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डीएम के फरमान के बाद मेला दुकानदारों ने शिवरात्रि पर दुकान बंद करने का लिया निर्णय

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सिंहेश्वर,मधेपुरा/ देवाधिदेव महादेव के नगरी में महाशिवरात्रि के अवसर पर लगने वाले मेला में एक ग्रहण सा लग गया है. इसको लेकर दुकानदारों में काफी आक्रोश व्याप्त है. जिस वजह से महाशिवरात्रि के दिन ही मेला का दुकान नही खुलने वाला है. दरअसल मामला यह हुआ कि महाशिवरात्रि मेला के उद्घाटन के मात्र एक दिन पहले डीएम विजय प्रकाश मीणा का फरमान जारी हो गया और देर रात ही एसडीओ धीरज कुमार सिंहेश्वर मेला पहुंच कर थियेटर और मारुति सर्कस को बंद करने का आदेश दे दिया. जिसके बाद से ही पूरा माहौल गर्म हो गया और गुरुवार को सुबह से ही मेला में आए विभिन्न प्रतिष्ठान के मालिकों डीएम के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है.

इस दौरान सुबह से दोपहर बाद तक एसडीओ, बीडीओ सहित अन्य पदाधिकारी सिंहेश्वर में डटे रहे. एसडीओ ने मेला संवेदक, थियेटर के मालिक सहित अन्य से बात भी की. इसके बाद थियेटर मालिक सहित अन्य विभिन्न प्रतिष्ठान के मालिक डीएम से मिलने गए. लेकिन डीएम ने स्पष्ट रूप से थियेटर और मारुति सर्कस को हटाने के लिए कहा. जिसके बाद विभिन्न प्रकार के प्रतिष्ठान के मालिक मेला में दुकान नही खोलने का फैसला लिया है. इसके बाद शाम होते ही एएसपी परमेंद्र भारती, एडीएम सहित दर्जनों पुलिस बल पहुंच कर जबरन थियेटर और मारुति सर्कस को हटाने के लिए कहने लगे. यह भी कहा गया कि अगर जल्द से जल्द नही हटाया गया तो जेसीबी से हटा दिया जाएगा.

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वहीं थियेटर के मालिक सियाराम यादव ने बताया कि वह विगत 30 वर्षों से मेला में थियेटर लगा रहे है. इस बार ऐसा क्या हो गया जो मेला उद्घाटन से मात्र एक दिन पहले थियेटर को हटाने का निर्देश दिया गया. इस वजह से उनका लगभग 25 लाख का नुकसान हो जायेगा. थियेटर खड़ा करने के साथ- साथ कलाकारों को एडवांस रुपया भी भेजा जा चुका है. जो पूरी तरह से डूब जायेगा. जैक बाद उन्होंने यह बताया कि जब तक प्रशासन से आदेश नही मिलता है तब तक किसी प्रकार का कार्यक्रम शुरू नही किया जायेगा.

ताज्जुब की बात यह है कि मात्र एक दिन पहले थानाध्यक्ष, बीडीओ सहित अन्य पदाधिकारियों के द्वारा थियेटर चलाने को लेकर अनुसंसा भी की गई थी. बावजूद इसके इन प्रतिष्ठानों को हटाने का फरमान जारी कर दिया गया. वहीं लोगों ने यह भी बताया कि यह फैसला मेला को समाप्त करने के दिशा में लिया गया है. वहीं झूला मालिकों ने बताया कि मेला में हर एक प्रतिष्ठान एक दूसरे का पूरक है. किसी एक भी हटने से पूरा मेला बर्बाद हो जाएगा. मेला दुकानदार संघ के मो हसमत, मो कमरूल, सहित सैंकड़ों दुकानदारों ने डीएम के इस फैसले का विरोध जताया है.

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