प्रशांत कुमार/पटना/ बढ़ते क्राइम के इस युग में डिजिटल तरीके से भी क्राइम हो रहा है जिसके शिकार लोग होते जा रहे हैं। क्राइम का बढ़ता प्रसार सेक्सक्सटॉर्शन है जिसमें युवा फंस रहे हैं और शोषित हो रहे हैं।
सेक्सटॉर्शन के बढ़ते मामले में बिहार भी पीछे नहीं है यहां भी प्रतिदिन सैकड़ों युवा इसके शिकार हो रहे हैं। लोक लज्जा के कारण वह आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं अपनी शिकायत कहीं नहीं दर्ज करवा पा रहे हैं लेकिन दिन-ब-दिन को इसके शिकार होते जा रहे हैं।
क्या है सेक्सटॉर्शन : फेसबुक और व्हाट्सएप के जमाने में हर कोई एक दूसरे से कनेक्टेड है ऐसे में फेसबुक पर किसी से भी दोस्ती करना बड़ा ही आसान है। खासकर युवाओं में इसका एक अलग ही क्रेज है ।अगर किसी अनजाने लड़की का उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट आ जाए तो वह सेकंड भी देर नहीं करते हैं कि उसे एक्सेप्ट कर लेते हैं और फिर वह लड़की इसे अपने जाल में फंसाना शुरू करती है ।मैसेज करके वह बात करना शुरू करती है और फिर जैसे ही लड़का उसके साथ बात करने में मजा लेने लगता है कि वह रोमांटिक मूड में आकर विभिन्न तरीके की बात करने लगती है और फिर लड़की उससे रंगीन बात करना शुरू करती है और लड़का फिर इधर से अपना आपा खो देता है ।बात फिर वीडियो कॉल तक जाती है।मैसेंजर पर ही दोनों का नंबर आदान-प्रदान होता है और फिर मैसेंजर से बात व्हाट्सएप के वीडियो कॉल तक पहुंच जाता है ।वीडियो कॉल पर लड़की आती है और अपना कपड़ा उतारने लगती है।इसी बीच लड़की उस वीडियो को रिकॉर्ड कर लेती है।
वीडियो रिकॉर्ड करने के बाद शुरू होता है शोषण का खेल : अब जब लड़की वीडियो रिकॉर्ड कर लेती है फिर लड़की का एजेंट अब उस लड़के को वीडियो वायरल करने की धमकी देने लगती है और फिर शुरू होता है पैसे का खेल।एजेंट उसे शोषण करना शुरू करता है और जब तक जी चाहे उससे पैसे वसूल करता है।
सेक्सटोर्सन के पीड़ित बड़े शहरों में तो है ही लेकिन अब कोसी सीमांचल भी इससे अछूता नहीं है। हाल ही में मधेपुरा जिले के शंकरपुर प्रखंड के मुखिया इससे पीड़ित हुए। कई महीने तक लड़की के एजेंट उससे पैसे वसूलते रहे और जब वो हार गया पैसे देना बंद किया तो लड़की ने उस वीडियो को वायरल कर दिया।इसी तरह सुपौल के एक इंजीनियर के साथ हुआ करीब छः माह तक उनका शोषण हुआ लेकिन बाद में उनका भी वीडियो वायरल कर दिया। सेक्सटॉर्शन के इस मामले में कोसी सीमांचल के कई बड़े ठेकेदार भी पीड़ित हैं लेकिन लोक लज्जा के कारण बात सामने निकलकर नहीं आ पाई है।
सिर्फ सतर्कता से हो सकता है बचाव: बिना कपड़ों की वीडियो कॉलिंग कर ब्लैकमेलिंग की शिकायत नई नहीं है। इस तरह की घटना को अंजाम देने वाले साइबर फ्रॉड फेक नाम-पते पर सिम लेते हैं। इंटरनेट एप से कॉल की जाती है जिसे ट्रेस कर पाना मुश्किल हो जाता है। इसलिए लोगों को चाहिए कि अंजान नंबर से आने वाली वीडियो कॉल को रिसिव ना करें। सतर्कता से ही बचाव हो सकता है। ऐसे मामले में सतर्कता से बचा जा सकता है। इसके लिए कॉल आने पर कैमरे पर ऊंगली रखकर रिसीव करें। इससे आपकी तस्वीर कॉल करने वाले मोबाइल स्क्रीन पर नहीं आएगी। यदि वह स्क्रीन शॉट भी लेता है तो ब्लैकमेलिंग का खतरा नहीं रहेगा। वैसे अंजान नंबर से वीडियो कॉल को नहीं उठाएं।