एसपी का प्रभार नही मिलने से एसडीपीओ अजय नारायण यादव रहते थे खुन्नस में इसलिए डीएसपी चौबे के खिलाफ कर दिया साजिश !
प्रशांत कुमार/मधेपुरा/ सेवा के बदले रुपए नहीं देने पर कॉल गर्ल द्वारा मधेपुरा के मुख्यालय डीएसपी अमरकांत चौबे (उस समय प्रभारी एसपी ) के आवास से एसपी का मोबाइल चोरी कर लेने का आरोप फर्जी साबित होने के बाद अब मधेपुरा और पुलिस विभाग में नई बहस छिड़ गई है।मधेपुरा पुलिस विभाग में चर्चा है कि वर्तमान एसपी राजेश कुमार जब भी मुख्यालय से बाहर रहते थे, तो दैनिक प्रभार मुख्यालय डीएसपी अमरकांत चौबे को ही देकर जाते थे। ऐसा माना जाता है कि वर्तमान एसपी को मुख्यालय डीएसपी श्री चौबे पर ज्यादा भरोसा था। जबकि इनसे पहले के एसपी ऐसा नहीं करते थे। वैसे तो एक-दो दिन के लिए एसपी के प्रभार में रहने से होता कुछ खास नहीं है, लेकिन कई तरह की गोपनीय सूचना जो एसपी के मोबाइल पर लोग भेजते हैं, उसकी जानकारी मिल जाया करती है।
सदर डीएसपी के रेंज में सदर प्रखंड के सात प्रखंडों के सभी थाने आते हैं, तो सिर्फ एसपी स्तर पर आने वाले वहां के गोपनीय मामले या फिर खुद एसडीपीओ के द्वारा कोई काम ठीक से नहीं करने के मामलों की भी जानकारी मोबाइल हाथ में आने से मिल जाती है। साथ ही पहले के अन्य मैसेजों को भी पढ़ लेने का मौका मिल जाता है। दूसरी ओर, मातहतों के बीच यह मैसेज भी जाता है कि किस पदाधिकारी पर एसपी ज्यादा भरोसा करते हैं। इसका असर कई मामलों में देखने को मिलता है।
वीडियो को वारयल करने में मधेपुरा के सदर डीएसपी अजय नारायण यादव की भूमिका संदिग्ध सामने आने के बाद अब इस बात का भी खुलासा हुआ कि विभाग में एक-दूसरे को नीचा दिखाने का खेल किस कदर निचले स्तर पर पहुंच गया है। एक पदाधिकारी को नीचा दिखाने के लिए दूसरे पदाधिकारी के चारित्रिक हनन तक करवाने से नहीं चूक रहे हैं।
कोसी रेंज के डीआईजी शिवदीप लांडे ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान साफ शब्दों में कहा कि मधेपुरा पुलिस के टेक्निकल सेल के एक सिपाही को सदर डीएसपी अजय नारायण यादव ने न सिर्फ अपने पास बुलाया, बल्कि उसके पास रहे मोबाइल चोर महिला (जो कि खुद को कॉल गर्ल सप्लायर बता रही थी।) का फर्जी स्वीकारोक्ति बयान का वीडियो अपने सरकारी मोबाइल पर भी मंगवाया और अपने पर्सनल नंबर पर भी मंगवाया। पर्सनल मोबाइल नंबर पर वीडियो मंगवाना ही उनकी नीयत में खोंट को उजागर करता है।
मुख्यालय डीएसपी का दावा हुआ सच : इस मामले का वीडियो वायरल होने के बाद कुछ मीडिया में मुख्यालय डीएसपी अमरकांत चौबे का बयान आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि साजिश कर उनके चरित्र हनन का प्रयास किया जा रहा है। वायरल वीडियो वाली महिला दागी है। महिला से जबरन कहलवाकर वीडियो बनाया गया था। जल्द ही साजिश का खुलासा हो जाएगा और साजिश करने वाले भी बेनकाब हो जाएंगे। उनका यह बयान सटीक साबित हुआ। हालांकि एसपी का मोबाइल चोरी के मामले को उन्होंने जिस तरह से ईजी गोइंग लेने का प्रयास किया, इसके लिए उनके खिलाफ भी डीआईजी ने कार्रवाई के लिए पुलिस मुख्यालय को लिखा। इससे एक बार फिर साबित हो गया कि डीआईजी शिवदीप लांडे का काम करने का तरीका सबसे निराला है। गलती जिससे भी जितना हुई, कर्रवाई की गई।