• Desh Duniya
  • मुहब्बत के दम पर ही विश्वगुरु बनेगा भारत : प्रो. चंद्रशेखर

    मधेपुरा/ भारत ने दुनिया को प्रेम एवं अहिंसा का संदेश दिया है। इसी संदेश के कारण हम दुनिया में विश्वगुरु थे और आगे भी हम प्रेम एवं मुहब्बत के दम पर ही विश्वगुरु बनेंगे। हम नफरत के दम पर विश्वगुरु नहीं बन सकेंगे।यह बात बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने कही।वे शनिवार को


    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement

    मधेपुरा/ भारत ने दुनिया को प्रेम एवं अहिंसा का संदेश दिया है। इसी संदेश के कारण हम दुनिया में विश्वगुरु थे और आगे भी हम प्रेम एवं मुहब्बत के दम पर ही विश्वगुरु बनेंगे। हम नफरत के दम पर विश्वगुरु नहीं बन सकेंगे।यह बात बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने कही।वे शनिवार को बीएनएमयू, मधेपुरा में आयोजित सम्मान समारोह सह परिचर्चा में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

    उन्होंने कहा कि भारत को जाति-व्यवस्था ने गर्त में ढकेल दिया। जाति के कारण ही भारत विश्वगुरु के पद से च्युत हुआ है। हम जातिवाद को मिटा देंगे, तो पुनः विश्वगुरु बन जाएंगे।

    उन्होंने कहा कि शिक्षा दुनिया को बदलने का सबसे बड़ा औजार है। शिक्षा दुनिया से अंधकार को मिटाकर प्रकाश ला सकते हैं। डॉ. अंबेडकर इसके सबसे बड़े प्रतीक हैं।उन्होंने कहा कि बिहार ज्ञान की भूमि है। हमारे नालंदा एवं विक्रमशिला विश्वविद्यालय में दुनिया भर से लोग शिक्षा ग्रहण करने आते थे। लेकिन दुर्भाग्यवश हम अपनी विरासत को बचा नहीं पाए।

    उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा में गुरू को ईश्वर माना गया है। शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वे सबों के बीच ज्ञान बांटने का काम करें।

    उद्घाटनकर्ता सह अध्यक्ष कुलपति प्रोफेसर आरकेपी रमण ने कहा कि शिक्षा मंत्री हमारे विश्वविद्यालय परिवार के सदस्य हैं। आपका इस विश्वविद्यालय से गहरा लगाव है। आप यहाँ लंबे समय तक अधिषद् (सीनेट) के भी सदस्य रहे हैं और आप पहले से ही विश्वविद्यालय के चप्पे-चप्पे से परिचित हैं।

    उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री को विश्वविद्यालय की सभी बातें पता हैं और वे स्वयं हमेशा विश्वविद्यालय के विकास के लिए चिंतित रहते हैं। अतः आशा है कि वे विश्वविद्यालय की मांगों एवं उनकी अधूरी योजनाओं को पूरा करेंगे।

    उन्होंने विश्वविद्यालय की ओर से स्नातकोत्तर विभागों में पद सृजित करने और कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान की मांग की। साथ ही विभिन्न पाठ्यक्रमों को मान्यता दिलाने और विभिन्न अधूरी योजनाओं को पूरा करने की जरूरत बताई।

    विषय प्रवेश करते हुए प्रति कुलपति प्रोफेसर आभा सिंह ने कहा कि शिक्षा को एक व्यावसाय का रूप दे दिया गया है। ऐन केन प्रकारेण लोग शिक्षक बन रहे हैं। शिक्षकों के लिए एक प्रतियोगिता परीक्षा हो।

    उन्होंने कहा कि कक्षाओं का संचालन हो। शिक्षक छात्रों पर आरोप लगाते हैं और छात्र शिक्षक पर। दोनों से प्रति माह फीडबैक लिया जाए। शिक्षित लोग रोजगार के योग्य नहीं हैं।

    स्वागत भाषण देते हुए कुलसचिव प्रोफेसर मिहिर कुमार ठाकुर ने कहा कि यह बीएनएमयू के लिए सबसे बेहतर समय है। आज माननीय शिक्षा मंत्री से लेकर माननीय कुलपति, माननीय प्रति कुलपति एवं कुलसचिव तक सभी इसी विश्वविद्यालय परिवार के सदस्य हैं। सभी मधेपुरा एवं कोसी की धरती से हैं।

    इस अवसर पर डॉ. नवीन कुमार, डॉ. उषा सिन्हा, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. बीएन विवेका, डॉ. अशोक कुमार यादव, डॉ. ललन प्रसाद अद्री, डॉ. अरुण कुमार झा, डॉ. गजेन्द्र कुमार, डॉ. भूपेंद्र प्रसाद सिंह, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. दीनानाथ मेहता, डॉ. अभय कुमार, डॉ. अरुण कुमार सिंह, डॉ. कृष्णनंदन यादव, डॉ. वीरेंद्र कुमार, डॉ. एसके पोद्दार, डॉ. अर्जुन प्रसाद यादव, डॉ. इम्तियाज अंजुम, डॉ. अरूण कुमार, डॉ. मनोज कुमार मनोरंजन, डॉ. अबुल फजल, डॉ. कामेश्वर कुमार, डॉ. शंकर कुमार मिश्र, डॉ. सुधांशु शेखर, शंभु नारायण यादव और बड़ी संख्या में शिक्षक, शोधार्थी, विद्यार्थी एवं कर्मचारी आदि उपस्थित थे।

    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement

    प्रतिमाह ₹.199/ - सहयोग कर कोसी टाइम्स को आजद रखिये. हम आजाद है तो आवाज भी बुलंद और आजाद रहेगी . सारथी बनिए और हमें रफ़्तार दीजिए। सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

    Support us

    Prashant Kumar Avatar
    इस खबर पर आपकी कोई शिकायत या सुझाव हो तो हम तक अपनी बात पहुंचाये । मेल करें [email protected].
    Your Insights Matter - Let's Discuss This Together