सिंहेश्वर,मधेपुरा/ कोसी टाइम्स के खबर का एक बार फिर बड़ा असर सामने आया है. बच्चा गायब कर प्रसूता को बंधक बनाये जाने वाले मामले में नार्मल डिलेवरी सेंटर नामक अस्पताल को आज देर शाम सील कर दिया गया.
उक्त मामले में सीएस डॉक्टर अब्दुस सलाम, डीएस प्रिंस कुमार, सीएचसी प्रभारी डॉक्टर रविन्द्र कुमार, बीडीओ आशुतोष कुमार, थानाध्यक्ष अरुण कुमार, सहित अन्य की मौजूदगी में पीड़ित महिला को उक्त नर्सिंग होम में लाया गया और उससे स्थल की पहचान करवाई गई. बताया गया कि महिला ने स्थल को पहचाना और एक- एक बात बताई और दोषी पर कार्रवाई की मांग करने लगी. स्थल पर ही सीएस ने महिला से घटित घटना की जानकारी भी ली. जिसके बाद हीं कार्रवाई की गई.
स्थल से बोर्ड भी हो गया गायब- जिस तरह बच्चे के गायब कर देने की खबर कोसी टाइम्स ने जारी किया कि शाम में ही उक्त स्थल से रातोरात बोर्ड भी गायब हो गया. जब क्लीनिक के बारे में पूछा गया तो बताया गया कि यहां कभी क्लीनिक था ही नही. हालांकि बाद में क्लीनिक को सील कर दिया गया.
सील खोलने के लिए करते रहे मशक्कत– उक्त घटना के बाद जब जिला के आलाधिकारी स्थल पर पहुंच नर्सिंग होम को सील कर दिया. जिसके बाद हाई वोल्टेज ड्रामा शुरू हो गया. सैकड़ो की संख्या में युवक स्थल पर पहुंच कर हंगामा शुरू कर दिया. अधिकारियों द्वारा किए गए कार्रवाई को ग्रामीणों ने गलत बताया और किसी भी स्थिति में सील को खोलने की मांग करने लगे . हालांकि अधिकारी भी अपने कार्रवाई पर डटे रहे.
पीड़िता हो गई बेहोश– झिटकिया स्थित नर्सिंग होम जिस वक्त सिल किया गया उस वक्त महिला भी स्थल पर मौजूद थी. जिसे बार- बार आक्रोशित लोगों का सामना करना पड़ा. लोगों ने महिला को काफी भद्दी- भद्दी गालियां भी दी. इसी बीच आक्रोश को देखते ही महिला बेहोश हो गई. जिसे महिला स्वास्थ्य कर्मी के द्वारा एंबुलेंस में ले जाया गया.
पीड़िता पर चरित्रहीनता का लगाया आरोप— बच्चा गायब करने के मामले में एक तरफ जहां पीड़िता अपने बच्चे के लिए परेशान थी. वहीं दूसरी तरफ नर्सिंग होम संचालक को बचाने के लिए एक समूह पूरी तरह से लगा रहा. लेकिन आरोप तय होने के कारण नर्सिंग होम को सील कर दिया गया. इस बीच लोगों के द्वारा पीड़िता पर चरित्र हीनता का आरोप भी लगाया गया.
महिला ने सुनाई आपबीती- पीड़ित महिला गुड़िया कुमारी ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि उसका मायका सुखासन पंचायत वार्ड नंबर 11 और ससुराल कर्पूरी चौक मधेपुरा निवासी रौशन कुमार की पत्नी है. वह 27 सितंबर को सदर अस्पताल मधेपुरा में प्रसव कराने के लिए गई थी. लेकिन वहां स्वास्थ्य माफिया ने उसे आपरेशन का केश बताया और नार्मल डिलीवरी के लिए सिंहेश्वर के झिटकिया में चल रहे नीजी क्लीनिक नार्मल डिलीवरी सेंटर भेज दिया. जहां उसे भर्ती करने के बाद उसे बताया नार्मल डिलीवरी नही हो सकता है. आपरेशन करना होगा और आपरेशन में 30 हजार का खर्च बताया गया लेकिन 27 हजार खर्च पर बात तय हो गईऔर फिर प्रसूता का ऑपरेशन कर दिया गया. लेकिन जब मरीज को होश आया तो बच्चा उसके पास नही था. उसने जब नर्सिंग होम कर्मी से पुछा तो उसने बताया कि बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ था उसे हटा दिया गया. वही पीड़िता ने कहा कि बच्चा मरा हुआ ही था तो हमको देते इस बात पर दोनों में कहासुनी भी हो गईऔर दस दिन तक पैसों के आभाव में मरीज घेर कर रखा गया.
यह भी बताई कि नर्सिंग होम संचालक के द्वारा मरीज से सारा पुर्जा दवा रसीद पैसे का रसीद आदि छीन लिया गया और उसे वहां से भगा दिया गया. पीड़ित लोगों के साथ लगातार नोक झोंक किया जा रहा था.