सिंहेश्वर,मधेपुरा/ सिंहेश्वर मवेशी हाट मैदान में श्री सिंहेश्वर महोत्सव का भव्य आगाज किया गया. तीन दिनों तक सिंहेश्वर सहित अन्य जगह के कला प्रेमी रंग- बिरंगी गीत, संगीत, नृत्य में डुबकी लगाते रहेंगे. बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित श्री सिंहेश्वर महोत्सव का आगाज दीप प्रज्वलित कर विधान सभा उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव, विधायक चंद्रहास चौपाल, नगर पंचायत अध्यक्ष पूनम देवी, रमेश ऋषिदेव, भूपेंद्र नारायण मधेपुरी सहित अन्य ने किया. जिसके बाद सभी अथिति को अंगवस्त्र, बाबा भोलेनाथ का स्मृति चिन्ह व पौधा से सम्मानित किया गया. इस दौरान सबसे पहले स्कूली बच्चों ने स्वागत नृत्य शुभ स्वागतम् की प्रस्तुति दी. इसके बाद सिंहेश्वर मंदिर के पुजारी नीलांबर ठाकुर, संजीव कुमार ठाकुर, कन्हैया ठाकुर, दीपक ठाकुर, सहित अन्य के द्वारा स्वस्ति वाचन के बाद एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी गई.
–लोगों को खूब भाया नवाचार रंगमंडल के कलाकारों का नृत्य- कार्यक्रम में नवाचार रंगमंडल के कलाकार मो आतिफ व कार्तिक कुमार के नेतृत्व तथा मो फैयाज के कोरियोग्राफी में हर-हर महादेव.., गीत पर नृत्य की प्रस्तुति दी. प्रस्तुति ऐसी की दर्शक स्तब्ध हो कर नृत्य में किये गये एक से बढ़कर एक स्टेप लोगों को खूब भाया. लोगों ने इस नृत्य का जमकर लुत्फ उठाया. इसमें कलाकार मो फैयाज, नितीश कुमार, अंशु कुमार, राहुल कुमार, अमन कुमार, राधा कुमारी, अंशु कुमारी एवं प्रीति कुमारी शामिल थे. साथ ही मेकअप में विजय सोनी, कॉस्ट्यूम डिजाइन में रवि कुमार एवं आनंद कुमार, प्रॉप्स डिजाइन में मो इमरान एवं मो फेजी तथा सहयोग में बमबम कुमार, सुमन कुमार, मो शाहनवाज एवं आशीष कुमार शामिल थे. इसके बाद रौशन ने गजल की प्रस्तुति दी. वहीं मंच संचालन पृथ्वी राज यदुवंशी ने किया. जबकि स्वागत भाषण एडीएम अरुण कुमार ने किया.

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उद्घाटन कार्यक्रम में डीएसपी ट्रैफिक चेतनानंद झा, एनडीसी पंकज कुमार घोष,जिला आपूर्ति पदाधिकारी शंकर शरण,वरीय उप समाहर्ता, बीडीओ आशुतोष कुमार, सीओ नवीन कुमार सिंह, व्यापार मंडल अध्यक्ष शिवचंद्र चौधरी, उप प्रमुख मुकेश कुमार, मुख्य पार्षद पूनम देवी, जदयू प्रखंड अध्यक्ष हरेंद्र मंडल न्यास के मदन मोहन सिंह, विजय कुमार सिंह, संजीव कुमार ठाकुर आदि मौजूद रहे.
विधानसभा उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव ने कहा कि हमारा देश भारत वर्ष एक आध्यात्मिक देश है. यह ऋषि मुनियों का देश है. साधु संतों का देश है. जिस देश में हम नदियों को माता कहकर बुलाते हैं. जिस देश में हम पत्थर को भगवान के रूप में पूजते हैं. जिस देश की धरती पर भगवान राम भगवान कृष्ण अवतरित हुए इस देश की धरती पर भगवान बुद्ध भगवान महावीर आए जिन्होंने देश और दुनिया को शांति और अहिंसा का संदेश दिया. उस देश की धरती की हम संतान है. हमारे यहां की जो गंगा जमुना की संस्कृति है दुनिया में उसका कोई मुकाबला नहीं है. हमारे यहां कहा गया है अतिथि देवो भवः अतिथि देवता के समान होते हैं और आपने सुना होगा देवताओं ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की थी प्रभु बचाइए राक्षसों ने आतंक मचा रखा है. तब भगवान विष्णु ने सुझाव दिया दधीचि मुनि के पास जाइए अगर वह अपनी अस्थि का दान करेंगे तब उससे वज्र बनाया जाएगा. उसका जब प्रहार होगा तब राक्षसों पर उसका सर्वनाश होगा. साथियों दधीचि मुनि ने अपने शरीर का त्याग किया था. हम उस देश को धरती की हम संतान है. भगवान भोलेनाथ के बारे में क्या कहना ळ देवाधिदेव महादेव पर्वत पर रहते है न शरीर पर उनको वस्त्र है और नहीं उनका कोई पक्का का घर बना हुआ और उनके परिवार से हमें जीवन में सीख लेनी चाहिए. भगवान भोलेनाथ की सवारी बैल है. भोलेनाथ के मस्तक पर नाग बैठे हुए है. भगवान कार्तिक की सवारी मोर, भगवान गणेश की सवारी मूसा है, आप जानते हैं सिंह बैल को खो जाता है, मोर सांप को निगल जाता है. लेकिन भगवान भोलेनाथ सब को मिलाकर अपने परिवार को चला रहे हैं. लेकिन हमलोग क्या कर रहे है. साथियों आज भाई- भाई से लड़ाई होती है. भाई से टकराहट होती है. भगवान भोलेनाथ की महत्व इतनी है कि लोग सैकड़ो किलोमीटर पैदल चल के बाबा सिंहेश्वर नाथ बाबा बैजनाथ धाम जाते हैं. जल चढ़ाने के लिए भोलेनाथ को औढरदानी कहा जाता है. जब माता पार्वती की शादी हुई थी तो भगवान भोलेनाथ माता पार्वती को शादी के बाद बसहा पर बैठ करके चल दिए थे. आज जब हमारे समाज में बेटी का जन्म होता है. बेटी के पिता के सर पर पसीना आता है. मैं दहेज कहां से लाऊ. कोई फिएट कार मांगता है. लड़की वालों से स्कॉर्पियो मांगता है. भगवान भोलेनाथ ने कोई स्कॉर्पियो कार नहीं मांगा. भगवान राम के प्रति उनकी कितनी भक्ति थी. आप उसकी कल्पना कर सकते हैं और पति और पत्नी में कितना प्यार था.
विधायक चंद्रहास चौपाल ने कहा कि यह जो महोत्सव मनाया जा रहा है और हम आशा करते हैं कि जिला प्रशासन के द्वारा यह कार्यक्रम और अच्छा हो. लेकिन नरेंद्र बाबू से आग्रह करेंगे की 400 करोड़ का सिंहेश्वर के सौंदर्यीकरण का राशि पहले से पास हुआ था. इसमें से 90 करोड़ दिया गया है हम आग्रह करेंगे हम लोगों के अभिभावक है. मधेपुरा के जिला में इतिहास में आपके मार्गदर्शन में सभी कार्य होंगे.
डॉ प्रोफेसर रमेश ऋषिदेव ने कहा कि
अच्छा काम किए गए हैं. स्थानीय कलाकार को जगह मिला है और बाहर के भी कुछ कलाकार है. सभी का सम्मान करता हूं और बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री बिहार के विकास पुरुष नीतीश कुमार को बधाई देता हूं जिन्होंने 90 करोड़ 27 लाख रुपया देकर के सिंहेश्वर को सजाने और संवारने का काम किया है.
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