अफजल राज/पुरैनी, मधेपुरा/ मधेपुरा में अवैध नर्सिंग होम का एक और गोरखधंधा सामने आया है। 26 साल की एक गर्भवती को बहला-फुसलाकर वहां की आशा में एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया। क्लीनिक में महिला की स्थिति नाजुक बताकर उसके परिजनों से 70000 हजार जमा करा लिए गए। ऑपरेशन के बाद परिजनों को पता चलता है कि बच्चे के साथ साथ महिला की बच्चेदानी भी निकाल दी गई है। इतना ही नहीं जब महिला की हालत बिगड़ने लगी तब उससे रेफर किया जा रहा है। हालांकि महिला के पिता ने थाना में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। यह घटना पुरैनी की है। यह करतूत यहां संचालित हर्ष हेल्थ केयर एंड नर्सिंग होम के डॉक्टर ने की है।
दुर्गापुर वार्ड 7 निवासी शंकर शर्मा को गर्भवती पुत्री सोनम कुमारी को 3 जुलाई को दुर्गापुर गौरव टोला वार्ड 7 निवासी आशा गीता देवी ने बहला-फुसलाकर प्रसव के लिये हर्ष हेल्थ केयर एंड नर्सिंग होम में भर्ती कराया। भर्ती के दौरान फीस के नाम पर तीस हजार रुपए और खून चढ़ाने के नाम पर चालीस हजार रुपए भुगतान करवाया। इसके बाद मरीज का सिजेरियन भी किया गया। इसी क्रम में डॉक्टर से भारी गलती हो गई। इस ऑपरेशन के क्रम में डॉक्टरों की टीम ने पीड़िता का यूट्रस यानि बच्चादानी को ही पेट से निकाल दिया। जब इस बात की भनक परिजनों को लगी तो उन्होंने इसका विरोध किया लेकिन डॉक्टरों ने बहला-फुसलाकर परिजनों से कागज पर हस्ताक्षर करवा कर यह लिखवा लिया कि उनकी मर्जी से ही उनकी पुत्री की बच्चा दानी को निकाला गया जो सड़ चुकी थी। इसी क्रम में समाज के कुछ ठेकेदारों ने नवविवाहिता के भविष्य की चिंता ना करते हुए और न्याय दिलाने के बदले पंचायती कर मामले को रफा-दफा कर दिया।
लेकिन अब बड़ा सवाल यह है कि जब हर्ष हेल्थ केयर सेंटर के पास सुसज्जित व्यवस्था, अच्छे चिकित्सक ही नहीं है तो उन्हें ऑपरेशन करने का निर्देश किसने दिया है। मालूम हो कि विगत कुछ दिन पूर्व भी इसी हर्ष हेल्थ केयर सेंटर में चिकित्सकों की टीम के वजह से ही एक बुजुर्ग की मौत भी हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने जमकर बवाल मचाया था लेकिन उस मामले में भी पंचायती कर मामले को रफा-दफा कर दिया और अब जब इतना बड़ा मामला सामने आया है तो यह देखना शेष होगा क्या स्वास्थ्य विभाग इस मामले में कोई बड़ी कार्रवाई करता है या नहीं।
अब कभी मां नहीं बन सकेगी सोनम: पीड़िता के भाई ने बताया कि हर्ष हेल्थ केयर सेंटर की वजह से उनकी बहन के साथ इतनी बड़ी घटना हो गई जिसकी वजह से हो आप कभी मां नहीं बन सकती ऐसे में अगर उनके ससुराल वाले उन्हें रखने से मना कर देते हैं तो वह कहां जाएगी क्या इसकी जिम्मेदारी हर्ष हेल्थ केयर सेंटर की होगी।
क्या कहते हैं क्लीनिक संचालक : हर्ष हेल्थ केयर के संचालक धर्मवीर कुमार ने बताया कि मरीज के पति और उसके पति के बड़े भाई से अनुमति लेने के बाद ही बच्चादानी हटाई गई थी क्योंकि बच्चादानी पूरी तरह सड़ चूका था ।
हर्ष हेल्थ केयर एंड नर्सिंग होम के संचालक धर्मवीर कुमार ने बताया कि कि उनके ऊपर लगाया जा रहा आरोप गलत है। भर्ती कराने के समय मरीज की स्थिति काफी नाजुक थी। जांच में पाया गया कि बच्चादानी पूरी तरह से सड़ चूका है। इसलिए प्रसुता के पति से अनुमति लेकर ऑपरेशन कर बच्चे को निकाला गया और बच्चादानी को भी निकाला गया। ऑपरेशन के बाद जच्चा और बच्चा सात दिनों तक हास्पिटल में रहे। उस समय तक दोनों स्वस्थ्य थे। आगे जांच रिपोर्ट आने के बाद उसे रेफर किया जा रहा था।थानाध्यक्ष मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।