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  • बलुआही ट्रेक पर होमगार्ड चयन हेतु दौड़ जारी, पहले दिन एक भी नही हुए सफल

    मधेपुरा/ 17 साल बाद मधेपुरा में आज नौकरी के लिए हजारों लोग मधेपुरा के बी एन मंडल स्टेडियम पहुँचे। मामला होमगार्ड बहाली से जुड़ा है। बताया जाता है कि यह बहाली चयन के लिए न होकर अभ्यर्थियों को सिर्फ बहलाने के लिए थी। यह बहाली 2006 से लंबित थी। उस वक्त सभी प्रक्रिया पूरी कर


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    मधेपुरा/ 17 साल बाद मधेपुरा में आज नौकरी के लिए हजारों लोग मधेपुरा के बी एन मंडल स्टेडियम पहुँचे। मामला होमगार्ड बहाली से जुड़ा है। बताया जाता है कि यह बहाली चयन के लिए न होकर अभ्यर्थियों को सिर्फ बहलाने के लिए थी। यह बहाली 2006 से लंबित थी। उस वक्त सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गयी थी, सिर्फ बहाली बची थी। लेकिन 17 साल बाद फिर से पूरी प्रक्रिया की जा रही है। अभ्यर्थियों का कहना है कि जिस ट्रेक पर अभ्यर्थियों को दौराया गया उसपर रात में बालू डाल दिया गया था। इतना ही नहीं कहने को तो 800 मीटर की दूरी का ट्रैक था जिसपर 2:30 मीनट में दौड़ पूरा करना था। लेकिन लोग बताते हैं कि यह ट्रेक भी 50 से 100 मीटर अधिक है। शुरुआत में कुछ अभ्यर्थी विरोध भी किये लेकिन उनके विरोध को न सिर्फ अनसुना किया गया बल्कि दबा भी दिया गया।

    आज बहाली शिविर का पहला दिन था जिसमें मधेपुरा ग्रामीण, मधेपुरा शहरी और घैलाढ़ प्रखंड के 2402 अभ्यर्थियों को शामिल होना था लेकिन मात्र 495 अभ्यर्थी इसमें शामिल हुए। इनमें से एक भी अभ्यर्थी अंतिम रूप से पास नहीं हो पाए। 495 में मात्र 3 अभ्यर्थी दौड़ में पास किये लेकिन ऊंची कूद, लंबी कूद और गोला फेंक तक नहीं पास कर पाए। जबकि एक फर्जी अभ्यर्थी भी सामने आया जिसे बायोमेट्रिक के माध्यम से पकड़ लिया गया। उसे तत्काल स्टेडियम के ही एक कमरे में बंद कर रख कर अधिकारी अन्य अभ्यर्थियों की जांच करने लगे। इतने में वो खिड़की खोलकर भाग निकला। 4 दिनों तक चलने वाले इस बहाली प्रक्रिया के लिए अलग-अलग प्रखंडों के लिए अलग-अलग तिथि निर्धारित की गई है। इसके तहत 5 अगस्त को सिंहेश्वर, गम्हरिया व शंकरपुर प्रखंड के अभ्यर्थियों की शारीरिक जांच होगी। जबकि मुरलीगंज व कुमारखंड का 6 अगस्त, उदाकिशुनगंज, ग्वालपाड़ा, बिहारीगंज, चौसा, पुरैनी व आलमनगर के होम गार्ड अभ्यर्थियों के लिए 7 अगस्त की तिथि निर्धारित की गई है। यह बहाली वर्ष 2006 की है। अभी वर्ष 2011 की बहाली भी लंबित है।

    ट्रेक में है खामियां : विशेषज्ञ बताते है कि स्टेडियम का ट्रेक दौड़ने के अनुकूल नही है .इस ट्रेक पर बालू है जिस कारण अभ्यर्थियों के पैर में ग्रिप नही बन पा रहा ही और वो फिसल रहे है.वो बताते है कि ट्रेक भी लम्बा है.बताया ट्रेक के जो माप होते है उस हिसाब से करीब सौ मीटर ये ज्यादा लम्बा है.

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