Kosi Times
तेज खबर ... तेज असर

हमने पुरानी ख़बरों को archieve पे डाल दिया है, पुरानी ख़बरों को पढ़ने के लिए archieve.kositimes.com पर जाएँ।

- sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

पुणे में सावित्री बाई फुले फातिमा शेख राष्ट्रीय सम्मन से बीस महिलाएं होंगी सम्मानित

- Sponsored -

पुणे प्रतिनिधि/अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के साथ देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की पुण्यतिथि पर उनकी और उनकी सहेली फातिमा शेख की याद में सावित्रीबाई फुले फातिमा शेख राष्ट्रीय सम्मान समारोह का आयोजन 14 मार्च 2023 को पुणे महाराष्ट्र के वडगांव शेरी स्थित राजेंद्र नगर में होगा।द्वितीय सावित्रीबाई फुले फातिमा शेख राष्ट्रीय सम्मान समारोह का आयोजन सावित्रीबाई सेवा फाउंडेशन पुणे की ओर से किया जा रहा है। इस समारोह में देश और विदेश की 20 महिला हस्तियों को उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए सम्मानित किया जाएगा। समारोह में विधवाओं की विडंबना पर विमर्श होगा। विमर्श की मुख्य वक्ता सिंगापुर की युवा लेखिका अनुसूया साहू होंगी। समारोह में महाराष्ट्र में विधवा प्रथा को हटाने में कई सालों से सक्रिय सोलापुर की संस्था महात्मा फुले समाज सेवा मंडल के प्रमोद झिंझड़े और उनके साथियों का सार्वजनिक अभिनंदन होगा।

विज्ञापन

विज्ञापन

गौरतलब है कि इन के प्रयासों से सबसे पहले महाराष्ट्र के ग्रामीण पंचायतों में विधवा प्रथा हटाने के प्रस्ताव पारित हुए जिस पर बाद में महाराष्ट्र सरकार ने भी सर्कुलर जारी कर पूरे महाराष्ट्र में दिलवा प्रथा पर रोक लगाने का आदेश जारी किया। इस महत्वपूर्ण सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि न्यूयार्क के विख्यात समाजसेवी इंद्रजीत शर्मा और विख्यात दिवंगत समाजसेविका सिंधु ताई की इकलौती जैविक सुपुत्री ममता सपकाल होगी ।अति विशिष्ट अतिथि के रुप में सावित्रीबाई फुले के परपोते प्रशांत यतीश फुले होंगे जो सावित्रीबाई फुले फातिमा शेख राष्ट्रीय सम्मान से महिला हस्तियों को सम्मानित करेंगे। समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार प्रसून लतांत करेंगें। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ संपादक अज़ीज़ सिद्दिकी,रामावतार साहू,नगर सेवक योगेश मुलिक होंगे। समारोह ने सैकड़ों विधवा और बुजुर्ग महिलाओं को साड़ी देकर सम्मानित किया जाएगा। सावित्री बाई सेवा फाउंडेशन,पुणे की सचिव
हेमलता म्हस्के के मुताबिक देश विदेश की जिन महिला हस्तियों को सम्मानित किया जा रहा है उनमें सिंगापुर की अनसूया साहू लेखन के लिए, बलिया उत्तरप्रदेश की डा चंदा सागर शिक्षा के लिए दिल्ली की छाया सहरावत और गुंजन छाबड़ा समाज सेवा के लिए, झारखंड की ममता बनर्जी मंजरी लेखन के लिए मुंबई की निक्की शर्मा रश्मि लेखन और महिला सशक्तिकरण के लिए, पुणे की पूनम बरके समाज सेवा के लिए मुंबई की प्रियंका जाधव समास सेवा के लिए,,कुवैत की राधिका गुलेरी भारद्वाज रचनात्मक लेखन के लिए जापान की रौनक कुमारी समाज सेवा के लिए पंजाब की डा ऋतू भनोट महिला विमर्श लेखन के लिए वर्धा महाराष्ट्र की संगीता बड़े मराठी साहित्य के लिए बिहार भागलपुर की सपना चंद्र रचनात्मक लेखन के लिए, मुजफ्फरनगर की शाहाना परवीन रचनात्मक लेखन के लिए गुजरात की शिल्पा अरुण वैष्णव समाज सेवा के लिए, मधुबनी बिहार की विभा कुमारी सृजनशील लेखन के लिए उड़ीसा की विदे सिनी पटेल समाज सेवा के लिए और दिल्ली की सुनीता चौहान समाज सेवा के लिए दूसरे सावित्री बाई फुले फातिमा शेख राष्ट्रीय सम्मान से नवाजी जाएंगी।
सम्मानित होने वाली हस्तियों में से एक
प्रियंका अशोक जाधव जो महाराष्ट्र के सतारा जिले से आती हैं सम्प्रति टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस मुंबई से “डेली लाइव्स, स्ट्रगल्स, चैलेंजेज एन्ड निगोशिएशन्स : ए स्टडी ऑफ पारधि वुमेन इन सतारा डिस्ट्रिक्ट ऑफ महाराष्ट्र” विषय पर पीएचडी कर रही हैं।इन्होंने इसी क्षेत्र में अपनी एमफिल भी की है। पिछले दस वर्षों से अनेक गैर सरकारी संगठनों के साथ महाराष्ट्र की घुमन्तु जनजाति से जुड़े बिंदुओं पर काम कर चुकी हैं। इन अनुभवों से इन्हें इस जनजाति विशेष रूप से इस जनजाति की महिलाओं के मुद्दों को समझने का अवसर मिला है। इन विषयों से संबंधित अनेक सेमिनार, कार्यशाला और कॉन्फ्रेंस में भी इन्होंने भागीदारी निभाई है।
इसी तरह बलिया उत्तर प्रदेश की चंदा सागर हैं जो नेत्रहीन होते हुए ऊंची शिक्षा हासिल की हैं
-डॉ चंदा सागर ने हिंदी साहित्य में दलित। इनार्श पर शोध किया है।मौजूदा समय में दिल्ली के मिरांडा हाउस महाविद्यालय पढ़ती हैं। उत्तरप्रदेश के अत्यंत पिछड़े इलाके की डा सुनीता ने उंची शिक्षा हासिल कर दिल्ली के किसी कॉलेज में पढ़ती हैं। डॉ सुनीता एकल यायावरी के लिए जानी जाती हैं और बालिका संरक्षण के लिए देश के कोने कोने यात्रा करती रहती है। साहित्य की विभिन्न विधाओं में लिखती भी हैं। डा ऋतू भनोट की पंजाब की हैं लेकिन इन्होंने हिंदी साहित्य में ऊंची शिक्षा हासिल की हैं। महिला विमर्श और कविताओं पर किताबें भी छप चुकी हैं। मुंबई की निक्की शर्मा रश्मि ने भी ऊंची शिक्षा हासिल की हैं । रचनात्मक लेखन के साथ महिलाओं को शक्तिशाली बनाने के लिए समाज सेवा करती है। अनुसूया साहू उत्तराखंड की हैं लेकिन सिंगापुर में हिंदी के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रही हैं। जापान में रहने वाली रौनक कुमारी जापान में रहती हैं जब तमिलनाडु में सुनामी तूफान आया था तब अंतरराष्ट्रीय संस्था से जुड़ कर समझ सेवा की। कुवैत में रहने वाली राधिका गुलेरी भारद्वाज हिंदी के विख्यात कथाकार चंद्रधर शर्मा गुलेरी के परिवार से जुड़ी हैं। वे हिंदी साहित्य के लिए अंतरराष्ट्रीय सेमिनारों का संचालन करती हैं। बिहार की विभा कुमारी ने उनकी शिक्षा हासिल की है रचनात्मक लेखन से जुड़ी हैं और स्त्री के सशक्तिकरण के लिए कई कार्यक्रमों का संचालन कर चुकी है। किताबें भी छप चुकी हैं । मुजफ्फरनगर की शाहाना परवीन विभिन्न गंभीर मुद्दों पर निरंतर लेखन कर रही है। इनकी कई किताबें प्रकाशित भी हो चुकी हैं। शिल्पा वैष्णव गुजरात में कई दशकों से और विदि सीने पटेल ओडिशा में आदिवासियों के बीच समाज कार्य करती है। पुणे की पूनम बरके और दिल्ली की छाया सहरावत,गुंजन छबड़ा और सुनीता चौहान समाजसेवा कार्य कर रही हैं।झारखंड की ममता बनर्जी मंजरी, बिहार भागलपुर की सपना चंद्र सृजनशील साहित्य रचने में सक्रिय हैं। इन हस्तियों में सभी की समान विशेषता यह है ज्यादातर ने शिक्षा प्रतिकूल स्थितियों में रहते हुए हासिल की और अपने बलबूते अपने मुकाम पाने में कामयाब हुई, जिनके लिए सावित्री बात फुले और फातिमा शेख ने अपनी अपनी जिंदगी को जोखिम में डाल कर लड़कियों के लिए देश में पहली पाठशाला स्थापित की और श्री शिक्षा का मार्ग प्रशस्त किया।

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

- Sponsored -

आर्थिक सहयोग करे

Leave A Reply

Your email address will not be published.