चौसा में तीन दिवसीय नवचेतना जागरण गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ
👉21 सौ महिलाओं एवं कुवांरी कन्याओं ने कलशयात्रा में लिया भाग 👉कथावाचक डॉ अशोक ढोके ने कहा वेद मनुष्य को सही राह दिखाता है।
मधेपुरा ब्यूरो/अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के निर्देशानुसार जिले के गायत्री परिवार चौसा द्वारा आज शुक्रवार से तीन दिवसीय नवचेतना जागरण गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ प्रखंड मुख्यालय चौसा स्थित जनता उच्च विद्यालय मैदान में किया। पहले दिन के कार्यक्रम में आज भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें 21 सौ से भी ज्यादा महिलाओं एवं कुवांरी कन्याओं ने भाग लिया।बाजा शहनाई और प्रज्ञा गीतों व युग संगीत नारों के साथ लाल एवं पीले वस्त्रों में कलश यात्रा शामिल महिलाएं,कन्याएं व परिजनों की लगभग दो किलोमीटर लंबी कतार देखने लायक थी।कलश यात्रा के दौरान यातायात व्यवस्था भी दुरुस्त थी जिससे आम जनता को कोई परेशानी न हो।चौसा पुलिस प्रशासन के पदाधिकारी अपने सैन्य बलों के साथ चल रहे थे।तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान को लेकर आसपास का क्षेत्र भक्तिमय हो गया है।शाम चार बजे से युग संगीत एवं उद्बोधन और प्रवचन किया जाएगा।
कार्यक्रम में गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार से आये टोली नायक डॉ अशोक ढोके,डॉ राकेश गुप्ता, कमल चौहान, गुणसागर राणा द्वारा द्वारा सर्वप्रथम कलश पूजन कराया गया ।इसके बाद कलश यात्रा निकाली गई।कलश यात्रा आयोजन स्थान जनता उच्च विद्यालय मैदान से निकल कर आदर्श टोला,लालजी नगर,चौसा बस्ती,थाना चौक,गांधी चौक,कृषि फार्म,चौसा बाजार होते हुए पुनः कार्यक्रम स्थल तक पहुंची।कलश यात्रा में शामिल महिलाओं ने गायत्री माता की जय, हम सुधरेंगे युग सुधरेगा, भारतीय संस्कृति की जय, भारत माता की जय, 21वीं सदी उज्जवल हो आदि स्लोगन के जयघोष किए।वहीं जगह-जगह पुष्प वर्षा एवं मीठा जल पिला कर कलश यात्रा का स्वागत हुआ।
कथावाचक के रूप में शांतिकुंज हरिद्वार से आए
डॉ अशोक ढोके ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि वेद मनुष्य को सही राह दिखाता है। जीवन में कभी भी कटु भावना नहीं रखना चाहिए। सनातन संस्कृति में ऐसी मान्यता है कि कलश विश्व ब्रह्माण्ड का प्रतीक है जिसमें 33 करोड़ देवी देवता विराजमान होते हैं। जिसे सिर पर धारण करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
इस दौरान जिला संयोजक अयोध्या शरण,जिला ट्रस्टी बीरेंद्र यादव, पंडित प्रमोद प्रियदर्शी,परिव्राजक चक्रधर मेहता, गोपाल साह,साहित्यकार संजय कुमार सुमन,जयप्रकाश भगत, दिलमोहन पासवान, प्रह्लाद शर्मा, सच्चिदानंद भगत,मनोज शर्मा,मुकेश कुमार मंडल, पवन कुमार यादव, देवांशु कुमार देव, अमित कुमार सूर्यवंशी,माखनलाल चतुर्वेदी,कुणाल किशोर मीणा,रंजीत कुमार सिन्हा,अरुणा देवी, शेफाली कुमारी, प्रेरणा कुमारी,नीलम देवी, मीणा देवी,समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।