सुपौल। शहर के एक निजी नर्सिंग होम में प्रसूता की मौत से नाराज परिजनों ने बुधवार को खूब हो-हंगामा किया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझा-बुझाकर शांत किया। मृतका के परिजनों का कहना था कि पैसे की लालच में क्लीनिक संचालक लोगों की जान से खिलवाड़ करता है। उन्होंने सदर अस्पताल से मरीज को जबरन उठाकर निजी क्लीनिक में भर्ती कराने को लेकर सीएस को आवेदन दिया है। हालांकि नर्सिंग होम संचालक डॉ. आलोक कुमार ने बताया कि मरीज की हालत पहले से खराब थी। इलाज के क्रम में उसकी मौत हुई है। हालांकि सदर अस्पताल से मरीज को लाने की बात पर चुप्पी साध ली।
बताया जा रहा है कि किशनपुर थाना क्षेत्र के थरबिट्टा वार्ड 6 के मनोज पासवान की पत्नी मुन्नी देवी को बुधवार सुबह प्रसव पीड़ा हुई। परिजन उसे सदर अस्पताल लेकर आए। यहां प्राथमिक इलाज के बाद प्रसूता की हालत गंभीर होने पर उसे रेफर कर दिया गया। रेफर के बाद एंबुलेंस भी जाने को तैयार हुआ। इस बीच नारायणी नर्सिंग होम का एक स्टाफ आया और मुन्नी को एंबुलेंस सहित अपनी क्लीनिक लेकर चला गया। जांच और खून चढ़ाने के एवज में 20 हजार और आईसीयू का 8 हजार रुपया जमा कराया। पैसा जमा कराने के बाद उसका इलाज शुरू हुआ। कुछ ही देर बाद मुन्नी की तबीयत बिगड़ने लगी। करीब डेढ़ बजे उसने दम तोड़ दिया। मुन्नी के देवर अजय का कहना था कि डॉक्टर की लापरवाही से उसकी भाभी की जान गई है। हंगामे की सूचना पर सदर थानाध्यक्ष प्रभाकर भारती पुलिस बल के साथ क्लीनिक पहुंचे तब मामला शांत हुआ। थानाध्यक्ष ने बताया कि परिजन की शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी।
उधर, सीएस डॉ. मिहिर कुमार वर्मा ने बताया कि परिजन और कुछ प्रतिनिधियों से घटना की जानकारी मिली है। बताया कि सदर अस्पताल से रेफर मरीज को जबरन निजी क्लीनिक ले जाना अपराध है। मामले की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।