प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती बाल दिवस के रूप में आयोजित

चौसा, मधेपुरा/चौसा के विभिन्न विद्यालयों में प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती बाल दिवस के रूप में आयोजित की गई।कन्या मध्य विद्यालय, चौसा में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती बाल दिवस के रूप में मनाया गया। सर्वप्रथम उनके तैलीय चित्र पर प्रधानाध्यापक विजय पासवान, उपस्थित समस्त शिक्षकगण एवं विद्यालय के छात्राओं द्वारा पुष्पांजलि अर्पित की गई।

इस मौके पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री पासवान ने कहा कि अच्छी शिक्षा, प्रेम, अच्छे व्यवहार के जल सिंचन से यह बीज अंकुरित होंगे, पुष्पित होंगे और उनकी खुशबू से यह देश फलेगा फुलेगा। शिक्षकों और  बच्चों के द्वारा उनके व्यक्तित्व, कृतित्व पर चर्चा की गई।

सांस्कृतिक कार्यक्रम में रानी कुमारी, रिया कुमारी, संध्या, सोनाक्षी, खुशबू, शिवानी, रीतांजली कुमारी ने भाग ली। इस अवसर पर बच्चों को पुरस्कृत किया गया और मुंह भी मीठा कराया गया। इस मौके पर विद्यालय के शिक्षक अमीम आलम, गोविन्दा कुमार, संजीवानंद, उमेश प्रसाद यादव, ICT अनुदेशक मोतीलाल, प्रतिभा गुप्ता, बिन्दु कुमारी, रेहाना खातून, बिन्दुला कुमारी, विभा कुमारी आदि उपस्थित थें।

उ0म0वि0बड़की बढ़ौना, चौसा में प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती बाल दिवस के रूप में मनाया गया। सर्वप्रथम उनके तैलीय चित्र पर प्रधानाध्यापक गौतम कुमार गुप्त, शिक्षक मनीष कुमार, आशीष कुमार, लड्डू कुमार शर्मा, कुमारी साधना भारती, सोनी शर्मा, बुद्धदेव कुमार और छात्रों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित की गई। बच्चों और शिक्षकों के द्वारा उनके व्यक्तित्व, कृतित्व पर चर्चा की गई।इस अवसर पर बच्चों को पुरस्कृत किया गया और मुंह भी मीठा कराया गया।

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू आधुनिक भारत के वास्तुकार थे। उनके नेतृत्व में देश ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल किया था।उक्त बातें महादेव लाल मध्य विद्यालय चौसा की प्रभारी प्रधानाध्यापिका मंजू कुमारी ने कही। वे आज सोमवार को पंडित नेहरू के जन्मदिन के अवसर पर विद्यालय में आयोजित बाल दिवस समारोह को संबोधित किया।शिक्षक यहिया सिद्दीकी ने कहा कि नेहरु जी का बच्चों के प्रति स्नेह अनुकरणीय था। बच्चे प्यार से उन्हें चाचा कहते थे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक शिक्षक को चाचा का अनुकरण करते हुए बच्चों से जुड़ना चाहिए।

मौके पर शिक्षक प्रणव कुमार, भालचंद्र मंडल, शिक्षिका नुजहत परवीन, रीणा कुमारी , शिक्षा सेवक लहटन ऋषिदेव सहित छात्रगण उपस्थित थे।

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