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वॉक फॉर फ्रीडम कार्यक्रम का आयोजन

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मधेपुरा/ न्याय नेटवर्क द मूवमेंट इंडिया (विजन रेस्क्यू की स्वयंसेवी शाखा) और जस्टिस वेंचर्स इंडिया के तत्वावधान में शनिवार को वॉक फॉर फ्रीडम-2023 कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकार एवं बिहार बाल श्रम आयोग का सहयोग प्राप्त हुआ।

संविधान में निषेधित है मानव तस्करी : इस अवसर पर प्रधानाचार्य डॉ. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि मानव तस्करी का अर्थ इंसानों का वस्तु की तरह खरीद-बिक्री है। इसमें महिलाओ से जबरन वेश्यावृति करने को मजबूर करना, दासप्रथा आदि शामिल है।

उन्होंने कहा कि मानव तस्करी के मामले में शक्ति- प्रयोग के द्वारा या फिर हालात का फायदा उठाते हुए जब किसी से इच्छा के विरुद्ध काम कराया जाता है और उसके अनुरूप पारिश्रमिक नहीं दिया जाता है। इसका संविधान के अनुच्छेद 23 के तहत निषेध किया गया है।

एक जघन्य अपराध है मानव व्यापार :  जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राजेश कुमार ने कहा कि मानव व्यापार एक जघन्य एवं संगठित अपराध है। इसके विरुद्ध प्रत्येक स्तर पर जागरूकता जागरुकता आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार मानव व्यापार के पीड़ितों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करता है। पर्यवेक्षण गृह, मधेपुरा के अधीक्षक सतीश कुमार ने कहा कि मधेपुरा जिला और पूरा कोसी-सीमांचल मानव व्यापार की दृष्टि से काफी संवेदनशील है। यहां यह अपराध कई रूपों में अपना पैर पसार रहा है।

भारत के 117 स्थानों पर किया गया आयोजन :  न्याय नेटवर्क के निदेशक (बिहार) मो. जाहिद हुसैन ने कहा कि ‘वॉक फॉर फ्रीडम दुनिया की सबसे बड़ी गैर-धार्मिक, गैर-राजनीतिक और एक शांतिपूर्ण पदयात्रा है। वर्ष 2023 में यह आयोजन भारत के 117 स्थानों पर किया गया है। इनमें बिहार का मधेपुरा, पूर्णिया, पटना, गया, मोतिहारी, सीतामढ़ी जिला शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य मानव व्यापार की दृष्टि से संवेदनशील जिलों में विशेष रूप से जागरूकता पैदा करना है।

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खुद भी इससे बचें और दूसरों को भी बचाएं :  उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि मानव जीवन अनमोल है और सभी मानवों को गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार है। अतः किसी भी मानव को किसी भी परिस्थिति में साधन नहीं बनाया जाना चाहिए और सभी व्यक्तियों की गरिमा की रक्षा होनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि मानव तस्करी मानवता के खिलाफ जघन्य अपराध है। इसके शिकार व्यक्ति पर शारीरिक, भावनात्मक एवं मनोवैज्ञानिक रूप से दुष्प्रभाव पड़ता है। अतः हमारी यह जिम्मेदारी है कि हम खुद भी इससे बचें और दूसरों को भी बचाएं।

सबसे तेजी से बढ़ने वाला आपराधिक उद्योग है मानव तस्करी :  मधेपुरा महाविद्यालय के संस्थापक प्रधानाचार्य डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि मानव तस्करी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला आपराधिक उद्योग है। यह उद्योग नशीले पदार्थों की तस्करी के बाद दूसरे स्थान पर है।

दिलाई गई शपथ : यात्रा के प्रारंभ में सभी यात्रियों को मानव तस्करी रोकने की शपथ दिलाई गई। यात्रा शुरू होने के होने के पूर्व विशेष अतिथियों का मानव व्यापार के सम्बन्ध में संबोधन हुआ। दल को अतिथियों ने झंडी दिखाकर रवाना किया।

लगभग 300 पदयात्री शामिल :  इस यात्रा में लगभग 300 से पदयात्री शांतिपूर्ण एवं मौन रूप में शामिल हुए। यह पदयात्रा एकल पंक्ति में चली। इसमें शामिल यात्री मानव व्यापार से सम्बंधित पोस्टर हाथों में पकड़े हुए थे और सड़क किनारे कतारबद्ध होकर चल रहे थे। यात्रा टी. पी. कॉलेज के परिसर से सुबह 7.15 बजे निकल कर पुराना बस स्टैंड के गोलंबर से होते हुए वापस कॉलेज प्रांगण में आकर सुबह 7:45 बजे समाप्त हुई। तदुपरांत प्रमाण पत्र वितरित किया गया।

यात्रा में मुख्य रूप से सामाजिक कार्यकर्त्ता ध्यानी यादव, मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. शंकर कुमार मिश्र, शोधार्थी सारंग तनय एवं सौरभ कुमार चौहान, ब्रजेश कुमार, अधिवक्ता विजय यादव, अधिवक्ता आलोक सिन्हा, अधिवक्ता अफजल अहमद, राज कुमार पासवान, रोहित कुमार, चंद्रशेखर राय, अभिनव, शुभम, अंकित, निधि, अन्नु, मेघा, गौरव, नीतीश, शैलेन्द्र, सत्येन्द्र, सुधांशु, चंदन सहित कई न्याययिक पदाधिकारीगण, अधिवक्तागण, शिक्षक, छात्र -छात्राएं, गैर शिक्षण पदाधिकारियों, पारा विधिक स्वयंसेवक, पैनल अधिवक्ता, एनसीसी कैडेट्स एवं आम लोगों ने भाग लिया।

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