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  • जीविका संगठन वर्ष 2023 को ऊर्जा वर्ष के रूप पूरे साल मनायेगी

    पटना ब्यूरो/ जीविका संगठन का राष्ट्रीय सर्वसाधारण सभा 2023को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता अजय कुमार,क्षेत्र सेवा प्रमुख,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि जीविकाऔर आभास की संगठन शक्ति बढी है। इसके हजारो समर्पित एवं देवतुल्य कार्यकर्ता का परिश्रम का परिणाम के रूप मे हमारी बढी हुई विराट शक्ति है।जीविका संगठन वर्ष 2023को ऊर्जा वर्ष के


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    पटना ब्यूरो/ जीविका संगठन का राष्ट्रीय सर्वसाधारण सभा 2023को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता अजय कुमार,क्षेत्र सेवा प्रमुख,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि जीविकाऔर आभास की संगठन शक्ति बढी है। इसके हजारो समर्पित एवं देवतुल्य कार्यकर्ता का परिश्रम का परिणाम के रूप मे हमारी बढी हुई विराट शक्ति है।जीविका संगठन वर्ष 2023को ऊर्जा वर्ष के रूप पूरे साल मनायेगी।इस कार्यक्रम का नेतृत्व जल एवं ऊर्जा समिति,भारत को दी गई है।

    भूनेश्वर केशरी राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व मे हमे विश्वास है कि हम सब इसे जन-जन तक ले जाने मे सफल होगे।बंधुओ! भारत 140 करोड लोगो का देश बन गया है।आबादी के हिसाब से हमने चीन को पछाड़ दिया है। किन्तु महत्वपूर्ण संसाधन ऊर्जा के मामले मे प्रथम उत्पादन वाला देश बनाना है। बिजली की जरूरत को पूरा के लिए जहा दक्षिण भारत मे हाइड्रो,पवन एवं सूर्य उर्जा है वही उत्तर भारत मे सूर्य ऊर्जा का ही एकमात्र विकल्प हमे दिख रहा है।आप सभी जानते है कि कोयले से मिलने वाली विजली का कीमत धन,जन,जमीन,स्वास्थ्य,कृषि,प्राकृति और अर्थतंत्र को नष्ट कर चुकायी जा रही है। कार्बन डाई आक्साइड के उत्सर्जन के कारण हमारी पृथ्वी अर्थात धरती माता गर्म हो रही है।वैज्ञानिक कहते है कि यदि दो डीग्री धरती का तापमान बढ़ जायेगा तो मानव जाति ही समाप्त हो जाएगी।इसलिए जीविका संगठन सहित सभी स्वयंसेवी संस्था का नैतिक कर्तव्य है कि साथ मिलकर समाज मे सोलर सिस्टम सरकारी एवं नीजि भवन-घरो के छत मे लगाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम करे। जितनी जरूरत हो उतना ही ऊर्जा का उपयोग करे,ऊर्जा का संरक्षण करे एवं बर्बादी को रोकने के लिए जन जागरण करे।

    महामंत्री उद्बोधन सत्र को संबोधित करते हुए जीविका के राष्ट्रीय महामंत्री प्रकाश बन्धु ने कहा कि हजारो वर्षो से हमारी संस्कृति पर हमला होता आ रहा है,किन्तु आज हमला चारो तरफ से हो रहा है।यह आजकल तेज हो रहा है।हमारी संस्कृति तभी बचेगी जब हम सब शक्ति संपन्न होगे।अच्छी रणनीति ही हमारी जीत का प्रमाण है।हमारी संख्या बल भले ही कम है पर हमलोग किसी से कम नही है।विचारो मे समानता ,भाव मे एकता और आपनापन रहने पर हमलोग क्षत्रपति शिवाजी महाराज की तरह गुरिल्ला युद्ध जीतकर विजय श्री निश्चित ही प्राप्त करेंगे। ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है। कांग्रेस पार्टी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे दु:खो का कारण हमारा भ्रम है।”जब-जब मनुष्य प्रकृति प्रदत्त वस्तुओ-पदार्थो को अपना मानता-रहता है तब-तक मनुष्य को इस संसार मे उन वस्तुओ पदार्थो को मालिक होने का वहम बना रहता है।”  मै पूरे आत्मविश्वास के साथ कह रहा हूँ कि जीविका संगठन के पास स्पष्ट लक्ष्य है!स्पष्ट नेतृत्व है!स्पष्ट सिद्धांत है!स्पष्ट नीति है! नियति भी हमारे पक्ष मे और स्पष्ट व्यवहार भी है।दूनिया के कोई माई का लाल हमे हमारे लक्ष्य रूपी रथ को रोक नही सकता। भारत अब दूनिया का सोने की चिड़िया के नाम से प्रसिद्ध नही होना चाहता बल्कि हमलोग दूनिया का गले का हीरा जरित हार के रूप मे प्रसिद्ध होना है।मै आज शान से और साहस के साथ कहना चाहता हू कि”भारत हीरो का देश ” नाम से ख्याति प्राप्त करे। यह कैसे होगा? इसका मर्म क्या है?इसका मर्मज्ञ कौन होगा?इसका धर्म क्या है? इसका उपाय क्या है? हमारे पास भारत को हीरे देश बनाने का चार तंत्र-मंत्र-यंत्र और सामर्थ है। पहला कम टू गेदर!दूसरा सीट टू गेदर!तीसरा थिंक टू गेदर और चौथा वर्क टू गेदर अर्थात मिलकर आओ! एक साथ बैठो!एकात्म होकर विचार करो और एक साथ एक विचार के लिए काम करो!

    देवेन्द्र गुप्ता राष्ट्रीय संगठन मंत्री,जीविका,भारत ने कहा कि भारत का मठ-मंदिर हमारे पूर्वजो का संचित किया हुआ अकूत पूंजी है।किसी भी सरकार की बाप की संपत्ती नही है। जो दूसरे पंथो पर वर्षो से लुटा रही है।और अपने वोट के लिए लुटने की छुट दी है अब इसे हमलोग लुटने नही देगे। प्रो डा अनिल पासवान धवन,केन्द्रीय सह संयोजक,अखिल भारतीय मठ-मंदिर जागरण मंच,भारत ने कहा कि आज मंदिर के पुजारियो की आर्थिक दुर्दशा हम सभी से देखी नही जा रही है।हमलोग सरकार से मांग कर रहे है कि मठ-मंदिर के मुख्य पुजारी,पुजारी तथा सेवक को वेतनमान तय करे।हमको आन्दोलन कर सबसे पहले हर मठ-मंदिर परिसर मे संस्कृति संस्कृत पाठशाला स्थापित कराने की आवश्यकता है। उदय महाराज राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री,जीविका,भारत ने कहा कि आप जो भी काम करे,जितना घंटे करे,जहा कही भी करे,किन्तु एक बात हमेशा अपने दिल से गंभीर होकर मनोयोग से एक घंटा जीविका संगठन के लिए दे।चाहे वे जीविका स्थायी-पर्कल्प हो,संगठनात्मक कार्यक्रम हो,जनवाणी कार्यक्रम हो,राष्ट्रीय मुद्दा हो! मै आपको वादा करता हूँ।दूनिया का सबसे बड़ा संगठन जीविका संगठन को बना कर दे दूंगा ।तब जीविका है तो सही है।हर के जुबान पर होगा। विष्णुकान्त झा,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष,जीविका,भारत ने कहा कि सदस्यता,प्रवास और जीविका कार्यक्रम संगठन का प्राण है।इसे हमे ही रक्षा करना है।हमलोग हमेशा “पूर्ण विजय संकल हमारा”गीत गाते रहे है।और आज पचीस वर्षो से कार्य कर रहे है।
    अंजनी कुमार,राष्ट्रीय अध्यक्ष,राष्ट्रीय कार्यकारी टीम,कृष्णकांत कुमार,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष,विष्णुकान्त झा,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष,डा ओमप्रकाश,राष्ट्रीय अध्यक्ष,राष्ट्रीय समन्वय समिति,जीविका,प्रो डा अनिल पासवान धवन,रमण झा,राष्ट्रीय सचिव,जीविका तथा,उदय महाराज,राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री,जीविका,भारत आदि जीविका के केंद्रीय पदाधिकारियो ने स्वयंसेवी क्षेत्र,न्यायिक क्षेत्र तथा स्वास्थ क्षेत्र के प्रतिनिधि को विधान परिषद तथा राज्य सभा मे कुल35%आरक्षण की मांग,समलैंगिकता कानून का दुष्परिणाम,आयोध्या यात्रा–2024की तैयारी तथा बख्तियारपुर रेलवे स्टेशन का नाम परिवर्तन विषय को लेकर सभी ने अपने -अपने विचार दिये ।सर्व सम्मति से प्रस्ताव को ध्वनिमत से पास किया गया। मंच संचालन भूनेश्वर केशरी,राष्ट्रीय अध्यक्ष,जल एवं ऊर्जा समिति,भारत ने किया। संगठन गीत रजनीकांत तथा स्वागत भाषण एवं धन्यवाद ज्ञापन कर्मश:रमण झा तथा नीतिन बत्री ने किया।

    आम सभा मे भारत के 07राज्यो से केन्द्रीय एवं प्रदेश के पदाधिकारियो जिसमे विष्णु कुमारी मंगर,सावित्री क्षेत्री,दिनेश द्विवेदी,विकास कुमार,विशाल भाष्कर,नरेंद्र कुमार सिंह,अंजनी कुमार,डा रामलगन यादव,सुनील त्यागी,राकेश रौशन,मनीष राय,दीपक महतो,सरिता कुमारी, विरेन्द्र मिश्रा,अनु राय,अरूणा कुमारी , उपेन्द्र तिवारी,अमरेन्द्र कुमार एवं प्रकाश कर्ण आदि जीविका तथा आभास के कार्यकर्त्ताओ ने जिज्ञासा समाधान कार्यक्रम मे शामिल होकर अपनी गरिमामयी उपस्थिती दर्ज करायी।

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