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गणतंत्र दिवस और मां सरस्वती पूजा की तैयारी में जुटे विद्यार्थी

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लालमोहन कुमार@जानकीनगर,पूर्णिया

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इस वर्ष गणतंत्र दिवस और वसंत पंचमी एक ही दिन मनाया जाएगा। इसको लेकर अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी गई है 19 वर्ष के बाद एक साथ राष्ट्र धर्म गणतंत्र दिवस व ज्ञान पर्व सरस्वती पूजा मनाई जाएगी। इस दिन विद्यार्थी सर्वप्रथम देश की आन बान व शान राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को सलामी देंगे।फिर ज्ञान विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती की आराधना करेंगे। मां हंसवाहिनी से राष्ट्र के विकास में उनका भी योगदान हो, इसके लिए विद्या का वरदान भी मागेंगे।

पंडित महाकांत झा ने बताया कि पंचांगों की गणना के बाद निष्कर्ष निकाला गया है कि प्रत्येक 19 वर्षो के बाद यह स्थिति बनती है जब गणतंत्र दिवस और सरस्वती पूजा एक साथ मनाया जाता हैं। उन्होंने बताया की इससे पूर्व वर्ष 2004, वर्ष 1985 और वर्ष 1966 में भी दोनों महापर्व एक साथ मनाया गया था। इस बार भी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस व सरस्वती पूजा एक साथ मनेगा। साथ ही महाकांत झा ने बताया कि राष्ट्रधर्म के साथ ज्ञान का पर्व मनाना विद्यार्थियों के लिए सोने पर सुहागा है। दोनों महापर्व विद्यार्थियों के जीवन में अहम स्थान रखता है। एक देश के प्रति भाग को जागृत करता है तो दूसरे से ज्ञान की प्राप्ति होती है। दोनों पर आपको उत्सव के साथ खासकर विद्यार्थी मनाते हैं। वही देवी भागवत के अनुसार वर्ष में चार नवरात्र हैं। माघ माह में पड़ने वाले नवरात्र को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इसी नवरात्रि यानी माघ शुक्ल पंचमी को तीन महादेवियों में प्रधान मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था। इनके एक हाथ में पुस्तक तो दूसरे हाथ में वीणा है। मां सरस्वती को वीणावादिनी भी कहे जाते है। ज्ञान की देवी भगवती मां सरस्वती की संगीत के लिए भी आराधना की जाती है।
तीन देवियों में प्रधान है महासरस्वती
ज्योतिषाचार्य के अनुसार देवी भागवत के अनुसार वर्ष में चार नवरात्र होते हैं। माघ महीने में पढ़ने वाले नवरात्र को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इसी नवरात्रि यानी माघ शुक्ल पंचमी को तीन महा देवियों में प्रधान मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था। इनके एक हाथ में पुस्तक दूसरे हाथ में वीणा है। मां सरस्वती को वीणा वादिनी भी कहते कहते हैं। ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी भगवती सरस्वती की संगीत के लिए भी आराधना की जाती है।
गणतंत्र दिवस व सरस्वती पूजा की तैयारी शुरू
गणतंत्र दिवस व सरस्वती पूजा की तैयारी शुरू हो चुकी है। गणतंत्र दिवस को लेकर राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण आरंभ हो चुका है। वहीं सरस्वती पूजा को लेकर मूर्तिकार माता सरस्वती की प्रतिमा जानकीनगर क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों में तैयार किया जा रहा हैं। अपनी पसंद के अनुसार लोग मूर्तिकार से अग्रिम बुकिंग भी करा रहे हैं।
मां सरस्वती की प्रतिमाओं की हो रही बुकिंग
इस बार झूला, कमल, वीणा सिंहासन पर विराजमान भगवती सरस्वती की प्रतिमा अधिक देखने को मिलेगी। जानकीनगर के मूर्तिकार ने बताया कि सरस्वती पूजा को लेकर मां सरस्वती की प्रतिमा बनकर लगभग तैयार हो चुका है। लोग मनपसंद मूर्ति बनाने के लिए आकार व सजावट से संबंधित नक्शा भी उपलब्ध करा रहे हैं। कुछ लोग पूर्व से निर्मित प्रतिमा में सजावट को लेकर अपने-अपने विचार भी दे रहे हैं।

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