मधेपुरा/ 2024 का चुनाव सिर्फ लोक सभा का नहीं बल्कि संविधान सभा का चुनाव होगा। देश के लोगों को सोचना होगा कि संविधान रहेगा या नहीं, संवैधानिक संस्थाएं रहेगी या नहीं, सविधान में जो सामाजिक न्याय का प्रावधान है वह रहेगा या नहीं, देश की विविधता रहेगी या देश गृहयुद्ध में जाएगा। यह बाते देश के जानेमाने राजनीतिक चिंतक, चुनावी विश्लेषक और भारत जोड़ो अभियान के संयोजक योगेंद्र यादव ने बीपी मंडल की 105 वीं जयंती के मौके पर कोशी नव निर्माण मंच द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कही।
योगेंद्र यादव का मधेपुरा आने के दौरान कई जगहों पर जोड़दार स्वागत किया गया। श्री यादव सबसे पहले बीपी मंडल जी के पैतृक गांव मुरहो पहुंचे और यहां उन्होंने उनके समाधि पर माल्यार्पण किया। बाद में मधेपुरा के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज देश, देश की संस्कृति, देश के संविधान को बचाने की जरूरत है। आज देश के संविधान को बदलने की कोशिश हो रही है। देश को गृहयुद्ध में ढकेला जा रहा है। जाति जनगणना के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जाति व्यवस्था भारतीय समाज के लिए कैंसर ट्यूमर के समान है लेकिन इसकी जांच से कुछ लोग डरते हैं और देश को डराते है। संवैधानिक रूप से पिछड़ों को न्याय देने के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसपर मुहर लगाई है लेकिन किसी को पता ही नहीं है देश में पिछड़ों की संख्या कितनी है। आरक्षण दिए 35 साल हो गए पिछड़ों की स्थिति में कितना बदलाव हुआ है इसका कोई डेटा सरकार के पास नहीं है। इसके लिए यह जनगणना जरूरी है।

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सामाजिक न्याय के आंदोलन पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में सामाजिक न्याय का आंदोलन एक खास जाति और परिवार का आंदोलन बन कर रह गया है।
इससे पहले कार्यक्रम की अध्यक्षा परमेश्वरी बाबू ,संचालन रामकृष्ण यादव,स्वागत भाषण सन्दीप यादव,विषय प्रवेश -महेंद्र यादव जबकि धन्यवाद ज्ञापन- राजेन्द्र यादव ने किया।इस कार्यक्रम में वक्ता के रूप में बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चन्द्रशेखर,
मनीष रंजन एडवोकेट पटना हाई कोर्ट,
प्रो शचीन्द्र महतो,डॉ जवाहर पासवान,प्रो सचिदानन्द जी आदि मौजूद थे।
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