मधेपुरा/भूपेंद्र नारायण मंडल का नाम समाजवादी नेताओं में अग्रणी है। यह सौभाग्य है कि यह विश्वविद्यालय उनके नाम पर स्थापित है और यहां बिहार सरकार द्वारा मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरण केंद्र की शुरुआत की गई है।
यह बात जिला पदाधिकारी विजय प्रकाश मीणा ने कही। वे मंगलवार को मुख्यमंत्री व्यवसायिक पाठ्यक्रम मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरण केंद्र के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि वे पहली बार समाजवाद की इस पावन धरती पर आए हैं और इस ऐतिहासिक धरती पर आकर उन्हें काफी अच्छा लग रहा है। इस विश्वविद्यालय और उत्प्रेरण केंद्र से लोगों को काफी उम्मीदें हैं।
उन्होंने कहा जब हमारे पास कोई चीज़, कोई व्यवस्था उपलब्ध रहती है, तब हमें उसकी कद्र एवं अहमियत बहुत कम रहता है। इसी तरह जो लोग जहां रहते हैं, उनको वहां का महत्व पता नहीं चलता है। लेकिन जब हम राज्य के बाहर जाते हैं, तो हमें अपनी जगह का महत्व पता चलता है।
उन्होंने कहा कि जब हम आगे प्रतियोगी परीक्षा में सफल हो जाते हैं और नौकरी में लग जाते हैं, तो भी हमें अपने गांव-समाज एवं शिक्षण केंद्र से जुड़े रहना चाहिए। अपने आने वाली पीढ़ी को अध्ययन-अध्यापन एवं सफलता के लिए संघर्ष हेतु प्रेरित कीजिएगा।
उन्होंने कहा कि हमारे गांव-समाज एवं व्यवस्था में कई समस्याएं हैं। हमें इन समस्याओं के समाधान की ओर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। हमारे अंदर चीजों को ठीक करने की ललक होनी है। गाँवों में, हमें भी पता है व्यवस्था में क्या समस्याएँ है। संसाधनों की कमी और बहुत सारी चीजें है तो उसमें समाधान कैसे किया जाए।
उन्होंने कहा कि आपने जीवन में सिद्धांत बनाएं और उस पर अडिग रहें। आप संकल्प लें कि जीवन में आगे बढ़-चढकर कुछ करेंगें। अपने लिए और अपने समाज एवं राष्ट्र के लिए कार्य करें।आपस में मिल-जुलकर समस्याओं के समाधान के लिए कार्य करें। हमारा यह कर्तव्य एवं दायित्व है कि हम अपनी जन्मभूमि के लिए कुछ करें और हमें अपने समाज से जो कुछ मिला है, उसे समाज को वापस करें। इसकी शुरुआत अपने विश्वविद्यालय एवं उत्प्रेरण केन्द्र से करें।
उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि विद्यार्थियों में लगन होनी चाहिए और जिन्हें भी मौका मिला है, उनको ईमानदारी से काम करना चाहिए। केंद्र में सीटों की संख्या सीमित है। इसलिए अनावश्यक रूप से किसी छात्र की सीट नहीं लें।
उन्होंने विद्यार्थियों से अपील कि केंद्र में मिल रही सुविधाओं का समुचित लाभ उठाएं। केन्द्र पर ससमय आकर ज्ञान अर्जित करें और अपने शिक्षकों से जुड़े रहें। जीवन में सफलता के लिए मार्गदर्शन एवं दिशा-निर्देश बहुत ज़रूरी है, जो आपको इस केन्द्र पर मिलेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. (डॉ.) आर. के. पी. रमण ने कहा कि बिहार में सात केन्द्र है। इनमें हमारे केंद्र में सर्वाधिक आवेदन आया है। सबसे सर्वोत्तम है। यह हमारा सौभाग्य है और हम सभी के लिए गौरव की बात है।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में ज्ञानार्जन पर जोर दिया गया है और यह रोजगारपरक भी है। इसमें यह उत्प्रेरण केन्द्र मील का पत्थर साबित होगा। सभी विद्यार्थी इस केन्द्र का अधिकाधिक लाभ लें।
उन्होंने उन्होंने जिलाधिकारी एवं जिला कल्याण पदाधिकारी से अनुरोध किया कि वे समय-समय पर केन्द्र में आकर शिक्षार्थियों को प्रेरित करते रहें। जननी एवं जन्मभूमि को स्वर्ग से भी महान होती है। हमें अपनी जननी एवं जन्मभूमि नहीं भूलना चाहिए। इस केंद्र के विद्यार्थी इसका ख्याल रखें और अपने ऊपर भरोसा रखें।
इस अवसर पर डीएसडब्ल्यू डॉ. राजकुमार सिंह ने कहा कि बिहार सरकार के अंतर्गत संचालित बिहार राज्य पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम, पटना द्वारा उच्च शैक्षणिक संस्थानों में शैक्षणिक पदों पर नियुक्ति में पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से इस केंद्र की शुरुआत की गई है। इसमें विद्यार्थियों को इनईटी, जीएटीई, जेआरएफ, पीएचडी आदि प्रतियोगिता परीक्षाओं में चयनित होने के लिए परीक्षा पूर्व निशुल्क प्रशिक्षण (कोचिंग) की व्यवस्था है।
कुलानुशासक डॉ. विश्वनाथ विवेका ने कहा कि विद्यार्थियों को जिज्ञासु बनना होगा और ज्ञान प्राप्त करने की भूख एवं प्यास जगानी होगी।
जिला कल्याण पदाधिकारी रामकृपाल प्रसाद ने कहा कि केन्द्र में नामांकन हेतु दो सौ से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुका है। इनमें से अंक के आधार पर 120 विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा, जो 60-60 के दो बैच में अध्यापन करेंगे। 06 माह के लिए संचालित किया जाएगा। कुल उपलब्ध सीटों में से 40 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग तथा 60 प्रतिशत अति पिछड़ा वर्ग के लिए अनुमान्य है। दोनों कोटियों में छात्राओं के लिए 33 प्रतिशत छैतीज आरक्षण की व्यवस्था है।
इसके पूर्व अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का अंगवस्त्रम्, पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। संचालन उप कुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर और धन्यवाद ज्ञापन कुलपति के निजी सचिव शंभू नारायण यादव ने की।
इस अवसर पर विकास पदाधिकारी डॉ. ललन प्रसाद अद्री, निदेशक (आईक्यूएसी) डॉ. नरेश कुमार, के. पी. कालेज के प्रधानाचार्य डॉ. जवाहर पासवान, क्रीड़ा सचिव डॉ. मो. अबुल फजल, सह सचिव डॉ. शंकर कुमार मिश्र, नोडल पदाधिकारी डॉ. मोहित गुप्ता, डॉ. बुद्धप्रिय, डॉ. एस. पी. सिंह, सुषमा भारती, स्वाति, पल्लवी राय, प्रेरणा भारती, मिथिलेश कुमार मंडल, अमित कुमार, विमल कुमार, अमर कुमार, माधव कुमार, सांरग तनय, सौरभ कुमार चौहान, आनंद कुमार भूषण, निखिल कुमार, अभिषेक कुशवाहा, सुशील कुमार, मिथुन कुमार, अमित कुमार, नेहा कुमारी, आशीष कुमार, राजेश कुमार, सुधीर कुमार जयदीप मोनू, नंदन कुमार, स्वास्तिक, पंकज कुमार, मनीष कुमार, बिट्टू कुमार, सूरज यादव, प्रांजल कुमार, सोनी कुमारी, सुरभि सनेहा, रिंकी कुमारी, सोनी कुमारी, बुलबुल कुमारी, मनीषा कुमारी, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. सुशील कुमार, लल्ली कुमारी, जावेद अख्तर, शैलेश यादव, मिथुन कुमार, मंजेश कुमार, सुनैना कुमारी, राहुल पासवान, हिमांशु कुमार, सत्यम कुमार, कौशल कुमार, अक्षय सिद्धांत, प्रियंका कुमारी आदि उपस्थित थे।