मधेपुरा। किशोर न्याय परिषद की एक टीम में शनिवार को मधेपुरा के सिंहेश्वर स्थित पर्यवेक्षक गृह का निरीक्षण किया। टीम में सहरसा किशोर न्याय परिषद के प्रधान मजिस्ट्रेट मनोज कुमार, मधेपुरा के प्रधान मजिस्ट्रेट मनोज पाठक और सुपौल के प्रधान मजिस्ट्रेट अरविंद मिश्रा के साथ तीनों जिलों के किशोर न्याय परिषद के सदस्य अरविंद कुमार झा, भगवान पाठक और अफ़सारी इल्ताश शामिल थी।
शनिवार दोपहर करीब ढाई बजे पहुंची टीम ने पर्यवेक्षण गृह की बारीकी से जांच की। प्रधान मजिस्ट्रेट और सदस्यों ने बच्चों से पूछताछ की और वहां की व्यवस्था को दिखा। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि पर्यवेक्षण गृह की वीडियो कॉन्फ्रेसिंग सिस्टम खराब है। इसको लेकर पर्यवेक्षण गृह के अधीक्षक सतीश कुमार को कहा गया कि वह संबंधित विभाग से पत्राचार कर इस समस्या को दूर करें। बच्चों को कौशल विकास प्रशिक्षण दिलाने का निर्देश दिया।
टीम ने पर्यवेक्षण गृह में आवासित किशोरों के नियमित अंतराल पर उपस्थापन और प्रकाश की समुचित व्यवस्था करने को कहा। साथ ही पैरामेडिकल स्टाफ के रिक्त पद को भरने के लिए बाल संरक्षण इकाई एवं निदेशालय से पत्राचार करने को कहा गया।

विज्ञापन
बच्चों को दिलाएं कौशल विकास का प्रशिक्षण :
बताया गया कि बच्चों में पढ़ने, खेलने और कौशल सीखने का अभाव होने पर वह दिशाहीनता को ओर बढ़ने लगते हैं इसलिए पढ़ाई के साथ-साथ कौशल विकास प्रशिक्षण कराने के लिए भी अधीक्षक को निर्देश दिया गया। पर्यवेक्षण गृह में सफाई कर्मी की संख्या बढ़ाने के लिए भी बाल संरक्षण इकाई से पत्राचार करने को कहा गया।
पर्यवेक्षण गृह में लोहे की ग्रिल के पास दोनों तल पर नीचे से सीमेंट से स्लोपिंग बनवाने का सुझाव दिया गया। बच्चों ने पूछताछ के दौरान कोई शिकायत नहीं की। विधि विवादित बच्चों की परामर्श रिपोर्ट संबंधित किशोर न्याय परिषद को भेजने को कहा गया।
Comments are closed.