प्रशांत कुमार/मधेपुरा/ आजतक आपने जादूगर के हाथ की सफाई को देखा होगा, आज कोसी टाइम्स आपको मधेपुरा पुलिस की हाथ की सफाई दिखाएगी। 500 मीटर तक सड़क पर घसीटकर एक पुलिसकर्मी शराब तस्कर की बाइक को गम्हरिया थाना तक लाता है। लेकिन जब केस दर्ज करने की बात आती है, तो तस्कर की बाइक, पुरानी साइकिल में बदल जाती है। पुलिसकर्मी और प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि इस हाथ की सफाई की कीमत 15 हजार वसूल की गई। हाथ की सफाई की कलई खुलने के बाद अब सूचक दारोगा कहते हैं कि हम त जूनियर हैं, बड़ा बाबू जैसा कहते हैं, आदेश का पालन करते हैं। इस बार भी ऐसा ही किए हैं। खबर नहीं छापने के लिए वे पहले तो अपने बाल-बच्चों की दुहाई देते हैं, फिर आवास पर मिलने की पेशकश भी करते हैं। कोसी टाइम्स जब उनसे सच उगलने को कहता है, तो वे बस इतना ही कह पाते हैं कि हमने सिर्फ बड़ा बाबू के आदेश का पालन किया है। तो दूसरी ओर, जब शराब तस्कर की बाइक को थाना लाने वाले पुलिस कर्मी को इस हाथ की सफाई की जानकारी मिलती है तो वह भी अवाक हो जाते हैं।
अब पूरा मामला समझिए : दिनांक 6 सितम्बर 2022 को गम्हरिया बाजार के काली चौक पर पुलिस कर्मियों ने सिंहेश्वर थाना क्षेत्र के गिद्धा निवासी मनोज सरदार को बाइक के साथ हिरासत में लिया। बाइक के हैंडल पर लटक रहे झोले से और डिक्की से शराब जब्त किया गया। इसकी सूचना तत्काल उनलोगों ने अपने वरीय पदाधिकारी को दी। इसके बाद गश्त पर रहे दारोगा पांडे वहां पहुंचे और तस्कर और शराब को पुलिस की गाड़ी से थाना लेकर आए। जबकि चौकीदार तस्कर की बाइक को लेकर थाना कैम्पस आए।
प्राथमिकी हेतु दिए आवेदन में एएसआई कमलेश्वर पांडे ने लिखा है कि वो संध्या गस्ती में थे उसे सूचना मिली कि एक व्यक्ति साइकिल से देशी शराब लेकर निकलने वाला है फिर वो वहां पहुंचते है तो पुलिस की गाड़ी देखकर साइकिल छोड़कर भागने लगते है तब उसे पकड़ा जाता है और पुलिस गाड़ी से थाना लाया जाता है और उसपर मामला दर्ज कर जेल भेज दिया जाता है।
प्राथमिकी दर्ज में है तकनीकी त्रुटि : पुलिस जब किसी समान को बरामद करती है तो उसका जप्ती सूची में संपूर्ण विवेचना लिखना होता है ताकि न्यायालय में बहस के दौरान मुक्कमल तथ्य सामने आए और आरोप साबित करने में मदद मिल सके मसलन अगर झोले से शराब जप्त हुआ हो झोले का रंग किस चीज का बना हुआ झोला से लेकर शराब के बैच नंबर और निर्मित राज्य का भी जिक्र किया रहता है जबकि इस मामले में केस के सूचक दारोगा झोला का रंग ,किस चीज का है झोला ये सब जिक्र करना भूल गए।
बाइक के जगह साइकिल अंकित करने के संबंध में सूचक कमलेश्वर पांडे कहते है कि हमने अपने मन से कुछ नही किया। बड़ा बाबू जो बोले है वही किए है। हमलोग कनीय अधिकारी है।वही इस संबंध में थानाध्यक्ष अरविंद मिश्रा से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा हमे जो लिखकर दिया गया उसपर मामला दर्ज कर लिया गया। वैसे रुका जाय हम आपसे मिलकर बात कर लेते है।