बिहार पृथ्वी दिवस पर पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन

👉साहित्यकार संजय कुमार सुमन ने कहा पेड़ लगाने से व्यक्ति को सैंकड़ों यज्ञों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। 👉जदयू नेता नित्तम कुमार गांधी ने कहा कि पेड़ प्रकृति का आधार हैं

मधेपुरा ब्यूरो/जिले के सामाजिक शैक्षणिक कल्याण संघ चौसा के बैनर तले आज वन महोत्सव एवं बिहार पृथ्वी दिवस के शुभ अवसर पर प्रखंड के अभियाटोला में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।जिसका नेतृत्व जदयू नेता नित्तम कुमार गांधी ने की।मौके पर लोगों के द्वारा फलदार,छायादार,फूल,औषधीय एवं अन्य प्रजाति के दो दर्जन से अधिक पौधो का पौधारोपण किया गया।


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ के सचिव सह साहित्यकार संजय कुमार सुमन ने कहा कि पौधारोपण करना बहुत जरूरी है। पेड़ लगाने से व्यक्ति को सैंकड़ों यज्ञों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। केवल इतना ही नहीं भारतीय संस्कृति में एक पेड़ लगाना, सौ गायों का दान देने के समान माना गया है। पर्यावरण को सुरक्षित रखना हम सबकी जिम्मेदारी है, इसलिए हम सभी को पौधारोपण करना चाहिए। उन्होंने पृथ्वी दिवस मानाने के पीछे उद्देश्य पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रकृति के प्रति जागरूकता फैलाना है,प्रकृति के संरक्षण में आने वाली चुनौतियों का सामना करना, जनसँख्या वृद्धि, प्रदुषण, वनों की कटाई जैसी मुख्य समस्याओं का समाधान निकालना है।
शिक्षक जवाहर चौधरी ने कहा कि आज जो पौधारोपण किया है, वह हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए तोहफा होगा, क्योंकि ये पेड़ पौधे बड़े होकर सदियों तक सभी को जीवन के रूप में ऑक्सीजन देते रहेंगे। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे हर माह में एक पौधा जरूर लगाएं।


जदयू नेता नित्तम कुमार गांधी ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से बचने और पर्यावरण को शुद्ध बनाने के लिए पेड़ों का होना बहुत जरूरी है। पेड़ प्रकृति का आधार हैं। पेड़ों के बिना प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इसीलिए हमारे पूर्वजों ने पेड़ों को पूरा महत्व दिया।


युवा समाजसेवी आशीष कुमार, राकेश जायसवाल ने कहा कि पौधे जहा हमारे लिए आय का साधन है,वहीं मानव जीवन के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि पौधो की देखभाल करके ही हम उनसे छाया व फल की उम्मीद कर सकते है।
इस मौके पर दामोदर मंडल,सतीश कुमार, प्रीतम भारती, सुधीर कुमार, शंकर चौधरी समेत दर्जनों लोगों ने अपने हाथों से एक एक पौधरोपण किया।

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