प्रशांत कुमार /मधेपुरा/ जिले में अधिकारियों पर पद और पावर का हनक किस कदर सिर चढ़ कर बोल रहा है, यह किसी से छुपी नहीं है। इसी हनक के बलबूते जिला प्रशासन के एक तानाशाह अधिकारी अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर मीडिया संस्थान से स्पष्टीकरण मांग रहे हैं। बात हो रही कोसी टाइम्स पर प्रकाशित एक खबर और एसडीएम द्वारा उस खबर पर मांगे गए स्पष्टीकरण की।
कोसी टाइम्स ने 26 मार्च 2024 को अपने फेसबुक पेज पर मधेपुरा मंडल कारा में एक कैदी की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत की खबर को प्रमुखता से जारी किया था। कोसी टाइम्स ने खबर में जिक्र किया था कि जेल में बंद एक विचाराधीन कैदी की मौत हो गई । बाद में कैदियों द्वारा जेल में हंगामा किया गया ,तोड़फोड़ की गई ,पुलिस के साथ झड़प हुई ,कई कैदी चोटिल और घायल हुए। यहां तक कि स्थिति को संभालने के लिए वरीय अधिकारी को आना पड़ा और भारी संख्या में पुलिस बल को बुलाया गया। जेल के अंदर की दो गेट को कैदियों द्वारा तोड़ा गया अगर समय रहते इसे नहीं संभाला जाता तो बड़ी घटना घट सकती थी।
कोसी टाइम्स ने इस खबर को जारी किया था। जिला प्रशासन के लोग इस संबंध में कुछ भी बोलने से परहेज करते रहे। जिला सूचना एवम जनसंपर्क पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, जेल अधीक्षक, जिला पदाधिकारी सबों को कोसी टाइम्स की तरफ़ से कॉल किया गया लेकिन कहीं से भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई। कोसी टाइम्स ने अपने सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार खबर जारी की। बस फिर क्या था, जिला प्रशासन से जुड़े अधिकारियों का इगो हर्ट हो गया। होली की छुट्टी के दौरान हुई इस घटना की खबर को जिला प्रशासन के लोग दबाना चाहते थे लेकिन कोसी टाइम्स ने उजागर कर दिया।
स्पष्टीकरण मांगने से पहले जांच तो कर लेते… : घटना सही थी और कोसी टाइम्स द्वारा जारी की गई खबर भी पुष्ट और सही थी। इस संबंध में मधेपुरा थाना में 21 कैदियों पर मामला भज दर्ज कराया गया। दोपहर करीब एक बजे खबर जारी हुई और उसी दिन शाम या रात में चिन्हित कैदियों पर मामला दर्ज करवाया गया।एफआईआर में घटना से जुड़ी उन तथ्यों का उल्लेख भी है जिसे कोसी टाइम्स ने जारी किया था।ऐसे में जब कोसी टाइम्स की खबर पुष्ट और सही है फिर एसडीएम साहब बौखला क्यों गए ? क्या साहब के मनमाफिक कोसी टाइम्स ने खबर नहीं चलाई या खबर को नहीं दबाया तो साहब नाराज हो गए ? साहब का पावर कम हो गया ?
मीडिया हाउस जिला प्रशासन या सरकारी के अधिनस्त संस्था नहीं :हैरत की बात है कि अपने स्पष्टीकरण में अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा है कि क्या इस संबंध में सूचना एवम जनसंपर्क पदाधिकारी द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई ? बड़ा सवाल है क्या कोसी टाइम्स जिला प्रशासन की प्रेस विज्ञप्ति को जारी करने के लिए कोई एजेंसी है ? सवाल यह भी है कि क्या कोसी टाइम्स अनुमंडल पदाधिकारी के अधीन संचालित कोई कार्यालय है और हमारे सहयोगी उनके अधिनस्त कर्मी हैं कि वह हमसे स्पष्टीकरण पूछे और हम जवाब दें। इस स्पष्टीकरण से साफ साफ जाहिर है कि साहब की हनक में कोसी टाइम्स ने बाट लगाई तो साहब ने अपने पद की गरिमा को भूल स्पष्टीकरण मांग लिया।
कैदी की मौत और जेल में हंगामा को आज दो दिन पूरा होने को है अबतक जिला सूचना एवम जनसंपर्क कार्यालय द्वारा कोई प्रेस विज्ञप्ति जारी नहीं की गई। किसी भी तरह की प्रेस ब्रीफिंग नही की गई। 26 मार्च की रात करीब 9 बजे मधेपुरा पुलिस के नाम से चल रहे एक पेज पर इस संबंध में अनुमंडल पुलिस अधिकारी प्रवेंद्र भारती द्वारा एक बयान जारी किया गया है जिसमें यही जिक्र है कि जेल में बंद एक कैदी की मौत के बाद कैदियों ने हंगामा किया। बाद में उसे संभाल लिया गया। ऐसे में स्पष्टीकरण पूछने से पहले एसडीएम साहब को कम से कम तथ्यों का अवलोकन कर लेना चाहिए था।