मोहन कुमार/ मधेपुरा/कृषि विज्ञान केंद्र मधेपुरा में बुधवार को वर्मी कंपोस्ट उत्पादन तकनीकी व विपणन प्रसार कार्यकर्ताओं के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण का शुरआत किया गया । प्रशिक्षण में जिले के लगभग सभी प्रखंड के प्रशिक्षु मौजूद थे । प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ जिला पदाधिकारी राजन बालन, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान विपुल कुमार मंडल ने सामूहिक रुप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
अपने संबोधन में जिला कृषि पदाधिकारी राजन बालन ने कहा कि वर्मी कंपोस्ट उत्पादन से जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा एवं उत्पादित उत्पादगुणवत्ता युक्त एवं स्वास्थ्यवर्धक होता है इससे मृदा एवं पर्यावरण प्रदूषण से भी राहत मिलती है ।आजकल असंतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करने से पौधों में कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं इसके नियंत्रण के लिए अनेक कीटनाशक का प्रयोग असंतुलित मात्रा में होता है, जो मानव के साथ-साथ अन्य जीवों पर सीधे प्रभाव डालता है इसके दुष्परिणाम से मिट्टी, पानी एवं वायु सभी प्रदूषित हो जाते हैं इससे बचाव के लिए जैविक एवं प्राकृतिक खेती की तरफ हमें बढ़ने की जरूरत है ।
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान सह वैज्ञानिक बिपुल कुमार मंडल ने कहा की वर्मी कंपोस्ट उत्पादन के लिए आवश्यक सामग्री, उसका उपयोग एवं प्रबंधन पर जानकारी दी ।उन्होंने वर्मी कंपोस्ट का भौतिक, जैविक एवं रासायनिक गुण तथा उसका मृदा पानी एवं पर्यावरण के प्रभाव पर प्रशिक्षण दिया। डा मंडल ने उद्यान, वर्मी कंपोस्ट का फल, फूल एवं सब्जी उत्पादन पर प्रभाव की विस्तार पूर्वक चर्चा की ।
वही कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक डॉ. मिथिलेश कुमार रॉय, डॉ. आर पी शर्मा ,प्रक्षेत्र प्रभारी मृत्युंजय कुमार, लैब असिस्टेंट रूबी कुमारी के अलावा सभी तीस अभ्यर्थिगण उपस्थित थे।