मधेपुरा/ जिले में शनिवार को वक्फ बोर्ड बिल के खिलाफ प्रदर्शन में एक अर्धसैनिक बल के जवान की सार्वजनिक भागीदारी ने सेवा अनुशासन को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। पुरैनी प्रखंड के गणेशपुर पंचायत के वार्ड संख्या सात निवासी मो. मकसूद आलम, जो कि आईटीबीपी (भारत तिब्बत सीमा पुलिस) की 14वीं बटालियन में तैनात हैं, ड्यूटी से छुट्टी लेकर अपने घर आए थे। लेकिन इस दौरान वे विवादास्पद विधेयक के विरोध में आयोजित आंदोलन में नजर आए। सैन्य आचरण संहिता के मुताबिक किसी भी सुरक्षाबल के जवान को राजनीतिक या सांप्रदायिक गतिविधियों में भाग लेना प्रतिबंधित है। भले ही वह छुट्टी पर क्यों न हो, जवान को सेवा अनुशासन और तटस्थता बनाए रखनी होती है। इस प्रकरण में मकसूद आलम का आंदोलन में भाग लेना नियमों का स्पष्ट उल्लंघन प्रतीत होता है। सेना और अर्धसैनिक बलों के सेवा नियमों के जानकारों के अनुसार इस तरह की भागीदारी पर विभागीय जांच और अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। यदि विभागीय स्तर पर इस मामले को गंभीरता से लिया गया, तो यह ITBP की सेवा संहिता के तहत कार्रवाई योग्य हो सकता है। आंदोलन में शामिल होने का कई वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हालांकि वह वर्दी में नहीं दिख रहे हैं लेकिन फिर भी ऐसे आयोजनों में सेवा के जवान का शामिल होना कहीं से भी उचित नहीं है।