का भीषण काल शिशमहल बनाने वह भी चुपचाप नही दिखा।उसकी आलोचना पर एक आवाज नही आई।वे आज राष्ट्रीय शान एवं भविष्य के उपयोगिता को ध्यान मे रखकर बनाया गया नया संसद उन्हे फालतु दिखाई देता है।यह उनका दोगले चरित्र और राष्ट्र विरोधी सोच का प्रतिक है।उन्होंने बिहार बिधान सभा का नया एनेक्सी बना तो जरूरत महसूस हुई वही नया संसद उन्हे फालतु दिख रहा है।भारत के राजधानी मे हिन्दू राष्ट्र के प्रतिक विक्रमादित्य या चोल साम्राज्य के शुध्द रक्त के भारतीय द्वारा निर्मित भारत के शासन का यह पहला मानबिन्दु है।जो शताब्दियो तक भारतीय गौरव का ध्वज पताका लहराता रहेगा।और उसके साथ एक चाय वाला का बेटा ,साधारण भारतीय का नाम उनके मानबिन्दु पर अंकित हो यह उन्हे स्वीकार नही। उपाध्यक्ष अजीत कुमार ने कहा कि बिहार मे हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री को संसद भवन उद्घाटन के नाम पर घेरने का काम कर रहे है।आभास के कार्यकर्ता उन्हे मिट्टी मे मिलाने के लिए बिहार की जनता जागरूक करेगा।
    राष्ट्रीय महामंत्री प्रकाश बन्धु ने कहा कि देश मे 50 लाख स्वयंसेवी संस्था पंजीकृत है।उनके करोड़ो कार्यकर्ता एवं सदस्य भी है।वही लाखो लोग न्यायिक मे सेवा दे रहे है।कोरोना काल मे 140करोड भारतीय को बचाने श्रेय उन्हे जाता है।उन सभी का प्रतिनिधित्व बिधान सभा एवं राज्य सभा मे होना चाहिए।इसलिए आभास,जीविका अखिल भारतीय सूचना जन-अधिकार मंच तथा स्वास्थ एवं खाद्य सुरक्षा समिति,भारत के नेतृत्व मे यह राष्ट्रीय अध्ययन समिति की बैठक मे हम सब उपस्थित है। उन्होंने कहा कि हमलोग वर्षो से मांग को लेकर आन्दोलन कर रहे है।हमे 15+15+05%प्रतिनिधित्व चाहिए।बिहार,झारखंड,सिक्किम,मध्य प्रदेश,उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली मे ये आन्दोलन और तेज किया जाएगा।
    आभास संगठन के प्रदेश संयोजक सह अध्ययन समिति सदस्य सावित्री क्षेत्री ने कहा कि सिक्किम राज्य के मुख्यमंत्री सहित पूर्वोत्तर के सभी मुख्यमंत्रियो ने इसका स्वागत किया है।सिक्किम के जनता की ओर से नरेंद्र मोदी जी को बहुत बहुत साधुवाद।
    जीविका,दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष रजनीकांत ने कहा कि देश निर्माण में सदैव तत्पर प्रधानमंत्री जी ने हमेशा ही 140 करोड़ लोगों की आवाज को प्राथमिकता दिया, नए सदन का निर्माण विपक्ष को नापंसद उनको ये बात खा रही है की देश की बदलती तस्वीर से कहीं उनको जनता दरकिनार न कर दे, दसको से चली आ रही उनकी सरकार ने जो 70 साल में न कर पायी उसको मोदी सरकार ने सिर्फ 9 वर्षों में कर दिखाया! नए भारत की बदलती तस्वीर से विपक्षियो मे डर का माहौल बन रहा है! प्रधानमंत्री मोदी जी चक्रवर्ती सम्राट की तरह चौतरफा विकास की नीव रख रहे है चाहे वे
    सड़क, रेल, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार में बड़ा बदलाव हो रहा है जो नए भारत की बुनियाद होगी! नए सदन का निर्माण यह बताता है की भारत अब किसी के अधीन नहीं व गुलामी को बर्दास्त नहीं करेगा।उन्होंने कहा कि वह एक सक्षम राष्ट्र की भांति नव निर्माण कर आगे बढ़ता जायेगा, बढ़ती आबादी को देखते हुए सदन में यह मांग करती है की कम से कम 35 प्रतिशत आरक्षण होना चाइए जिसमें 15% स्वयंसेवी क्षेत्र 15% न्यायिक क्षेत्र 15% तथा05%उन डॉक्टरों व चिकित्साकों के नाम हो जिन्होंने कोरोना महामारी में बढ़ चढ़कर योगदान दिया!
    विपक्ष आज भी उसी मानसिकता को थोपना चाहती है ज़ब अंग्रेजों ने यहां शाशन किया, फुट डालो और राज करो की विचारों से विपक्ष ने दसकों यहाँ अपनी मनमानी कर भारत को पीछे रखा है पर अब वक्त बदल चुका है और भारत फिर से एक होता नजर आरहा है, अपनी संस्कृति को संजोता हुआ अंत्योदय की भावना लिए आगे बढ़ रहा है! जिस दिन पंक्ति के आखिरी में बैठा व्यक्ति जाग जायेगा उस दिन ही एक नए भारत का उदय होगा जिसको साकार करते दिख रहें है यशस्वी प्रधानमंत्री जी!
    आभास,बिहार प्रदेश मंत्री अमरेन्द्र कुमार ने कहा कि संगोल को लाया जाना मुस्लिम तुष्टीकरण पर एक करारा तमाचा है।विपक्षी दल का विरोध निन्दनीय कदम है।कांग्रेस के द्वारा छत्तीसगढ और मणिपुर विधान सभा को उद्घाटन मे बुलाना दोहरा चरित्र का परिचायक है।खुद राज्यपाल को नही बुलाना और राष्ट्रपति टिप्पणी करना पलटुमार व्यक्तित्व का परिचायक है।प्रधानमंत्री जी बस एक ही मांग है कि हमलोगो को 15%आरक्षण प्रतिनिधित्व मे दे।
    बैठक मे विष्णु कुमारी मंगर,प्रदेश संगठन मंत्री,जीविका,सिक्किम,अर्पित सारी,मोहन बराईक,डा ओमप्रकाश आदि सदस्यो ने इस अवसर पर आपना विचार रखे।

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