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  • मधेपुरा का सुमीत NEET में लहराया परचम, मां नही बन पाई थी डॉक्टर

    मधेपुरा/ बुधवार को नीट परिणाम जारी होने के बाद हर ओर खुशी का माहौल है। मधेपुरा का सुमित श्रीवास्तव NEET में परचम लहराया है। सुमित अब डॉक्टर बनेगा । मां डॉक्टर नहीं बन पाई थी लेकिन अब बेटा डॉक्टर बनेगा। मधेपुरा नगर परिषद के लक्ष्मीपुर मोहल्ला निवासी न्यायालय अधीक्षक आनंद श्रीवास्तव और शिक्षाविद डॉ सीमा


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    मधेपुरा/ बुधवार को नीट परिणाम जारी होने के बाद हर ओर खुशी का माहौल है। मधेपुरा का सुमित श्रीवास्तव NEET में परचम लहराया है। सुमित अब डॉक्टर बनेगा । मां डॉक्टर नहीं बन पाई थी लेकिन अब बेटा डॉक्टर बनेगा।

    मधेपुरा नगर परिषद के लक्ष्मीपुर मोहल्ला निवासी न्यायालय अधीक्षक आनंद श्रीवास्तव और शिक्षाविद डॉ सीमा श्रीवास्तव का पुत्र सुमित श्रीवास्तव ने नीट परिणाम में सफलता पाई है। सुमित की मां सीमा श्रीवास्तव खुद एमबीबीएस डॉक्टर बनना चाहती थी और उनके पिता का भी सपना था कि सीमा श्रीवास्तव एमबीबीएस डॉक्टर बने लेकिन अचानक पिता के निधन हो जाने के बाद उनका सपना अधूरा रह गया लेकिन उन्होंने अपने बेटे को एमबीबीएस डॉक्टर बनाने का सपना पाल लिया और बेटे को पढ़ाने लगी आज उनके बेटे सुमित श्रीवास्तव ने नीट की परीक्षा में सफलता पाई है ।

    सुमित की सफलता की खबर मिलते ही शहर वासियों की ओर से उन्हें बधाई मिल रही है तो उनके घर बधाई देने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है।

    दरअसल नेशनल टेस्ट एजेंसी ने नीट यूजी का परिणाम जारी कर दिया। जिसमें मधेपुरा नगर परिषद के लक्ष्मीपुर मोहल्ला निवासी आनंद श्रीवास्तव व शिक्षाविद डॉ. सीमा श्रीवास्तव के पुत्र सुमित श्रीवास्तव ने NEET परीक्षा में सफलता पाई है। सुमित ने बताया कि वो दसवीं की परीक्षा स्थानीय होली क्रॉस से पास किया है वही इंटर की परीक्षा मधेपुरा के डिग्रेसिया  इंटरनेशनल स्कूल से 82% अंक लाकर पास किया है। इंटर की परीक्षा पास करने के बाद सुमित नीट की तैयारी करने के लिए कोटा चला गया ।तीन बार उन्हें असफलता प्राप्त हुई फिर चौथी बार में उसे ये सफलता मिली ही।

    सुमित के पिता आनंद श्रीवास्तव व्यवहार न्यायालय मधेपुरा में अधीक्षक है तो वहीं उनकी मां डॉक्टर सीमा श्रीवास्तव टीपी कॉलेज में प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत है।

    अपनी सफलता को लेकर सुमित ने बताया कि डॉक्टर बनने की इच्छा मेरी मां की थी मेरे नाना जी चाहते थे कि मेरी मां डॉक्टर बने लेकिन जब मेरी मां तैयारी कर रही थी उसी दौरान मेरे नाना जी का देहांत हो गया और माँ डॉक्टर नहीं बन पाई। जब मैं छठी क्लास में था तब ही यह बात मेरी माँ ने मुझे बताइ और तब से ही मैंने ठान लिया कि मैं डॉक्टर बनूंगा। मुझे ऐसा लग रहा है कि आज मैंने अपनी मां के साथ अपने नाना जी का सपना साकार करने का रास्ता खोल लिया है।

    सुमित ने बताया कि जो भी बच्चे नीट की तैयारी करना चाहते हैं उनको पूरी तरह डेडीकेट होना पड़ेगा इस पढ़ाई के लिए तभी जाकर उन्हें इस परीक्षा में सफलता मिल सकती है ।

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