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बीएड प्रकरण में बीएनएमयू की कोर्ट में किरकिरी और दीक्षांत बजट पर सदन ने जताई तल्ख नाराजगी - Kosi Times
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    मधेपुरा/सोलह सितम्बर को बीएनएमयू केंद्रीय पुस्तकालय में सिंडिकेट की बैठक  सदन के अध्यक्ष सह बीएनएमयू कुलपति प्रो डॉ आर के पी रमन की अध्यक्षता में हुई जो विभिन्न मुद्दों को लेकर  शुरू से अंत तक गरमा गरम बना रहा।अनेकों बिंदुओं पर सदस्यों ने विश्वविद्यालय की कार्यशैली पर गंभीर नाराजगी जताई ।सिंडिकेट सदस्य कैप्टन गौतम कुमार 


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    मधेपुरा/सोलह सितम्बर को बीएनएमयू केंद्रीय पुस्तकालय में सिंडिकेट की बैठक  सदन के अध्यक्ष सह बीएनएमयू कुलपति प्रो डॉ आर के पी रमन की अध्यक्षता में हुई जो विभिन्न मुद्दों को लेकर  शुरू से अंत तक गरमा गरम बना रहा।अनेकों बिंदुओं पर सदस्यों ने विश्वविद्यालय की कार्यशैली पर गंभीर नाराजगी जताई ।सिंडिकेट सदस्य कैप्टन गौतम कुमार  ने  अगस्त माह में हुए दीक्षांत समारोह के बजट पास करने के मुद्दे पर जमकर बवाल काटा और तल्ख नाराजगी जताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय की ऐसी क्या मजबूरी बनी कि सदस्यों के लगातार मांग के बाद भी बिना सदन के अनुमोदन के दीक्षांत का आयोजन किया गया ?जब आयोजन में सिंडिकेट को तरजीह नहीं दी गई तो फिर बजट पास के लिए सदन की शरण क्यों ।

    सभी खर्चों के बिहार सरकार से ऑडिट  के बाद ही मंजूरी का सदन ने निर्णय लिया इस मुद्दे पर एमएलसी सह सिंडिकेट सदस्य डॉ  संजीव कुमार सिंह ने भी विश्वविद्यालय की नीति व कार्यशैली पर जमकर नाराजगी व्यक्त की।वहीं बीएड जांच  में सदन के निर्णय वाली जांच कमिटी द्वारा एक माह के अंदर जांच व कारवाई में लगभग पौने दो साल में भी दोषी पर कारवाई  नहीं होने को कोर्ट में विश्वविद्यालय की हो रही फजीहत का कारण बताते कैप्टन गौतम ने कहा कि यह पदाधिकारियों के लापरवाही का फल है।स्थापना काल से मुख्यालय शिक्षा शास्त्र विभाग में नन टीचिंग स्टाफ की बहाली नहीं हो पाने ,आधा सत्र बीत जाने के बाद भी स्नातक प्रथम खंड के नामांकन सूची जारी नहीं करने  और यूएमआईएस की मनमानी,अनुशासन समिति के फैसलों को नहीं लागू करने करने के बजाय फाइल में बन्द करने को  सदन की अवमानना बताया जिसपर सिंडिकेट सदस्य सह एमएलसी डॉ संजीव कुमार सिंह, एमएलए गुंजेश्वर शाह, प्रो राम नरेश सिंह व अन्य सदस्यों ने भी सहमति जताते हुए पदाधिकारियों के दायित्व निर्वहन के प्रति ईमानदार नहीं होना बताया और कहा कि विश्वविद्यालय सदन को हल्के में लेने की भूल न करे साथ ही सदन के फैसलों को हर हाल में निर्धारित समय सीमा के अंदर लागू करवाना सुनिश्चित करे ।

    कई विषयों में पीजी की पढ़ाई शुरू होने पर  विश्वविद्यालय की पहल को बधाई देते हुए कैप्टन गौतम ने दूसरी ओर कई विषयों में पढ़ाई को सदन से मंजूरी  होने के बाद भी उस दिशा में पहल नहीं करने को  पक्षपात करार दिया।सेवानिवृत शिक्षक व कर्मचारियों को पेंशन के लिए माथापच्ची को  शर्मनाक बताते हुए उन्होंने मांग किया कि सेवानिवृत के दिन ही सारी प्रक्रिया पूरी कर लेने चाहिए। कार्यकाल पूरा कर चुके सीनेट,सिंडिकेट चुनाव, एकेडमिक सीनेट, समय पर मासिक सिंडिकेट  की मांग करते हुए कैप्टन गौतम ने कहा कि  समय पर सिंडिकेट नहीं होने से कई फैसले अनुपालन होने से पहले ही गायब हो जाते हैं। पैट 20 के रिजल्ट में व्यापक स्तर पर धांधली और लगातार वादों के बाद गर्ल्स हॉस्टल शुरू करने, फर्जी राष्ट्रीय ,अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार कह लाखों के खेल,  श्री कृष्ण डिग्री संध्या महाविद्यालय के मान्यता के मामले को उठाते हुए कैप्टन गौतम ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने फैसलों और उसके अनुपालन पर गम्भीर हो साथ ही समय पर सिंडिकेट हर हाल में सुनिश्चित करे। 

    बहस के दौरान  शुल्क,ठहराव,प्रश्रमिक भत्ता की समीक्षा सर्वसम्मति से पास हुआ ,बीएनएमयू का एकेडमिक सीनेट हर हाल में मार्च अंत तक करने एवम् ऑप्टिकल कोर्स बनवाने के लिए कॉलेज को पचास हजार के खर्च का निर्णय लिया गया।

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