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चौथी सोमवारी को जलाभिषेक के लिये उमड़ा जन सैलाब, पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किया बाबा का जलाभिषेक

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शुशांत अंशु/ सिंहेश्वर, मधेपुरा/ बिहार के प्रसिद्ध देव स्थल बाबा सिंहेश्वर स्थान में सावन के चौथी व अंतिम सोमवारी को जलाभिषेक के लिये श्रद्वालुओं का सैलाब उमड़ गया. रविवार रात से ही श्रद्धालुओं का छोटे- बड़े वाहनों से जैसे- तैसे लगातार आना जारी रहा. मंदिर प्रशासन ने भीड़ बढ़ता देख एक बजे रात में ही बाबा का पट एसडीओ नीरज कुमार, डीएसपी अजय नारायण यादव, बीडीओ , सीओ , थानाध्यक्ष अरुण कुमार, न्यास सदस्य विजय कुमार सिंह, मदन मोहन सिंह, बबलू ऋषिदेव, प्रबंधक अभिषेक आनंद, मनोज ठाकुर के मौजूदगी में खोल दिया गया. लेकिन सबसे पहले बाबा का सरकारी पूजा किया गया और लगभग दो बजे से श्रद्धालुओं के जन सैलाब ने जलाभिषेक करना शुरू कर दिया. लगभग 12 बजे से ही श्रद्धालुओं ने कतार में लगना शुरू कर दिया. भक्तों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि कोई भी कुछ करने में असमर्थ साबित हो रहा था.

पुरे मंदिर परिसर सहित आसपास के क्षेत्र का माहौल ऐसा हो गया कि बाबा का पट खुलने से पूर्व व पट खुलने के बाद बोल बम व हर हर महादेव की ध्वनि से पूरा मंदिर परिसर गुंज उठा. जिस वजह से बाबा मंदिर परिसर सहित पुरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया. इस दौरान महिला भक्तों की संख्या भी काफी ज्यादा रही इन्होंने भी पुरूष श्रद्धालुओं के जयकारे का जवाब अपने जयकारे से देने में नही चुकी. दुर- दराज व कई स्थानीय श्रद्धालु बाबा मंदिर पहुंचने के साथ ही शिवगंगा में डुबकी लगा कर पुजा करने में जुटे रहे. भीड़ इतनी ज्यादा हो गयी कि श्रद्धालुओं को संभालना किसी के बुते की बात नही थी. वहीं दुर- दराज से बाबा की नगरी पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. क्योंकि प्रशासन के लाख कोशिशों के बावजूद भी बाबा नगरी में जाम से निजात नही मिल पाया. लगभग पुरे दिन पुरे बाबा नगरी की स्थिति भयावह बनी रही. जिस वजह से श्रद्धालु सहित स्थानीय लोगों को दिन भर भीषण जाम के वजह से कराहते रहे.

बेरिकेटिंग तिनके के तरह उजड़ गया- चौथी व अंतिम सेमवारी को अप्रत्याशित भीड़ ने पुरे मंदिर परिसर को अस्त- व्यस्त कर दिया. श्रद्धालुओं को संभालने के लिये लगाये गये लोहे का बेरिकेटिंग तिनके के तरह टुट कर बिखड़ गये. जिस वजह से कई लोग घायल भी हो गये. जबकि इसके टुटने के बाद श्रद्धालु को संभाल पाना काफी मुश्किल हो गया. श्रद्धालु एक जगह सिमट गये. लिहाजा स्थानीय युवाओं को काफी मेहनत करनी पड़ी. वहीं दुसरी तरफ पुलिस बल भी काफी कम रहने के वजह से भी परेशानी हुई. कई बार तो प्रवेश द्वार स्थित स्टील बेरिकेटिंग बंद करना पड़ा. इस अप्रत्याशित भीड़ के वजह से महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. भिड़ इतनी ज्यादा हुई की दोनों साइड के बेरिकेटिंग से पुरुषों को भेजा जाने लगा. जबकि बीच के रास्ते से महिलाओं को. महिलाओं की संख्या भी इतनी ज्यादा हुई की पुलिस प्रशासन सहित युवाओं के सांस फूलने लगे. इसी बीच बेरिकेटिंग टूट गया. उस वक्त महिलाएं बीच में ही फंस गई और दोनों ओर से पुरुष श्रद्धालुओं से दबती रही. बाद में अथक प्रयास से स्थिति को संभाला जा सका.

जाम से कराहता रहा सिंहेश्वर धाम-– वैसे तो बाबा नगरी की सुरत पहले से ही प्रशासन के नाकामी के कारण बदसुरत बनी हुयी थी. सड़क जाम तो जैसे रोज का दिनचर्या हो चुका है लेकिन रविवार रात से ही दुर- दराज से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के वजह से पुरा क्षेत्र पुरी तरह से स्थिर हो गया. प्रशासन के लाख कोशिशों के बावजूद भी जाम से निजात मिल पाना काफी मुश्किल साबित हो रहा था. इस जाम के वजह से जिले के आलाधिकारियों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा प्रशासन के अधिकारियों को भी काफी देर तक जाम ने अपने आगोश में रखे रही. वहीं दुसरी तरफ तिसरी सोमवारी की भिड़ से सबक लेने के बजाय स्थिति और भी उल्टी हो गई. कई जगहों पर न तो कोई दंडाधिकारी रहा और न ही पुलिस बल ही नजर आया. पुलिस की काफी कमी रही. सड़क पर भी इक्के दुक्के पुलिस कहीं कहीं नजर आए. जाम छुड़ाने के लिए स्थानीय युवक ही आगे आए. बाइपास रोड में यत्र- तत्र लगे वाहनों के कारण जाम की स्थिति लगातार बनती रही. ऐसा नही कि सिर्फ बाईपास की स्थिति ऐसी थी सभी जगहों की जाम के कारण भयानक स्थिति बनी रही.

श्रद्धालुओं को हुयी काफी परेशानी- देवाधिदेव महादेव की पुजा अर्चना के लिये लोगों का हुजुम ऐसा उमड़ा कि श्रद्धालुओं को संभालना मुश्किल हो गया. मंदिर परिसर सहित शिवगंगा पर श्रद्धालुओं की कतार दोपहर बाद तक लगी रही. बताया गया कि गर्भ गृह का पट खुलने के बाद से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग गयी थी. श्रद्धालु घंटो लाइन में रहकर पुजा करने को मजबुर थे. लगभग बारह बजे जब श्रद्धालुओं का रैला बाबा का जलाभिषेक के लिये गर्भ गृह में पहुंचने को बैताब था. उस वक्त प्रशासन ने सीधे अपने हाथ खड़े कर दिये. जिस वजह से श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. पुलिस बल काफी कम होने के रहने के कारण भीड़ पुरी तरह से बेकाबु हो गयी थी. बार- बार श्रद्धालुओं का हुजुम एक जगह सिमट जाता रहा. लगभग आधे दिन तक भीड़ को नही संभाला जा सका. हालांकि भीड़ को अनियंत्रित देख थानाध्याक्ष अरुण कुमार ने थाने से लगभग सभी पुलिस बल को मंदिर में बुला लिया. फिर भी भीड़ ने एक न सुनी.

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स्थानीय युवाओं ने किया सहयोग- देवाधिदेव की पूजा के लिये अंतिम सोमवारी को काफी संख्या में श्रद्धालु बाबा मंदिर में पहुंचे. पुलिस बल भी काफी कम होने के वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. हालांकि स्थानीय युवाओं ने पट खुलने से लेकर दोपहर बाद तक कमान संभाले रखा. अंतिम सोमवारी को अगर युवा संघ और श्रृंगी ऋषि सेवा फाउंडेशन व अन्नपूर्णा सेवा संघ के सदस्य नही होते तो एक बड़ा हादसा होने से कोई नही रोक पाता. पट खुलने के बाद से ही ये सभी अपने कार्य को अंजाम दे रहे थे. इस दौरान युवा संघ के पंकज भगत, हरिओम, रोहित, मनीष, सुनील, साकेत, रंजीत, हरिओम, भानु, संतोष, छोटू, सुनील, कार्तिक, गोविंद, रंजीत, अन्नपूर्णा सेवा संघ के अभिनंदन जायसवाल, रूद्र बिट्टू, अजय कुमार, विपुल आर्यन, दीपांशु सिंह, आशीष कुमार, राहुल कुमार, मन्नू कुमार, दीपक कुमार, आदित्य कुमार, रवि कुमार, गोपाल कुमार, शिवचंद्र कुमार, आशीष आनंद, राहुल कुमार, राजन कुमार सहित अन्य सहित श्रृंगी ऋषि सेवा फाउंडेशन के संस्थापक भाष्कर कुमार निखिल, सागर यादव, संजय गुप्ता, राजेश कुमार राजू, सुदेश शर्मा, सोनू सरकार, मनीष आनंद, गौरव झा,मनीष मोदी, सत्यम कुमार, अक्षय कुमार, सुरज सिंह तोमर, आनंद कुमार, शशिभूषण जी, राहुल कुमार, निरज निर्जल, सुधीर मंडल,बमबम कुमार, रामकुमार यादव, अभिषेक सोनी, बिट्टू कुमार, राम सिंह, मलकीत कुमार, शिवम जी, चंदन सूर्या, संतोष कुमार, जयप्रकाश जी, रिंकू देवी ,शिवानी कुमारी, दिनेश शर्मा, चंचल सिंह रंजीत कुमार, राणा जी, ललित भगत, अमित कुमार,संतोष कुमार, राजेश कुमार, महेन्द्र मंडल, चन्द्रकिशोर, राहुल कुमार, मनोहर, निरज, धरवेन्द्र,कन्हैया झा,केशव शर्मा, रंजित कुमार रजनीश, गौरव कुमार, दीपक कुमार ने भी काफी सराहनीय भुमिका निभायी.

भीड़ ने तोड़ा रिकार्ड : सावन माह के चौथे व अंतिम सोमवारी को बाबा सिंहेश्वर नाथ की पूजा के लिये पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ने रिकार्ड तोड़ दिया. क्षेत्र का लगभग सभी सड़क श्रद्धालुओं से ही पटा रहा. रिकार्ड टुटने का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. क्योंकि मंदिर रोड, एनएच 106, सिंहेश्वर बिरैली पथ सहित अन्य सभी रास्ते पुरी तरह से श्रद्धालुओं से पटा रहा. खास कर मंदिर रोड, बाई पास में पैदल चलना भी काफी मुश्किल रहा. साथ ही मंदिर परिसर में थोड़ी सी भी जगह नही थी. बताया गया कि भिड़ इतनी ज्यादा हुई की सिंहेश्वर और मधेपुरा के बीच श्रद्धालुओं का हुजूम पूरे दिन रहा.

मेडिकल टीम कर रही है कैंप : देवाधिदेव महादेव की पुजा- अर्चना के लिये लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु के लिये मेडिकल टीम मंदिर परिसर में कैंप कर रही है. लाखों की संख्या में मौजूद श्रद्धालु के साथ किसी प्रकार की घटना- दुर्धटना को भी झुठलाया भी नही जा सकता है इसी वजह से एम्बुलेंस सहित मेडिकल टीम को मंदिर परिसर में तैनात किया गया है. जहां सैकड़ों घायल श्रद्धालुओं ने अपना इलाज करवाया.

डाक बम के लिए कम पड़ी व्यवस्था : बाबा सिंहेश्वर नाथ का जलाभिषेक करने के लिये विभिन्न घाटों से लगभग हजारों डाकबम अहले सुबह से ही पहुंचते रहे. लेकिन डाक बमों को मंदिर में प्रवेश करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. भीड़ इतनी ज्यादा थी कि श्रद्धालु को मंदिर में प्रवेश करने में घंटा इंतजार करना पड़ रही थी. प्रवेश द्वार पर स्थिति ऐसी थी कि श्रद्धालु एक दूसरे पर चढ़ें हुये थे. जहां से डाक बम का मंदिर में प्रवेश कर पाना अंसभव था.

खचाखच भरा रहा मंदिर परिसर- सावन की चौथी व अंतिम सोमवारी होने के कारण मंदिर का बाहरी व अंदर का परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहा. स्थानीय श्रद्धालुओं ने भी इस सोमवारी में काफी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज की. वहीं न्यास के द्वारा बताया गया कि तीसरी सोमवारी में आशा के विपरित भीड़ हुई थी. जिससे अनुमान लगाया गया था कि चौथी व अंतिम सोमवारी को श्रद्धालुओं की संख्या चार लाख के पार हो जायेगी. लेकिन भीड़ पांच लाख के पार पहुंच गई. वहीं सावन की अंतिम सोमवारी को भी पड़ोसी देश नेपाल सहित सुपौल, अररिया, सहरसा, मधेपुरा, पुर्णिया, सिमराही, खगड़िया आदि जगहों के श्रद्धालु काफी संख्या में पूजा के लिये सिंहेश्वर पहुंचे. स्थिति इतनी भयावह हो गयी थी कि बार- बार श्रद्धालुओं का रोकना पड़ रहा था.

फूल वालों का फूल हो गया समाप्त : देवाधिदेव की पूजा के उमड़े श्रद्धालुओं के कारण पूरा क्षेत्र एक तरफ जहां छटपटा रहा था. वहीं दूसरी तरफ मंदिर के आस पास जरूरत के सारे सामान खत्म हो गए. फूल वालों का फूल समाप्त हो गया. सिर्फ गेंदा फूल के सहारे ही भक्तों ने पूजा किया. कई जगहों पर वह भी उपलब्ध नही हो पा रहा था. इसके साथ- साथ आसपास के दुकानों से पीने का बोतल बंद ठंडा पानी कम पड़ गए. खाने का सामान भी काफी मुश्किल से मिल पा रहा था. इसके साथ ही पूरे दिन सभी मोबाइल नेटवर्क हांफने लगी.

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