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  • मस्जिद में रोजेदारों की उमड़ी भीड़, देश में अमन चैन की मांगी दुआ

    मुजाहिद आलम/कुमारखंड ,मधेपुरा/अकीदतमंदों ने पाक महीना रमजानुल मुबारक का चौथा जुम्मा का नमाज प्रखंड के सभी जमा मस्जिद टिकुलिया, बिशनपुर बाजार , पुरैनी , सिकरहटी , रोता , चैनपुर समेत अन्य मस्जिदों में रोजेदारों ओर नमाजियों ने अकीदत के साथ अदा किये। मुस्लिम भाइयो ने मुल्क में आपसी भाईचारे अमन चैन ,देश की तरक्की की


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    मुजाहिद आलम/कुमारखंड ,मधेपुरा/अकीदतमंदों ने पाक महीना रमजानुल मुबारक का चौथा जुम्मा का नमाज प्रखंड के सभी जमा मस्जिद टिकुलिया, बिशनपुर बाजार , पुरैनी , सिकरहटी , रोता , चैनपुर समेत अन्य मस्जिदों में रोजेदारों ओर नमाजियों ने अकीदत के साथ अदा किये। मुस्लिम भाइयो ने मुल्क में आपसी भाईचारे अमन चैन ,देश की तरक्की की दुआ मांगी ।

    मुस्लिम समुदाय के महिलाओ ने घरों में अकीदात के साथ नमाज अदा किया। सुबह से ही मस्जिद की साफ सफाई और बच्चे में गजब का उत्साह देखने को मिला। नये नये कपड़े सर टोपी जुबान पर अल्लाह का नाम से माहौल गुंजायमान रहा। यह महीना गुनाहों से बचने का है और इबारत का महीना है । अल्लाह रोजेदार और इबादत करने वाले अकीदतमंद की अल्लाह दुआ इस माह में कुबूल करते है। अहले सुबह मुस्लिम रीति रिवाज के साथ रोजेदारों ने सेहरी कर रोज रखा फिर जुमा की नमाज के लिए दोपहर के वक्त साढ़े 12 बजे आजान की आवाज सुनते ही की जुमआ की नमाज की तैयारी शुरु कर दिया। सभी मस्जिदों में ऊलमा ए कराम ने नमाज अदा करने से पहले माहे रमजान की महीने के बारे में और इबादत के बारे अकीदतमंद को जानकारी देते हुए मस्जिदों में जुमा की नमाज अदा किया। सभी ने जुमा की नमाज अदा कर अल्लाह से दुआ मांगी।

    वलमाओ ने कहा पूरे दिन भूखे रहना ही रोजा नही है। जमा मस्जिद टिकुलिया के शाही इमाम खुर्शीद ने कहा सिर्फ पूरे दिन भूखे रहकर गुजार देने से रोजा नही होता है । रोजा में पूरे एहतराम के साथ अदा करना ही रोजा है। रमजान माह की अहमियत व फजीलत पर रौशनी डालते हुए कहा कि रोजा रखने के साथ पांच वक्त की नमाज अदा करना हर बुराई से परहेज रहना रमजान की पूरे माह इबादत में मशगूल रहना रोजेदार तरावीह की नमाज अदा करना ये सभी फजीलत बयान किये। रमजान के महीने में अल्लाह जन्नत के दरवाजे खोल देतेे हैै। इस महीने में हर अकीदतमंदो को जमकर इबादत करनी चाहिए। 20 रोजा के बाद गांव के एक या दो रोजेदार एतेकाफ में  इबादत के लिए मस्जिद में बैठते है जो आखरी रोजा के चांद निकलने तक मस्जिद में रहकर इबादत में मशगूल रहते हैं।ईमानवाले के लिए  रमजान माह का 30 रोजा रखना ईमानवाले के लिए अल्लाह ने तीन चीजो से नवाजा है ईमान वाले पर पहला रहमत नाजिल होता है, दूसरा गुनाहों से छुटकारा होता है ।

    कहा तीसरा जहन्नम की आग से छुटकारा मिलता है। इस पवित्र माह में अल्लाह ने इमान वालों के लिए जन्नत के दरवाजे खोल देते हैं। उन्होंने कहा इस माह में सभी अकीदतमंद जमकर इबादत करे। कुरान की तिलावत करें हर बिमारी से निजात पाने के लिए अल्लाह से दुआ मांगे।

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