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  • मधेपुरा : चौसा में आरएसएस ने मनाया शरद पूर्णिमा उत्सव,सबको खिलाई गई खीर

    चौसा, मधेपुरा/राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चौसा ईकाई द्वारा बीते रविवार की शाम को अमृत महोत्सव शरद पूर्णिमा का आयोजन राधा कृष्ण मंदिर चौसा परिसर में किया गया। जिसमें घोषई कलासन, चिरौड़ी,मोरसंडा,धनेशपुर,पैना,फुलौत पूर्वी व पश्चिमी,लौआलगान पूर्वी व पश्चिमी,चौसा पूर्वी व पश्चिमी,अरजपुर पश्चिमी व अरजपुर पूर्वी समेत अन्य पंचायतों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अधिकारी व कार्यकर्ताओं ने


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    चौसा, मधेपुरा/राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चौसा ईकाई द्वारा बीते रविवार की शाम को अमृत महोत्सव शरद पूर्णिमा का आयोजन राधा कृष्ण मंदिर चौसा परिसर में किया गया। जिसमें घोषई कलासन, चिरौड़ी,मोरसंडा,धनेशपुर,पैना,फुलौत पूर्वी व पश्चिमी,लौआलगान पूर्वी व पश्चिमी,चौसा पूर्वी व पश्चिमी,अरजपुर पश्चिमी व अरजपुर पूर्वी समेत अन्य पंचायतों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अधिकारी व कार्यकर्ताओं ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया।कार्यक्रम की अध्यक्षता खंड कार्यवाह गोपाल साह ने की।इस अवसर पर सार्वजनिक रूप से खीर के रूप में बनी प्रसाद का वितरण किया गया।सैकड़ो लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।


    मौके पर चक्रधर मेहता ने बौद्धिक देकर शरद पूर्णिमा पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि खीर के इस प्रसाद को ग्रहण करने वाले व्यक्ति को कई रोगों से मुक्ति मिलती है। इस दिन चंद्र देव अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होते हैं। इसके अलावा कुछ लोकगीतों में इस त्योहार को भगवान कृष्ण, देवी लक्ष्मी और इंद्र देव के साथ भी जोड़कर देखा जाता है।मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की रोशनी से अमृत वर्षा होती है और यह खीर को अमृत तुल्य बना देती है। सुबह इस खीर को खाने से मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है।
    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यवाह दिलीप कुमार ने कहा कि अपने देश के अलग-अलग भागों में अनेक प्रकार के उत्सवों की परंपरा है। प्रत्येक उत्सव के साथ कोई न कोई पौराणिक कथा जुड़ी हुई है।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नीति नियंताओं को संगठन में जब जिन गुणों एवं प्रेरक प्रसंगों की आवश्यकता महसूस हुई तदनुसार उन्होंने उसको उत्सव रूप में मनाने की व्यवस्था की।संघ में कुल 6 उत्सवों को मनाने की परंपरा रही है, जिसमें से शरद पूर्णिमा महत्वपूर्ण उत्सव है।यह उत्सव हमारे समाज को जोड़ता है तथा समाज में समरसता को भी स्थापित करता है।


    अरुण कुमार मंडल ने कहा कि शरद चन्द्रमा की किरणे शीतलता लिए हुए होती है। संक्रांति काल होने से चन्द्रमा की किरणें 16 कलाओं से परिपूर्ण होती है। दूध में पहले से मौजूद बैक्टिरिया को चांदनी बढ़ाती है, यह खीर संक्रामक रोगों से बचाती है। इसके साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाती है।
    प्रो सुरेश प्रसाद साह ने कहा कि शरद पूर्णिमा के दिन खीर को चंद्रमा की रोशनी में रखने से उसमें अमृत समाहित हो जाता है और यह खीर कई रोगों का निवारण करने में लाभदायक सिद्ध होती है। विशेषकर दमा की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए राहत देने वाली होती है। सुभाष पासवान, सुबोध कुमार सुमन,जवाहर चौधरी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यों एवं संगठन को मजबूती पर बल दिया।
    मौके पर बौद्धिक प्रमुख संजय कुमार सुमन, जितेंद्र कुमार, मुरारीलाल पटवारीका, यदुनंदन यादव,माखनलाल चतुर्वेदी, डॉक्टर पप्पू कुमार, कैलाश सिंह, चंद्रकिशोर मंडल, चेतन गुप्ता, सुबोध मंडल, धीरज कुमार जयसवाल, मुन्ना यादव,धर्मदेव कुमार,संजीव कुमार, संजय कुमार सुधांशु, सुभाष साह, महावीर अग्रवाल, सुबोध सिंह, राणा प्रताप सिंह, विकास कुमार गुप्ता, मनीष कुमार यादव,मणिकांत कुमार सिंह, प्रीतम कुमार,धीरज कुमार मेहता,सुधांशु कुमार, चन्दकिशोर कुमार मंडल, केशव कुमार,कृष्ण कुमार, पंकज कुमार चौरसिया,जिला परिवार प्रबोधन प्रमुख उपेंद्र भगत, मनोज कुमार भारती समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।

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