मधेपुरा/ भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय हिंदी विभाग में स्मृतिगंधान कार्यक्रम आयोजित हुआ. कार्यक्रम का उद्घाटन मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो. (डॉ) विनय कुमार चौधरी , विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर उषा सिन्हा, आई क्यू ए सी निदेशक प्रोफेसर नरेश कुमार ,डॉक्टर सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह , डॉक्टर आलोक कुमार ,डॉक्टर प्रफुल्ल कुमार ,डॉक्टर पूजा गुप्ता, डॉ रश्मि कुमारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
इसके पश्चात सभी शिक्षकों व अतिथियों का अंगवस्त्र से छात्रों के द्वारा स्वागत किया गया। इसके बाद विभाग की छात्रा चांदनी,अंशु ,रूपम, गुड़िया ,स्वाती,अंजु के द्वारा स्वागत गीत “मन की वीणा से गुंजित मंगलम” की प्रस्तुति दी गई।
उद्घाटन भाषण देते हुए प्रोफेसर विनय कुमार चौधरी ने कहा की 2 वर्षो का यह स्वर्णिम काल छात्रों का यहां बीता। इस दौरान इन छात्रों ने गुरुजनों से जो सीखा उसका उपयोग अपने जीवन काल में करेंगे ।यह स्वर्णिम स्मृतियां की गंध से सदैव सुगंधित रहेंगे। उन्होंने विदा हो रहे छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की कहा सभी छात्र प्रतिभावान है अपनी प्रतिभा का सदा प्रदर्शन करते रहें।उन्होंने कार्यक्रम का नाम स्मृतिगंधा को अनोखा बताया।
विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर उषा सिन्हा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि स्मृति संपर्क संबंधन है। स्मृति से आत्मरंजन और लोक रंजन होता है।अतएव स्मृतिगंधा का आयोजन एक आलोक पर्व है। श्री सिन्हा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अब तक जो शिक्षकों से सीखा है उन्हें अपने जीवन में उतारने का वक्त आ गया है।
मुख्य अतिथि के रूप में आई क्यू ए सी के निदेशक प्रोफेसर नरेश कुमार कहा कि कार्यक्रम स्मृतिगंधा का आयोजन कर छात्रों ने अपनी स्वर्णिम स्मृतियों को साझा करना अत्यंत सराहनीय है। डॉ कुमार ने कहा आपको शिक्षकों ने तलाशा भी है और तराशा भी है ।आप यहां से जो सीख कर जा रहे हैं उनका सकारात्मक उपयोग अपने जीवन में करेंगे उन्होंने सोशल मीडिया का कम इस्तेमाल करने की भी सलाह दी।
पीजी सेंटर सहरसा के एसोसिएट प्रोफेसर सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग जहां से विदा हो रहे हैं आप अपना बड़े लक्ष्य को पाने के लिए और मेहनत करेंगे और अपने जीवन में निरंतर आगे बढ़ते रहेंगे।
विशिष्ट अतिथि रूप में आमंत्रित समाजशास्त्र विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ आलोक कुमार ने कहा कि मनुष्य के जीवन का छात्रकाल अनमोल होता है। संपूर्ण जीवन की आधारशिला होती है। स्मृतिगंधा की सुगंध आपके जीवन को सुगंधित करती रहेगी। विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ प्रफुल्ल कुमार ने कहा अब आप यहां से विदा और हो रहे हैं यहां से जाने के बाद कुछ छात्र शोध करेंगे तो कुछ शिक्षक बनेंगे। अब आप यहां के नियमित छात्र नहीं रहे लेकिन पुरातन छात्र के रूप में सदैव जुड़े रहेंगे।
डॉक्टर पूजा गुप्ता ने कहा 2 वर्षों से आप सबों का विभाग से गहरा जुड़ाव रहा आप अपने जीवन में निरंतर आगे बढ़ते रहें यही मंगल कामना है।इस दौरान रश्मि कुमारी ने कहा कि आज आप विभाग से भले जा रहे हैं लेकिन आपकी स्मृतियां विभाग में बनी रहेगी। इस अवसर पर गणित विभाग अध्यक्ष मनोज कुमार मनोरंजन ने भी छात्रों को संबोधित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए छात्र धीरज कुमार ने अपने 2 वर्ष के स्वर्णिम पलों को याद करते हुए कहा कि यह 2 वर्ष हमारे जीवन का श्रेष्ठ स्वर्णिम काल के रूप में हमें सदैव याद रहेगा. धीरज ने इन दो वर्षों में मिली उपलब्धि को भी याद किया। छात्र अमरदीप कुमार , सुशील कुमार ,आरती कुमारी , चांदनी वर्मा ,ज्ञान रंजन सिंह ,मदन मोहन, विवेक कुमार, अंशु कुमारी आदि छात्रों ने भी इन 2 वर्षों के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि दो वर्षो की स्वर्णिम यादें हमारे मन मस्तिष्क में इस तरह बैठ गई है कि या जीवन भर इन स्मृतियों की सुगंध से हमारा जीवन सुगंधित होता रहेगा।