अमन कुमार/मधेपुरा/मकर संक्रांति आने में अभी एक सप्ताह से ज्यादा का समय शेष है, लेकिन शहर की सड़कें और गालियां तिलकुट, गुड़ व कतरनी चूड़ा की सोंधी-सोंधी खुशबू बिखेर रही है. चौक-चौराहे पर तिलकुट की दुकान सज चुकी है. बाज़ारों में नए गुड़ उतरने लगे है. भागलपुर की कतरनी चूड़ा भी बाज़ारों की रौनक बढ़ा रही है. सभी अपने-अपने बजट के अनुसार पर्व की तैयारी में लगे है.
गया का तिलकुट कर रहा है लोगों को आकर्षित-
संक्रांति में तिलकुट सभी घरों की पहली पसंद रहती है. तिलकुट की खुशबू और मिठास लोगों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेती है. लोगों की पसंद और पहली प्रथिमिकता को देखते हुए दूर -दूर के कारीगर कोसी में तिलकुट का व्यवसाय करने एक माह पूर्व ही आ जाते है. पिछले वर्ष की तरह इस बार भी गया के तिलकुट कारीगर यहां पर अपना व्यवसाय कर रहे है.

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इस बार का गजक है खास : इस वर्ष संक्रांति में तिलकुट के स्वाद में गया के कारीगरों ने अपने खरीदारों के लिए गजक नाम की तिलकुट को बाज़ार में उतारा है. साथ ही काजू -पिस्ता,बरगद,मोरवा,दूध पपड़ी भी इस बार लोगों के लिए खास होगा.
मूल्य में है बढ़ोतरी– कर्पूरी चौक स्थित तिलकुट के दुकान लगाने वाले दुकानदार शैलेन्द्र ने बताया कि इस वर्ष तिल के दाम में वृद्धि हुई है. इस वजह से तिलकुट के मूल्य में 20 से 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. हालांकि प्लेन तिलकुट व गुड़ तिलकुट पिछले वर्ष के कीमत में ही लोगों को उपलब्ध होगा. उन्होंने बताया कि तिलकुट की डिमांड इस इलाके में ज्यादा रहती है. इसको लेकर तैयारी एक माह पूर्व से ही करनी पड़ती है. जिसके लिए गया के कारीगर के साथ स्थानीय कारीगरों की भी मदद ली जाती है. कारीगरों में प्रिंस, दीपक, आयुष, शुभम बिरुली,हिमांशु कुमार, श्याम मंडल, चुन्नू, कुमार शामिल है.
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